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स्पेशल: पंचायत मुख्यालय का दर्जा बदलेगा मझारी गांव की 'तकदीर'

बारां जिले का मझारी गांव, यहां की आबादी करीब 4 हजार है. लेकिन आजादी के इतने सालों बाद भी अब तक यह गांव विकास से कोसों दूर रहा. इसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि अब तक यह गांव दूसरी पंचायत में शामिल था. लेकिन अब हाल ही में इस गांव को ग्राम पंचायत मुख्यालय का दर्जा दिए जाने के साथ ही अब ग्रामीणों में उम्मीद जगी है.

बारां की खबर, panchayat headquarters in baran, मझारी गांव, लोगों में खुशी
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Published : Nov 25, 2019, 2:12 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 3:05 PM IST

शाहबाद (बारां). जिले की शाहबाद पंचायत समिति में अब एक और नई ग्राम पंचायत जुड़ जाएगी. मझारी गांव के आस-पास आने वाले अन्य गांव ग्राम पंचायत कस्बा नोनेरा में जुड़े हुए थे. अब सरकार ने हाल ही में मझारी गांव को पंचायत बनाने की घोषणा कर दी है. इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी है. पहले कस्बानोनेरा पंचायत की जनसंख्या करीब 7 हजार थी. इस ग्राम पंचायत का क्षेत्र लंबा-चौड़ा होने के कारण गांवों का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता था.

मझारी गांव को मिला पंचायत मुख्यालय का दर्जा, लोगों में खुशी की लहर

लेकिन अब मझारी के पंचायत बनने पर यहां की जनसंख्या 4 हजार के करीब बताई जा रही है. इस पर गांव के लोगों का कहना है कि यह गांव कस्बा नोनेरा पंचायत में सालों से जुड़ा हुआ था. इसके बावजूद क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव ही रहा. यहां आज भी सड़कें नहीं है, बड़े शिक्षण संस्थान नहीं है. अस्पताल नहीं होने की वजह से चिकित्सा सेवाओं का भी लोगों को ठीक तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलवा अन्य प्रकार की समस्याएं भी गांव में जस की तस बनी हुई हैं.

गांव को पंचायत का दर्जा मिलने के बाद अब यहां पर कई विकास कार्य हो सकेंगे. जैसे कि 12वीं क्लास तक स्कूल खुल सकेगा, गौरव-पथ का निर्माण होगा, पक्की सड़कें बनेंगी, पंचायत कार्यालय भवन बनेगा, उप स्वास्थ्य केंद्र बनेगा, अटल सेवा केंद्र खुलेगा और मिनी बैंक सहित विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लोगों को लाभ मिल पाएगा. गांव को पंचायत का दर्जा मिलने पर ईटीवी भारत रिपोर्टर मझारी गांव के लोगों के बीच पहुंचे और उनसे बातचीत कर उनकी राय जानी.

आसपास के गांवों में जाने के लिए पक्की सड़कें तक नहीं...

मझारी गांव के आसपास आने वाले अन्य गांवों में सबसे मुख्य समस्या पक्की सड़कें और आवागमन के परिवहन साधनों की है. पक्की सड़क नहीं होने के कारण यह क्षेत्र हर चीज में पिछड़ा हुआ है. क्षेत्र में पक्की सड़क का निर्माण होने से ये यह गांव विकास की रफ्तार पकड़ सकते हैं. इसके अलावा लोगों के लिए आने-जाने के रास्ते भी सुगम हो जाएंगे.

पढ़ें: लाखों की चोरी करने वाला शातिर आरोपी गिरफ्तार, कई थानों में दर्ज हैं मामले

हर सुविधा के लिए दूसरे गांव पर ही निर्भरता...

मझारी गांव समेत आसपास के गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां पर क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से सरकार की कई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. सरकार की कई जन कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए क्षेत्र के लोगों को 20 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. कई बार वहां पर अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिलते हैं. जिससे लोगों के पैसे के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है. ग्राम पंचायत मुख्यालय बनने के बाद मूलभूत सुविधाओं का लाभ पंचायत मुख्यालय पर ही मिल सकेगा.

