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813वां उर्स : बड़े कुल की रस्म के साथ उर्स मेला सम्पन्न, जुम्मे की नमाज में उमड़े लाखों अकीदतमंद - URS COMPLETED IN AJMER

अजमेर में सूफी संत ख्वाजा के उर्स की बड़े कुल की रस्म संपन्न हो गई. इसके साथ ही उर्स मेला भी संपन्न हो गया है.

Urs Completed in Ajmer
जुम्मे की नमाज में उमड़े लाखों अकीदतमंद (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

अजमेर: सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स की बड़े कुल की रस्म शुक्रवार को संपन्न हो गई. इसके साथ ही उर्स मेला भी संपन्न हो गया है. शुक्रवार को लाखों जायरीन ने जुम्मे की नमाज अदा की. जुम्मे की नमाज को लेकर अकीदतमंदों में काफी उत्साह नजर आया. नमाज के बाद नमाजियों ने मुल्क में अमन चैन, भाइचारा और कौमी एकता के लिए दुआएं की. साथ ही गरीब नवाज के 800 वर्ष पहले दिए गए संदेश मोहब्बत, इंसानियत और भाइचारे का संदेश लेकर ख्वाजा के चाहने वाले अगले साल उर्स में फिर से आने की ख्वाहिश लेकर लौटने लगे है.

उर्स की बड़े कुल की रस्म संपन्न (ETV Bharat Ajmer)

शुक्रवार को ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की आखिरी बड़े कुल की रस्म अदा की गई. दरगाह की दरों दीवारों को गुलाब जल के केवड़े से धोया गया. इसके बाद दरगाह में खुद्दाम ने आपस में एक दूसरे को उर्स की मुबारकबाद देते हुए दस्तारबंदी की. इसके साथ ही उर्स मेला भी विधिवत सम्पन्न हो गया है. उर्स की छठी पर दरगाह में हाजिरी देने के लिए आए लाखों जायरीन जुम्मे के इंतजार में अजमेर में रुके हुए थे. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज में एक लाख से अधिक जायरीन ने जुम्मे की नमाज अदा की. इनमें हजारों जायरीनों ने कायड़ विश्राम स्थली में नमाज अदा की. यहां भी जायरीन के नमाज अदा करने के लिए इंतजाम किए गए थे.

पढ़ें: पाकिस्तानी जायरीनों ने अजमेर दरगार में चढ़ाई चादर, ख्वाजा की शान में गाए रंग और कलाम

नमाजियों में दिखा उत्साह: जुम्मे की नमाज अदा करने की लिए नमाजियों में खासा उत्साह नजर आया. 11 बजे से ही नमाजी दरगाह में शाहजहानी मस्जिद में कतारें बनाने में लग गए. धीरे-धीरे नमाजियों की संख्या बढ़ती गई और कतारें पूरे दरगाह परिसर से होते हुए दरगाह बाजार, धान मंडी, देहली गेट से पार हो गई. इधर अंदर कोट और नला बाजार में भी कतारें लग गई. इसके अलावा होटल और गेस्ट हाउस की छतों पर भी अकीदतमंदों ने नमाज अदा की.

भाइचारा देख गदगद हुए जायरीन: अजमेर में गंगा जमुनी तहजीब को देख जायरीन गदगद हो गए. नमाज के बाद बातचीत में अकीदतमंदों ने अपने दिली जज्बात पेश करते हुए कहा कि देश और दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है. सदियों से दरगाह से इंसानियत, मोहब्बत और भाइचारे का संदेश देश और दुनिया में चाहता रहा है. ख्वाजा के इस संदेश को साकार होते हुए उनके शहर में भी देखा है. यहां लोग आपस में मिलजुल कर रहते है. जबलपुर से आए जुनैद नियाजी, कलकत्ता से आए मोहम्मद हदीस और इंदौर से आए मौसिन खान ने कहा कि सभी चाहते हैं कि देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सब आपस में प्यार से रहें और देश की तरक्की और खुशहाली में सहयोग करें.

अजमेर: सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स की बड़े कुल की रस्म शुक्रवार को संपन्न हो गई. इसके साथ ही उर्स मेला भी संपन्न हो गया है. शुक्रवार को लाखों जायरीन ने जुम्मे की नमाज अदा की. जुम्मे की नमाज को लेकर अकीदतमंदों में काफी उत्साह नजर आया. नमाज के बाद नमाजियों ने मुल्क में अमन चैन, भाइचारा और कौमी एकता के लिए दुआएं की. साथ ही गरीब नवाज के 800 वर्ष पहले दिए गए संदेश मोहब्बत, इंसानियत और भाइचारे का संदेश लेकर ख्वाजा के चाहने वाले अगले साल उर्स में फिर से आने की ख्वाहिश लेकर लौटने लगे है.

उर्स की बड़े कुल की रस्म संपन्न (ETV Bharat Ajmer)

शुक्रवार को ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की आखिरी बड़े कुल की रस्म अदा की गई. दरगाह की दरों दीवारों को गुलाब जल के केवड़े से धोया गया. इसके बाद दरगाह में खुद्दाम ने आपस में एक दूसरे को उर्स की मुबारकबाद देते हुए दस्तारबंदी की. इसके साथ ही उर्स मेला भी विधिवत सम्पन्न हो गया है. उर्स की छठी पर दरगाह में हाजिरी देने के लिए आए लाखों जायरीन जुम्मे के इंतजार में अजमेर में रुके हुए थे. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज में एक लाख से अधिक जायरीन ने जुम्मे की नमाज अदा की. इनमें हजारों जायरीनों ने कायड़ विश्राम स्थली में नमाज अदा की. यहां भी जायरीन के नमाज अदा करने के लिए इंतजाम किए गए थे.

पढ़ें: पाकिस्तानी जायरीनों ने अजमेर दरगार में चढ़ाई चादर, ख्वाजा की शान में गाए रंग और कलाम

नमाजियों में दिखा उत्साह: जुम्मे की नमाज अदा करने की लिए नमाजियों में खासा उत्साह नजर आया. 11 बजे से ही नमाजी दरगाह में शाहजहानी मस्जिद में कतारें बनाने में लग गए. धीरे-धीरे नमाजियों की संख्या बढ़ती गई और कतारें पूरे दरगाह परिसर से होते हुए दरगाह बाजार, धान मंडी, देहली गेट से पार हो गई. इधर अंदर कोट और नला बाजार में भी कतारें लग गई. इसके अलावा होटल और गेस्ट हाउस की छतों पर भी अकीदतमंदों ने नमाज अदा की.

भाइचारा देख गदगद हुए जायरीन: अजमेर में गंगा जमुनी तहजीब को देख जायरीन गदगद हो गए. नमाज के बाद बातचीत में अकीदतमंदों ने अपने दिली जज्बात पेश करते हुए कहा कि देश और दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है. सदियों से दरगाह से इंसानियत, मोहब्बत और भाइचारे का संदेश देश और दुनिया में चाहता रहा है. ख्वाजा के इस संदेश को साकार होते हुए उनके शहर में भी देखा है. यहां लोग आपस में मिलजुल कर रहते है. जबलपुर से आए जुनैद नियाजी, कलकत्ता से आए मोहम्मद हदीस और इंदौर से आए मौसिन खान ने कहा कि सभी चाहते हैं कि देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सब आपस में प्यार से रहें और देश की तरक्की और खुशहाली में सहयोग करें.

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