कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में रमिला खड़िया के विधायक बनने के बाद रिक्त हुई कुशलगढ़ पंचायत समिति प्रधान का उपचुनाव सोमवार को पंचायत समिति परिसर के सभागार सम्पन्न हुए. सोमवार सुबह 10 से 11बजे तक नामांकन दाखिल किये गए. जिसमें भाजपा से चंपा देवी ने पूर्व संसदीय सचिव भीमाभाई ड़ामोर, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर द्विवेदी, युवा मोर्चा प्रदेश मंत्री मुकेश रावत,काहनिंग रावत, नितेश बैरागी के साथ पहुंचकर भाजपा से प्रधान पद के लिए आवेदन किया.
वहीं कांग्रेस से रेखा पुत्री गौतम भी कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया, ब्लॉक अध्यक्ष जयंतीलाल कोवालिया, पीसीसी सदस्य हंसमुख सेठ, जिला उपाध्यक्ष हवसिंह कटारा, नेता प्रतिपक्ष रजनीकांत खाब्या, विजय खड़िया के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंची.
सोमवार दोपहर 3 बजे से मतदान शुरु हुआ. जिसमें सर्वप्रथम भाजपा के सभी 9 सदस्यों ने मतदान किया जिसके कुछ देर बाद कांग्रेस प्रत्याशी रेखा सहित 7 सदस्यों ने पहुंचकर मतदान किया. उपचुनाव का परिणाम शाम चार बजे आया जिसमें भाजपा प्रत्याशी चंपादेवी विजय हुई. भाजपा प्रत्याशी चंपादेवी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी रेखा गौतम को एक वोट से हराया.
कुशलगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में आजादी के बाद से कांग्रेस और जनता दल का गढ़ रहा है. इस बार पंचायत राज के उपचुनाव में जनता दल व कांग्रेस के गढ़ में भाजपा सेंध लगाने में कामयाब हुई हैं. जहां भाजपा प्रत्याशी चंपा देवी को 9 मत प्राप्त हुए तो वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी रेखा गौतम को 8 वोट प्राप्त हुए. एक वोट से भाजपा प्रत्याशी चंपा देवी विजय हुई.
विधानसभा चुनाव 2018 में प्रधान रमिला खड़िया बतौर निर्दलीय कुशलगढ़ से चुनकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रही. उसके बाद से प्रधान पद रिक्त चल रहा था. संख्या बल पर नजर डाले तो 17 सदस्यों वाली इस पंचायत समिति में भाजपा और कांग्रेस के खाते में आठ आठ वार्ड हैं. एक वार्ड से चंपादेवी निर्दलीय चुनाव जीत कर पंचायत समिति पहुंची. चंपादेवी के सहयोग से ही रमिला खड़िया 2014 में प्रधान निर्वाचित हो पाई थी. निर्वाचन विभाग द्वारा प्रधान पद के उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित करने के बाद भाजपा संख्या बल जुटाने में लग गई और उसे सफलता भी हाथ लगी.
पार्टी नेता निर्दलीय चंपादेवी को पार्टी की सदस्यता 11 जुलाई को ग्रहण करवा थी. इसके बाद से ही भाजपा की राह आसान हो गई थी. आजादी के बाद कुशलगढ़ में भाजपा का कोई सदस्य पहली बार प्रधान बनने में कामयाब हुआ. जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाला.