बांसवाड़ा. बालश्रम करते पाए जाने पर एक 12 वर्षीय बालक को किशोर गृह भेज दिया गया है. चाइल्ड लाइन के अधिकारियों ने किशोर को उज्जैन में भेड़ चराते हुए पाया है. वहीं मामले में उसके पिता को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल, चाइल्ड हेल्पलाइन उज्जैन की नजर भेड़ चराते हुए एक बच्चे पर पड़ गई. इस बच्चे को विश्वास में लेकर टीम ने पूछताछ की तो चौंकाने वाला सच साने आया. किशोर बांसवाड़ा जिले के खमेरा थाना अंतर्गत सुंडई गांव निवासी था. पूछताछ के दौरान पता चला कि उसकी उम्र 12 वर्ष है. नाम किशन (बदला हुआ नाम) है. उसके पिता का नाम मोहन चारेला है. राजू ने बताया कि उसके पिता ने उसे एक गडरिया के हाथ कांट्रैक्ट पर बेंचा है. हर साल वह कांट्रैक्ट की राशि बढ़ा रहा है. 9 साल की उम्र में ही उसके पिता ने उसे उज्जैन निवासी तुलसीराम के यहां 1 साल के कंट्रेक्ट पर 24 हजार रुपए में भेजा था. दूसरे साल कांट्रेक्ट की राशि 30 हजार रुपए कर दी गई. वहीं तीसरे साल यह राशि 36 हजार की गई है.
चाइल्ड हेल्पलाइन के अधिकारियों को किशन ने बताया कि 3 साल से वह पाली जिले के तुलसी राम गडरिया के यहां भेड़ चराने का काम कर रहा है. टीम ने उसे मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति उज्जैन को सौंपा है. साल एग्रीमेंट पीरियड बढ़ा रहा था. भला हो उज्जैन की चाइल्ड हेल्पलाइन टीम का जिसकी नजर मासूम पर पड़ गई और उसे गडरिया से मुक्त करवाकर बाल कल्याण समिति उज्जैन के हवाले कर दिया. अंततः पुलिस की मदद से मासूम को बांसवाड़ा लाया गया जहां बाल कल्याण समिति ने अस्थाई तौर पर उसे किशोर गृह मे रखने का आदेश दिया.
मामले में खमेरा पुलिस को गडरिया तुलसीराम के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दी गई. खमेरा पुलिस उज्जैन पहुंची और राजू को शुक्रवार तड़के बांसवाड़ा ले आई. जिसे समिति के समक्ष पेश किया गया. समिति चेयरमैन त्रिवेदी और सदस्य मधुसूदन व्यास ने बच्चे के भविष्य को देखते हुए उसे राजकीय किशोर गृह में रखने का आदेश दिया. वहीं पुलिस ने गडरिया तुलसीराम को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं बांसवाड़ा बाल कल्याण समित समिति सदस्य मधुसूदन व्यास ने बताया है कि बच्चे के भविष्य को देखते अस्थाई तौर पर उसे राजकीय किशोर कराना भेज दिया है. जहां उसकी पढ़ाई और लालन पालन किया जाएगा.