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असम के कोयला खदान में अब भी फंसे हैं आठ मजदूर, 5वें दिन भी बचाव अभियान जारी - UMARANGSO COAL MINE TRAGEDY

सोमवार 6 जनवरी को दीमा हसाओ में उमरांगसो कोयला खदान में पानी घुसने की वजह से 9 मजदूर फंस गए थे.

Umarangso Coal Mine Tragedy
दीमा हसाओ में उमरांगसो कोयला खदान में चल रहा बचाव अभियान (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

हाफलोंग: असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में तीन किलो कोयला खदान में हुए हादसे का आज पांचवां दिन है. सोमवार सुबह से ही कोयला खदान में पानी घुसने के बाद 8 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. समय बीतने के साथ खदान में फंसे मजदूरों के बचने की संभावना कम होती जा रही है.

हालांकि, विभिन्न चुनौतियों के बावजूद अलग-अलग उपायों के जरिए बचाव अभियान जारी है. हालांकि, बचाव दल अभी तक मजदूरों का पता नहीं लगा पाए हैं. इस बीच, कोयला खदान में 300 फीट पानी जमा होने के कारण बचाव अभियान मुश्किल में पड़ गया है. खदान से पानी निकालने वाले पंपों के दिन-रात काम करने के बाद भी खदान में फिर से पानी जमा हो रहा है. ऐसा संदेह है कि पास के खांडोंग बांध और कपिली नदी से कोयला खदान में पानी तेजी से आ रहा है.

फिलहाल नागपुर से लाए गए विशेष जल निकासी पंपों के पाइप कोयला खदान से 300 फीट नीचे लगाने की व्यवस्था की गई है. पता चला है कि, इसके बाद कोयला खदान के अंदर भरे हुए पानी को निकालने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं, कोयला खदान में अवैध खनन करने के आरोप में पुनुस नुनिसा नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है.

असम पुलिस ने अवैध खनन करने के आरोप में हनान लस्कर नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुनुस नुनिसा के कबूलनामे के आधार पर हनान को गिरफ्तार किया गया. पुनुस नुनिसा फिलहाल चार दिनों की पुलिस हिरासत में है.

गौरतलब है कि, बुधवार को एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और भारतीय नौसेना की संयुक्त बचाव टीम ने एक अभियान चलाया. इस दौरान नेपाल निवासी गंगा बहादुर श्रेष्ठ नाम के एक मजदूर का शव बरामद किया गया., लेकिन वे अभी भी आठ अन्य मजदूरों को बचा नहीं पाए हैं। इसके साथ ही कोयला खदानों में फंसे मजदूरों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अब सवाल यह है कि क्या फंसे हुए मजदूर अभी भी जीवित हैं? अगर वे जीवित नहीं हैं तो क्या उनके शव बरामद किए जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: असम के कोयला खदान में भरा पानी, फंस गए एक दर्जन से ज्यादा मजदूर, रेस्क्यू टीम को भेजा गया

ये भी पढ़ें: असम: कोयला खदान हादसे में एक मजदूर का शव मिला, बचाव अभियान जारी

ये भी पढ़ें: कोयला खदान में 34 घंटे से फंसे हैं 9 मजदूर, भारी बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित

हाफलोंग: असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में तीन किलो कोयला खदान में हुए हादसे का आज पांचवां दिन है. सोमवार सुबह से ही कोयला खदान में पानी घुसने के बाद 8 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. समय बीतने के साथ खदान में फंसे मजदूरों के बचने की संभावना कम होती जा रही है.

हालांकि, विभिन्न चुनौतियों के बावजूद अलग-अलग उपायों के जरिए बचाव अभियान जारी है. हालांकि, बचाव दल अभी तक मजदूरों का पता नहीं लगा पाए हैं. इस बीच, कोयला खदान में 300 फीट पानी जमा होने के कारण बचाव अभियान मुश्किल में पड़ गया है. खदान से पानी निकालने वाले पंपों के दिन-रात काम करने के बाद भी खदान में फिर से पानी जमा हो रहा है. ऐसा संदेह है कि पास के खांडोंग बांध और कपिली नदी से कोयला खदान में पानी तेजी से आ रहा है.

फिलहाल नागपुर से लाए गए विशेष जल निकासी पंपों के पाइप कोयला खदान से 300 फीट नीचे लगाने की व्यवस्था की गई है. पता चला है कि, इसके बाद कोयला खदान के अंदर भरे हुए पानी को निकालने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं, कोयला खदान में अवैध खनन करने के आरोप में पुनुस नुनिसा नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है.

असम पुलिस ने अवैध खनन करने के आरोप में हनान लस्कर नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुनुस नुनिसा के कबूलनामे के आधार पर हनान को गिरफ्तार किया गया. पुनुस नुनिसा फिलहाल चार दिनों की पुलिस हिरासत में है.

गौरतलब है कि, बुधवार को एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और भारतीय नौसेना की संयुक्त बचाव टीम ने एक अभियान चलाया. इस दौरान नेपाल निवासी गंगा बहादुर श्रेष्ठ नाम के एक मजदूर का शव बरामद किया गया., लेकिन वे अभी भी आठ अन्य मजदूरों को बचा नहीं पाए हैं। इसके साथ ही कोयला खदानों में फंसे मजदूरों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अब सवाल यह है कि क्या फंसे हुए मजदूर अभी भी जीवित हैं? अगर वे जीवित नहीं हैं तो क्या उनके शव बरामद किए जा सकते हैं.

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