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बाड़मेर : विख्यात श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा स्थगित, कलेक्टर ने जारी किए आदेश - कलेक्टर विश्राम मीणा

बाड़मेर सहित पूरे प्रदेशभर में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसे देखते हुए गहलोत सरकार कई सख्त कदम उठा रही है, ताकि बढ़ते हुए संक्रमण को रोका जा सके. वहीं, सरहदी बाड़मेर जिले में भी लगातार कोविड -19 अपने पैर पसारता जा रहा है. जिसके चलते बाड़मेर जिला कलेक्टर ने जिले में आयोजित हो रहा विख्यात श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं.

sri mallinath cattle fair tilwara
विख्यात श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा स्थगित
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Published : Apr 16, 2021, 7:36 AM IST

बाड़मेर. लगातार बढ़ते संक्रमण एवं राज्य सरकार के आदेशों की पालना में विख्यात श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा को जारी की गई अनुमति को निरस्त करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है. बाड़मेर जिले में धार्मिक स्थल पूर्णतया बन्द रहेंगे. जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि वर्तमान में जिले में संक्रमित लोगों की संख्या 193 तक पहुंच गई है तथा संक्रमण बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता.

ऐसे में जिले में लगातार बढ़ते संक्रमण एवं राज्य सरकार के उक्त आदेश की पालना में राज्य स्तरीय श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा को जारी की गई अनुमति को निरस्त करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है. उन्होने बताया कि आयोजक, मेला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस प्रशासन को आज ही मेला स्थल को व्यवस्थित तरीके से खाली करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. जिला कलेक्टर मीणा ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वर्तमान परिस्थतियों के मद्देनजर राज्य सरकार के आदेशानुसार राज्य में 16 से 30 अप्रैल तक जारी नवीन गाइडलाइन के अनुसार समस्त प्रकार के सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल-कूद संबंधी, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह/जुलुस/त्यौहारों/मेलों की अनुमति नहीं होगी.

पढ़ें : कोविड-19 की दूसरी लहर : मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट हुआ फेल, मचा हाहाकार

पूजा-अर्चना, इबादत आदि घर पर रहकर ही की जाएगी. धार्मिक स्थलों पर प्रबन्धन द्वारा ही नियमित पूजा-अर्चना, इबादत आदि जारी रहेगी. जिन स्थलों पर ऑनलाइन दर्शनों की व्यवस्था है, वह जारी रहेगी. उन्होने बताया कि जिले में किसी भी स्तर से किसी भी प्रकार के मेलों अथवा आयोजन की अनुमति/स्वीकृति जारी की गई है तो उसे निरस्त समझा जाए तथा उपरोक्त में से किसी भी प्रकार के आयोजन नहीं किए जाएं. उन्होने बताया कि उपरोक्त वर्णित निर्देशों मे से किसी का भी उल्लंघन अपराध है. उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 एवं दा राजस्थान एपिडेमिक डिजीज ऑरडिनेन्स 2020 एवं अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत अभियोजित किया जा सकेगा.

बता दें कि 7 अप्रैल से ही यह विख्यात मेला शुरू हुआ था, जिसमें अलग-अलग जगहों से पशुपालक करीब 1400 पशुओं को इस मेले में लाए थे और कई अस्थाई दुकानें भी लगाई गई थी. ऐसे में जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर ने इस मेले को स्थगित कर दिया है.

बाड़मेर. लगातार बढ़ते संक्रमण एवं राज्य सरकार के आदेशों की पालना में विख्यात श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा को जारी की गई अनुमति को निरस्त करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है. बाड़मेर जिले में धार्मिक स्थल पूर्णतया बन्द रहेंगे. जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि वर्तमान में जिले में संक्रमित लोगों की संख्या 193 तक पहुंच गई है तथा संक्रमण बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता.

ऐसे में जिले में लगातार बढ़ते संक्रमण एवं राज्य सरकार के उक्त आदेश की पालना में राज्य स्तरीय श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा को जारी की गई अनुमति को निरस्त करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है. उन्होने बताया कि आयोजक, मेला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस प्रशासन को आज ही मेला स्थल को व्यवस्थित तरीके से खाली करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. जिला कलेक्टर मीणा ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वर्तमान परिस्थतियों के मद्देनजर राज्य सरकार के आदेशानुसार राज्य में 16 से 30 अप्रैल तक जारी नवीन गाइडलाइन के अनुसार समस्त प्रकार के सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल-कूद संबंधी, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह/जुलुस/त्यौहारों/मेलों की अनुमति नहीं होगी.

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पूजा-अर्चना, इबादत आदि घर पर रहकर ही की जाएगी. धार्मिक स्थलों पर प्रबन्धन द्वारा ही नियमित पूजा-अर्चना, इबादत आदि जारी रहेगी. जिन स्थलों पर ऑनलाइन दर्शनों की व्यवस्था है, वह जारी रहेगी. उन्होने बताया कि जिले में किसी भी स्तर से किसी भी प्रकार के मेलों अथवा आयोजन की अनुमति/स्वीकृति जारी की गई है तो उसे निरस्त समझा जाए तथा उपरोक्त में से किसी भी प्रकार के आयोजन नहीं किए जाएं. उन्होने बताया कि उपरोक्त वर्णित निर्देशों मे से किसी का भी उल्लंघन अपराध है. उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 एवं दा राजस्थान एपिडेमिक डिजीज ऑरडिनेन्स 2020 एवं अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत अभियोजित किया जा सकेगा.

बता दें कि 7 अप्रैल से ही यह विख्यात मेला शुरू हुआ था, जिसमें अलग-अलग जगहों से पशुपालक करीब 1400 पशुओं को इस मेले में लाए थे और कई अस्थाई दुकानें भी लगाई गई थी. ऐसे में जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर ने इस मेले को स्थगित कर दिया है.

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