राशन लेने के लिए भी चलना पड़ता है 10 किलोमीटर...

गांव के लोगों को राशन सामग्री, मनरेगा योजना में काम के फार्म भरवाने और अन्य जरूरत के कामकाज के लिए गांव से जंगल के रास्ते पैदल चलकर कस्बानोनेरा पंचायत मुख्यालय पर जाना पड़ता है. आवागमन के साधन नहीं होने के कारण कई बार राशन सामग्री को सिर पर रखकर पैदल चलना पड़ता है.

पढ़ें: दायीं मुख्य नहर में पानी के रिसाव को रोकने में CAD प्रशासन को नहीं मिली सफलता, बन सकती है परेशानी का सबब

ऐसे में रास्ते में कई बार लोगों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब पंचायत मुख्यालय पर ही राशन सामग्री की दुकान खुलेगी तो गांव के लोगों को इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. मझारी गांव को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाने की सूचना मिलते ही गांव के लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी. साथ ही सरकार का आभार भी जताया.

शाहबाद (बारां). जिले की शाहबाद पंचायत समिति में अब एक और नई ग्राम पंचायत जुड़ जाएगी. मझारी गांव के आस-पास आने वाले अन्य गांव ग्राम पंचायत कस्बा नोनेरा में जुड़े हुए थे. अब सरकार ने हाल ही में मझारी गांव को पंचायत बनाने की घोषणा कर दी है. इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी है. पहले कस्बानोनेरा पंचायत की जनसंख्या करीब 7 हजार थी. इस ग्राम पंचायत का क्षेत्र लंबा-चौड़ा होने के कारण गांवों का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता था.

मझारी गांव को मिला पंचायत मुख्यालय का दर्जा, लोगों में खुशी की लहर

लेकिन अब मझारी के पंचायत बनने पर यहां की जनसंख्या 4 हजार के करीब बताई जा रही है. इस पर गांव के लोगों का कहना है कि यह गांव कस्बा नोनेरा पंचायत में सालों से जुड़ा हुआ था. इसके बावजूद क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव ही रहा. यहां आज भी सड़कें नहीं है, बड़े शिक्षण संस्थान नहीं है. अस्पताल नहीं होने की वजह से चिकित्सा सेवाओं का भी लोगों को ठीक तरीके से लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलवा अन्य प्रकार की समस्याएं भी गांव में जस की तस बनी हुई हैं.

गांव को पंचायत का दर्जा मिलने के बाद अब यहां पर कई विकास कार्य हो सकेंगे. जैसे कि 12वीं क्लास तक स्कूल खुल सकेगा, गौरव-पथ का निर्माण होगा, पक्की सड़कें बनेंगी, पंचायत कार्यालय भवन बनेगा, उप स्वास्थ्य केंद्र बनेगा, अटल सेवा केंद्र खुलेगा और मिनी बैंक सहित विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लोगों को लाभ मिल पाएगा. गांव को पंचायत का दर्जा मिलने पर ईटीवी भारत रिपोर्टर मझारी गांव के लोगों के बीच पहुंचे और उनसे बातचीत कर उनकी राय जानी.

आसपास के गांवों में जाने के लिए पक्की सड़कें तक नहीं...

मझारी गांव के आसपास आने वाले अन्य गांवों में सबसे मुख्य समस्या पक्की सड़कें और आवागमन के परिवहन साधनों की है. पक्की सड़क नहीं होने के कारण यह क्षेत्र हर चीज में पिछड़ा हुआ है. क्षेत्र में पक्की सड़क का निर्माण होने से ये यह गांव विकास की रफ्तार पकड़ सकते हैं. इसके अलावा लोगों के लिए आने-जाने के रास्ते भी सुगम हो जाएंगे.

पढ़ें: लाखों की चोरी करने वाला शातिर आरोपी गिरफ्तार, कई थानों में दर्ज हैं मामले

हर सुविधा के लिए दूसरे गांव पर ही निर्भरता...

