बांसवाड़ा. घाटे की नाल गांव में एक पैंथर ने बुधवार सुबह ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था. इससे दहशत के साथ ही लोगों में गुस्सा भी था. यही वजह है कि गुस्साए ग्रामीणों ने पैंथर को घेर शाम को मार डाला. रेंजर गोविंद से खींची ने बताया कि यह घटना उस समय की है जब पैंथर एक घर में घुस गया था. हालांकि हमें सुबह सूचना मिली तभी से हम मौके पर पहुंच गए थे.
रेंजर के मुताबिक मौके पर बहुत ज्यादा भीड़ थी और जिस घर में पैंथर छुपा था वहा से बार-बार हमला कर रहा था. किलर पैंथर ने दो और लोगों को घायल कर दिया था. वन्यजीव की इस हरकत पर गुस्साए ग्रामीणों ने उसे घेर कर मौत के घाट उतार दिया. बुधवार रात को ही उसकी डेड बॉडी का पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया और दाह संस्कार कर दिया गया.
मूक दर्शक वन विभाग- बांसवाड़ा जिले में 1 महीने में यह दूसरा मौका है जब ग्रामीणों ने घेरकर एक पैंथर को मार गिराया है. दोनों ही घटनाओं में पैंथर ने ग्रामीणों पर हमला किया इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने उन्हें मार गिराया. इस बार भी वन विभाग का वही जवाब है कि मामला दर्ज कर जांच करेंगे आगे कार्रवाई की जाएगी. जबकि बुधवार की घटना इसलिए भी सवालों के घेरे में है क्योंकि मौके पर वन विभाग और पुलिस के जवान भी मौजूद थे. बावजूद इसके पैंथर को मार गिराया गया.
जंगल के निकट बन रहे घर और मकान- पैंथर की मौत की एक अहम वजह वनक्षेत्र के नजदीक बसती बस्तियां भी हैं. जिले में जंगल के निकट लोग घर और मकान बनाने लगे हैं. जिससे आबादी क्षेत्र में पैंथर का आना स्वाभाविक है. घाटे की नाल, भंवर कड़ा के बीच घटी घटना ने वन विभाग और पुलिस की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है. इससे पहले धर्मदेव गांव में पैंथर को मार गिराया गया था.
लगातार बढ़ रही पैंथर की आबादी- दरअसल, बांसवाड़ा जिले में पानी और जंगल प्रचुर मात्रा में मौजूद है ऐसे में पैंथर कुनबा हर साल बढ़ता जा रहा है. पैंथर को मारे जाने की दोनों घटनाएं आंबापुरा थाना क्षेत्र की है जो कि बांसवाड़ा रेंज में आता है. वन विभाग ने पैंथर्स की गणना की. काउंटिंग में पता चला कि 24 से ज्यादा फॉरेस्ट में मौजूद हैं.