बाड़मेर. जिला नगर परिषद पट्टा प्रकरण के बाद अब एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. मामला 30 साल पहले मर चुके पाक शरणार्थी के नाम से भवन निर्माण की स्वीकृति जारी का है. इस मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेजा था. वहीं आरोपी की जमानत को लेकर लगाई गई याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. नगर परिषद के कांग्रेस बोर्ड में हुए इस मामले के बाद भाजपा अब कांग्रेस को घेर रही है.
जानकारी के अनुसार पाक से आए शरणार्थियों को केंद्र सरकार की योजना के तहत 1979 में बाड़मेर में चौहटन रोड पर आवास आवंटित किए गए थे. इनमें क्वार्टर नं-35 किस्तूर चंद के नाम से आवंटित किया गया था. करीब 11 साल बाद 14 फरवरी 1990 को किस्तूर चंद की मौत हो गई. ये आवंटित क्वार्टर 99 साल की लीज पर दिए गए थे इन्हें बेच नहीं सकते थे. इसके बावजूद भी 30 साल में इसको इकरारनामे पर तीन बार बेचा गया.
अब नगर परिषद में मृतक किस्तूर चंद के नाम से नगर परिषद अधिकारियों और कर्मचारियों से साठ गांठ कर निर्माण कार्य के लिए खरीददार जगदीश सुथार ने इजाजत ले ली. इसको लेकर कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ तो आरोपी जगदीश को गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद उसे न्यायालय में पेश कर पुलिस ने रिमांड मांगा. न्यायालय ने आरोपी को 2 दिन के रिमांड पर भेज दिया है. वहीं आरोपी की जमानत के लिए लगाई गई याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है. नगर परिषद के अधिकारी और कार्मिक भी पुलिस के संदेह के घेरे में है पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.
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बाड़मेर नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड है ऐसे में कांग्रेस के कार्यकाल में ही पट्टा प्रकरण हुआ था जिसको लेकर नगर परिषद अभी तक विवादों के घेरे में है. अब नगर परिषद एक बार फिर मृत व्यक्ति के नाम से इजाजत देने को लेकर सुर्खियों में आ गई है. इस पूरे मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष पृथ्वी चांडक ने प्रेस नोट जारी कर नगर परिषद ने कांग्रेस के बोर्ड पर जबरदस्त आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले ही हमने सभापति को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर नगर परिषद में हो रहे भ्रष्टाचार पर जोर दिया था.