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'स्टंट गर्ल' रीना मौत के कुएं में फर्राटे से चलाती है बाइक, हैरतअंगेज कारनामे दिखाना है शौक

बांसवाड़ा जिले से करीब 20 किलोमीटर दूर माही डैम की एक युवती मौत के कुएं में न केवल फर्राटे से बाइक चलाती है, बल्कि हैरतअंगेज कारनामे दिखाना उसका एक शौक बन चुका है.

A bike drives through the well in the well of death, banswara news, बांसवाड़ा न्यूज
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Published : Oct 13, 2019, 9:40 PM IST

बांसवाड़ा. जिले के कुशल बाग में नगर परिषद की ओर से आयोजित दशहरा मेला में मौत के कुंए को देखने बड़ी संख्या में लोग जा रहे हैं. इस मेले में स्टंट गर्ल रीना को बेखौफ होकर बाइक चलाते देखा जा सकता है.

मौत के कुएं में फर्राटे से चलाती है बाइक

कभी हाथ छोड़कर तो कभी बाइक को हिलाकर वहां मौजूद लोग इस हैरतअंगेज करतब को देखकर रोमांचित हो उठते हैं. ईटीवी भारत से की गई बातचीत में रीना ने बताया कि माता-पिता का साया बचपन से ही उसके सिर से उठ गया था. परिवार में तीन भाई-बहनों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके सिर आ गई. जिसके चलते उसे बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी. 3 साल पहले वह गांव के लोगों के साथ यहीं पर मेला देखने आई थी. यहां जब मौत का कुआं के रोमांच को देखा तो उसने स्टंट सीखने की ठान ली.

पढ़ेंः बांसवाड़ा लूटपाट मामले में नया मोड़, 6 नहीं 2.8 लाख रुपये की हुई थी लूट

मौत के कुएं में बाइक चलाने वाली एक युवती से उसकी मुलाकात हुई और शीघ्र ही उसकी अच्छी खासी दोस्ती हो गई. जब उसके सामने रीना ने अपने दिल की बात रखी तो उसकी हिम्मत को देखते हुए उसने भी हां भर ली और उसे स्पेशल ट्रेनिंग के लिए पुणे भेज दिया. उसके बाद रीना ने अपनी फ्रेंड के साथ ही मौत के कुए में बाइक चलाने की नौकरी पा ली. बता दें कि पिछले 2 से ढाई साल के दौरान वह ग्वालियर, महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान के कई शहरों में अपने करतब दिखा चुकी है.

बांसवाड़ा. जिले के कुशल बाग में नगर परिषद की ओर से आयोजित दशहरा मेला में मौत के कुंए को देखने बड़ी संख्या में लोग जा रहे हैं. इस मेले में स्टंट गर्ल रीना को बेखौफ होकर बाइक चलाते देखा जा सकता है.

मौत के कुएं में फर्राटे से चलाती है बाइक

कभी हाथ छोड़कर तो कभी बाइक को हिलाकर वहां मौजूद लोग इस हैरतअंगेज करतब को देखकर रोमांचित हो उठते हैं. ईटीवी भारत से की गई बातचीत में रीना ने बताया कि माता-पिता का साया बचपन से ही उसके सिर से उठ गया था. परिवार में तीन भाई-बहनों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके सिर आ गई. जिसके चलते उसे बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी. 3 साल पहले वह गांव के लोगों के साथ यहीं पर मेला देखने आई थी. यहां जब मौत का कुआं के रोमांच को देखा तो उसने स्टंट सीखने की ठान ली.

पढ़ेंः बांसवाड़ा लूटपाट मामले में नया मोड़, 6 नहीं 2.8 लाख रुपये की हुई थी लूट

मौत के कुएं में बाइक चलाने वाली एक युवती से उसकी मुलाकात हुई और शीघ्र ही उसकी अच्छी खासी दोस्ती हो गई. जब उसके सामने रीना ने अपने दिल की बात रखी तो उसकी हिम्मत को देखते हुए उसने भी हां भर ली और उसे स्पेशल ट्रेनिंग के लिए पुणे भेज दिया. उसके बाद रीना ने अपनी फ्रेंड के साथ ही मौत के कुए में बाइक चलाने की नौकरी पा ली. बता दें कि पिछले 2 से ढाई साल के दौरान वह ग्वालियर, महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान के कई शहरों में अपने करतब दिखा चुकी है.

Intro:बांसवाड़ाl मौत का कुआंl नाम सुनते ही शायद हम में से कई तो अंदर स्टंट करने वालों को देखने की भी हिम्मत नहीं जुटा पातेl शरीर में एक अजीब सी झुरझुरी छूट पड़ती है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बांसवाड़ा से करीब 20 किलोमीटर दूर माही डैम की एक युवती भी मौत के कुएं में न केवल फर्राटे से बाइक चला रही है बल्कि हैरतअंगेज कारनामे दिखाना उसका एक शौक बन चुका है।


Body:यहां कुशल बाग में नगर परिषद की ओर से आयोजित दशहरा मेला में मौत का कुआं देखने भी बड़ी संख्या में लोग जा रहे हैं। इसमें ललाट पर चंदन का टीका लगाए रीना को बेखौफ होकर बाइक चलाते देखा जा सकता है। उसे कभी हाथ छोड़कर तो कभी बाइक को हिलाकर चढ़ाते देखकर दर्शक रोमांचित हो उठते हैं। ईटीवी भारत द्वारा रीना से की गई बातचीत में सामने आया कि माही डैम गांव में रहने वाली रीना के माता पिता का साया बचपन से ही उसके सिर से उठ गया। परिवार में तीन भाई-बहनों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उसके सिर आ गई। इसके चलते उसे बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। 3 साल पहले वह गांव के लोगों के साथ यहीं पर मेला देखने आई। यहां जब मौत का कुआं के रोमांच को देखा तो उसने स्टंट सीखने की ठान ली।


Conclusion:मौत के कुए में बाइक चलाने वाली एक युवती से उसकी मुलाकात हुई और शीघ्र ही उसकी अच्छी खासी दोस्ती हो गई। जब उसके सामने रीना ने अपने दिल की बात रखी तो उसकी हिम्मत को देखते हुए उसने भी हां भर ली और उसे स्पेशल ट्रेनिंग के लिए पुणे महाराष्ट्र भेज दिया। उसके बाद रीना ने अपनी फ्रेंड के साथ ही मौत के कुए में बाइक चलाने की नौकरी पा ली। पिछले 2 से ढाई साल के दौरान वह ग्वालियर महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान के कई शहरों में अपने करतब दिखा चुकी है। एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि डर नाम की चीज वह कब की भुला चुकी है। दर्शकों की दाद के आगे डर कहीं दिखाई नहीं देता। वही आरती जैन का कहना था कि वाकई यह बहुत खतरनाक काम है। काम करना तो दूर की बात इसे देखने के लिए भी हिम्मत जुटाने पड़ती है।

बाइट......1. आरती जैन दर्शक
......2. रीना स्टंट कलाकार

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