मझारी गांव समेत आसपास के गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां पर क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से सरकार की कई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. सरकार की कई जन कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए क्षेत्र के लोगों को 20 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. कई बार वहां पर अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिलते हैं. जिससे लोगों के पैसे के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है. ग्राम पंचायत मुख्यालय बनने के बाद मूलभूत सुविधाओं का लाभ पंचायत मुख्यालय पर ही मिल सकेगा.

राशन लेने के लिए भी चलना पड़ता है 10 किलोमीटर...

गांव के लोगों को राशन सामग्री, मनरेगा योजना में काम के फार्म भरवाने और अन्य जरूरत के कामकाज के लिए गांव से जंगल के रास्ते पैदल चलकर कस्बानोनेरा पंचायत मुख्यालय पर जाना पड़ता है. आवागमन के साधन नहीं होने के कारण कई बार राशन सामग्री को सिर पर रखकर पैदल चलना पड़ता है.

पढ़ें: दायीं मुख्य नहर में पानी के रिसाव को रोकने में CAD प्रशासन को नहीं मिली सफलता, बन सकती है परेशानी का सबब

ऐसे में रास्ते में कई बार लोगों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब पंचायत मुख्यालय पर ही राशन सामग्री की दुकान खुलेगी तो गांव के लोगों को इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. मझारी गांव को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाने की सूचना मिलते ही गांव के लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी. साथ ही सरकार का आभार भी जताया.

Intro:शाहबाद (बारां )
बारां जिले की शाहबाद पंचायत समिति में अब एक और ग्राम पंचायत जुड़ जाएगी मझारी गांव को पंचायत का दर्जा मिलने से क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है पहले गांव विकास की दौड़ में पीछे था लेकिन अब पंचायत मुख्यालय बनने पर गांव में बहेगी विकास की गंगा इसी को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की मझारी गांव के बाशिंदों से।Body:बारां जिले के शाहबाद पंचायत समिति में अब एक और नई पंचायत जुड़ जाएगी,मझारी गांव के आस पास आने वाले अन्य गांव ग्राम पंचायत कस्बानोनेरा में जुड़े हुए थे, अब सरकार ने हाल ही में मझारी गांव को पंचायत बनाने की घोषणा कर दी है, इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर बनी हुई है, पहले कस्बानोनेरा पंचायत की जनसंख्या 7000 के लगभग थी, तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र ज्यादा लंबा होने के कारण गांवों का विकास ठीक तरीके से नहीं हो पाता था, अब मझारी पंचायत बनने पर यहां की जनसंख्या 4000 के लमसम बताई जा रही है।मझारी पंचायत की घोषणा होने पर क्षेत्र के लोगों में खासी खुशी बनी हुई ।है गांव के लोगों का कहना है, कि जब यह गांव कस्बानोनेरा पंचायत में वर्षों से जुड़ा हुआ है, तब भी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सड़के नहीं है, हॉस्पिटल नहीं है, चिकित्सा सुविधाओं का लोगों को ठीक तरीके से लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य प्रकार की समस्या गांव में बनी हुई हैं। अब मझारी गांव को पंचायत का दर्जा मिला है, तो यहां पर कई विकास के कार्य होंगे,जैसे कि 12वीं क्लास तक विद्यालय खुलेगा, गौरव पथ निर्माण होगा, पक्की सड़कें बनेंगी, पंचायत कार्यालय भवन बनेगा, उप स्वास्थ्य केंद्र, लेंपस की दुकान खुलेगी, अटल सेवा केंद्र खुलेगा, मिनी बैंक सहित विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लोगों को लाभ मिलेगा तथा अन्य सरकारी डिपार्टमेंट भी यहां पर खुलेंगे, इससे क्षेत्र के लोगों को फायदा मिलेगा और क्षेत्र का भी विकास होगा,लोगों का कहना है कि कई विकास के कार्य एसे हैं जो क्षेत्र के लोगों को बहुत ही जरूरी हैं, लेकिन मांग करते करते सरकार से थक गए हैं, लेकिन अभी तक लोगों की मांग पूरी नहीं हुई है, अब लोगों को आस लगी है, कि पंचायत मुख्यालय बनने के बाद यहां की समस्याओं का समाधान जल्दी से हो जाएगा, साथ ही विकास की गंगा भी गांव में तेजी से बहेगी, इससे गांव की स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा।गांव हाई सेकेंडरी विद्यालय खुलेगा, तो गांव के बच्चे शिक्षित होंगे और स्कूल के अभाव में कुछ बच्चे पढ़ाई छोड़ देते थे वह अब अपनी लगातार पढ़ाई करेंगे और अपना उज्जवल भविष्य बनाएंगे। पंचायत का दर्जा मिलने से गांव के लोगों में भारी खुशी का माहौल दिखाई दे रहा है। पंचायत का दर्जा मिलने पर ईटीवी भारत रिपोर्टर मझारी गांव के लोगों के बीच पहुंचा और उनसे खास बातचीत कर उनकी राय जानी।

पक्की सड़क में नहीं होना लोगों की मुख्य समस्या बनी हुई हैं।:-
मझारी गांव के आसपास आने वाले अन्य गावों में सबसे मुख्य समस्या पक्की सड़क और आवागमन के साधनों की है पक्की सड़क नहीं होने के कारण यह क्षेत्र हर चीज में पिछड़ा हुआ है अगर यहां पर पक्की सड़क का निर्माण हो जाए तो ऑटोमेटिक क्षेत्र विकास की रफ्तार पकड़ जाएगा पक्की सड़क होगी तो लोगों के लिए आने-जाने के रास्ते शुभम हो जाएंगे और आवागमन के लिए साधन भी संचालित हो जाएंगे फिलहाल लोगों को बैल गाड़ियों और दोपहिया वाहनों से या पैदल चलकर कच्ची राह पर पैदल चलना पड़ता है लोग लंबे समय से गांवों को पक्की सड़क पहुंचाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी मांग को कोई सरकार द्वारा पूरा नहीं किया गया है।

मूलभूत सुविधाओं का अभाव:-
मझारी गांव समेत आसपास के गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है यहां पर क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है सरकार की कई जनकल्याणकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए क्षेत्र के लोगों को 20 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है ऐसे में वहां पर अधिकारी कर्मचारी नहीं मिलते हैं तो लोगों को पैसे के साथ साथ समय की बर्बादी भी झेलनी पड़ती है इसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अब लोगों का मानना है कि ग्राम पंचायत मुख्यालय बनने के बाद मूलभूत सुविधाओं का लाभ पंचायत मुख्यालय पर मिलने लगेगा।

Conclusion:राशन सामग्री लेने गांव से पैदल चलकर 10 किलोमीटर लोगों को जाना पड़ता है दुकान पर:-
अभी गांव के लोगों को राशन सामग्री नरेगा योजना में काम के फार्म भरवाने व अन्य जरूरत के कामकाज के लिए गांव से जंगल के रास्ते पैदल चलकर कस्बानोनेरा पंचायत मुख्यालय पर जाना पड़ता है आवागमन के साधन नहीं होने के कारण कई बार राशन सामग्री को सर पर रख कर पैदल चलना पड़ता है ऐसे में रास्ते में कई बार लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है अब पंचायत मुख्यालय का राशन सामग्री की दुकान पंचायत मुख्यालय पर खुलेगी तो गांव के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा साथ ही समय और धन की बर्बादी से भी बचाव हो जाएगा तथा लोगों को कई प्रकार की समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा।

गांव के लोगों ने जताया सरकार का आभार:-
गांव के लोगों को जब मझारी गांव को पंचायत मुख्यालय बनाने की सूचना मिली तो गांव के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा एक बार तो लोग अचंभित हो गए की गांव को पंचायत मुख्यालय का दर्जा मिला है या नहीं इसकी जानकारी लोग क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेते रहे जब पुख्ता जानकारी मिली तो लोग एक दूसरे को बधाई देकर शुभकामनाएं दे देते दिखाई दिए साथ ही सरकार का भी बहुत-बहुत क्षेत्र के लोगों ने आभार जताया हैं।

अनिल भार्गव ईटीवी भारत रिपोर्टर वन टू वन गांव के लोगों के साथ
Last Updated : Nov 25, 2019, 3:05 PM IST
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