शाहबाद (बारां). जिले की शाहबाद पंचायत समिति में अब एक और नई ग्राम पंचायत जुड़ जाएगी. मझारी गांव के आस-पास आने वाले अन्य गांव ग्राम पंचायत कस्बा नोनेरा में जुड़े हुए थे. अब सरकार ने हाल ही में मझारी गांव को पंचायत बनाने की घोषणा कर दी है. इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी है. पहले कस्बानोनेरा पंचायत की जनसंख्या करीब 7 हजार थी. इस ग्राम पंचायत का क्षेत्र लंबा-चौड़ा होने के कारण गांवों का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता था.
लेकिन अब मझारी के पंचायत बनने पर यहां की जनसंख्या 4 हजार के करीब बताई जा रही है. इस पर गांव के लोगों का कहना है कि यह गांव कस्बा नोनेरा पंचायत में सालों से जुड़ा हुआ था. इसके बावजूद क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव ही रहा. यहां आज भी सड़कें नहीं है, बड़े शिक्षण संस्थान नहीं है. अस्पताल नहीं होने की वजह से चिकित्सा सेवाओं का भी लोगों को ठीक तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलवा अन्य प्रकार की समस्याएं भी गांव में जस की तस बनी हुई हैं.
गांव को पंचायत का दर्जा मिलने के बाद अब यहां पर कई विकास कार्य हो सकेंगे. जैसे कि 12वीं क्लास तक स्कूल खुल सकेगा, गौरव-पथ का निर्माण होगा, पक्की सड़कें बनेंगी, पंचायत कार्यालय भवन बनेगा, उप स्वास्थ्य केंद्र बनेगा, अटल सेवा केंद्र खुलेगा और मिनी बैंक सहित विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लोगों को लाभ मिल पाएगा. गांव को पंचायत का दर्जा मिलने पर ईटीवी भारत रिपोर्टर मझारी गांव के लोगों के बीच पहुंचे और उनसे बातचीत कर उनकी राय जानी.
आसपास के गांवों में जाने के लिए पक्की सड़कें तक नहीं...
मझारी गांव के आसपास आने वाले अन्य गांवों में सबसे मुख्य समस्या पक्की सड़कें और आवागमन के परिवहन साधनों की है. पक्की सड़क नहीं होने के कारण यह क्षेत्र हर चीज में पिछड़ा हुआ है. क्षेत्र में पक्की सड़क का निर्माण होने से ये यह गांव विकास की रफ्तार पकड़ सकते हैं. इसके अलावा लोगों के लिए आने-जाने के रास्ते भी सुगम हो जाएंगे.
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हर सुविधा के लिए दूसरे गांव पर ही निर्भरता...
मझारी गांव समेत आसपास के गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां पर क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से सरकार की कई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. सरकार की कई जन कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए क्षेत्र के लोगों को 20 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. कई बार वहां पर अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिलते हैं. जिससे लोगों के पैसे के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है. ग्राम पंचायत मुख्यालय बनने के बाद मूलभूत सुविधाओं का लाभ पंचायत मुख्यालय पर ही मिल सकेगा.
राशन लेने के लिए भी चलना पड़ता है 10 किलोमीटर...
गांव के लोगों को राशन सामग्री, मनरेगा योजना में काम के फार्म भरवाने और अन्य जरूरत के कामकाज के लिए गांव से जंगल के रास्ते पैदल चलकर कस्बानोनेरा पंचायत मुख्यालय पर जाना पड़ता है. आवागमन के साधन नहीं होने के कारण कई बार राशन सामग्री को सिर पर रखकर पैदल चलना पड़ता है.
ऐसे में रास्ते में कई बार लोगों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब पंचायत मुख्यालय पर ही राशन सामग्री की दुकान खुलेगी तो गांव के लोगों को इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. मझारी गांव को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाने की सूचना मिलते ही गांव के लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी. साथ ही सरकार का आभार भी जताया.