बाड़मेर. जिले में भारतीय रेलवे और कृषि मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को देश की दूसरी व दक्षिण भारत की पहली 'किसान रेल' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है. यह रेल आंध्रप्रदेश के अनंतपुर से नई दिल्ली के बीच चलेगी. इस किसान रेल के शुभारंभ के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा की, इससे आंध्र प्रदेश सहित रूट में आने वाले अन्य राज्यों और शहर के किसानों को भी काफी फायदा होगा.
उनके उत्पाद सीधे दिल्ली के बाजारों तक पहुंच सकेंगे और उन्हें अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिल सकेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इस ट्रेन के चलने से किसानों के साथ व्यापारियों को भी फायदा होगा. कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि, किसान रेल के लिए भारत सरकार एक तरफ जहां किसानों की उपज को नए बाजारों तक पहुंचा कर उनकी आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है.
वहीं सरकार का प्रयास है कि देशभर में फल और सब्जियां पहुंचाने का एक नेटवर्क तैयार किया जाए, ताकि देश के किसी भी हिस्से में इनकी कमी होने से रेट काफी तेजी से न बढ़े. कैलाश चौधरी ने कहा कि, रोड की तुलना में किसानों को रेल के जरिए सामान भेजने पर नुकसान कम से कम होगा. ट्रेन के वैगेन में सामान को बेहद सावधानी से रखा जाता है.
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वहीं दूसरी तरफ सड़क से सामान भेजे जाने की तुलना में इस ट्रेन के जरिए सामान भेजने में कम किराए में सामान जल्दी पहुंच जाता है. मोदी सरकार के पिछले छह साल के कार्यकाल में सड़क, बिजली, फ्रीजर जैसी बुनियादी सुविधाओं के देशव्यापी विस्तार ने फलों और सब्जियों की खेती के लिए सुनहरा मौका दिया है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, किसान रेलों की शुरुआत से जल्दी खराब होने वाली कृषि उपजों के लिए वातानुकूलित संग्रह केंद्र खुलेंगे.
जहां इनकी लोडिंग-अनलोडिंग होगी. इससे न केवल किसानों की परिवहन समस्या दूर होगी, बल्कि भारतीय कृषि उत्पाद विश्व में अपनी धाक जमा सकेंगे. चौधरी के मुताबिक किसान रेल गांवों के साथ-साथ शहरों के लिए भी खुशहाली लाने वाली साबित होगी.