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इस बार IIT में एडमिशन के लिए बढ़ेगी दावेदारों की संख्या, टफ होगा कॉम्पिटिशन

JEE Advance में अटेंप्ट बढ़ने के साथ ही अब देश के प्रतिष्ठित IIT संस्थानों में प्रवेश के लिए टफ कॉम्पिटीशन होगा.

IIT में प्रवेश के लिए टफ होगा कॉम्पिटीशन
IIT संस्थान में प्रवेश के लिए टफ होगा कॉम्पिटीशन (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

कोटा : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED) के अटेम्प्ट्स में स्टूडेंट्स को राहत दी है. पहले स्टूडेंट इस परीक्षा में केवल दो बार शामिल हो सकते थे, लेकिन अब तीन बार परीक्षा दे सकते हैं. ऐसे में इस साल कैंडिडेट की संख्या बढ़ सकती है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने आंकड़ों का एनालिसिस करके बताया कि बीते सालों में जेईई एडवांस्ड के क्वालीफाई कैंडीडेट्स में करीब 28 से लेकर 44 फीसदी कैंडिडेट एग्जाम नहीं देते हैं, इनमें से अधिकांश तो एग्जाम के लिए आवेदन ही नहीं करते हैं, लेकिन साल 2025 में यह संख्या कम हो सकती है. बीते सालों में 2.5 लाख क्वालीफाई कैंडीडेट्स में से 70 हजार से 1.08 लाख तक कैंडिडेट एग्जाम में नहीं बैठे हैं. बीते 6 सालों के आंकड़ों को देखा जाए तो 9 से लेकर 12 कैंडिडेट तक एक आईआईटी सीट पर दावेदारी जताते हैं. इस बार यह आंकड़ा ज्यादा हो सकता है, क्योंकि एग्जाम में आवेदन करने वाले कैंडिडेट की संख्या बढ़ेगी. ऐसे में एग्जाम में कॉम्पिटीशन टफ हो सकता है.

JEE Advance
कैंडिडेट्स के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- Rajasthan: IIT एंट्रेस JEE ADVANCED में अब दो की जगह मिलेंगे तीन अटेम्प्ट, ऐसे कैंडिडेट्स को मिलेगा फायदा

पहले सीट कम होने पर ज्यादा था कॉम्पिटीशन : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि साल 2019 में 1.61 लाख कैंडिडेट ने एग्जाम दिया था, जबकि आईआईटी की सीट महज 13,604 थी. ऐसे में 1 सीट के लिए 12 कैंडिडेट में कॉम्पिटीशन था. इसके बाद साल 2020 और 2019 में कोविड-19 के चलते एग्जाम में बैठने वाले कैंडिडेट की संख्या कम हुई, लेकिन सीट बढ़ती रही. इसके चलते एक सीट पर 9 दावेदारों के बीच कंपटीशन हुआ. ऐसा ही 2022 में भी हुआ. हालांकि, 2023 में कैंडिडेट की संख्या बढ़ गई, इसलिए यह कॉम्पिटीशन 11 कैंडिडेट के बीच पहुंचा. बीते साल 2024 में यह कॉम्पिटीशन 10 कैंडिडेट के बीच हुआ है.

JEE Advance
कैंडिडेट्स के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

एडमिशन ले चुके कैंडिडेट भी दे सकते हैं परीक्षा : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि करीब 10 हजार कैंडिडेट इस बार जेईई एडवांस्ड के एग्जाम में ज्यादा बैठेंगे. इस बार बड़ी संख्या में वे कैंडिडेट भी परीक्षा देंगे, जो कि इस साल आईआईटी में एडमिशन नहीं मिलने के बाद निचले पायदान की एनआईटी, ट्रिपल आईटी या जीएफटीआई में एडमिशन ले चुके हैं.

JEE Advance
कैंडिडेट्स के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

देव शर्मा ने बताया कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन से ही क्वालीफाई होकर कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड की पात्रता पाते हैं. हर साल ढाई लाख कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड के लिए पात्र माने जाते हैं, लेकिन इन ढाई लाख में से बीते 6 सालों में 56 से लेकर 72 फीसदी कैंडिडेट ही एग्जाम दे पाए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अधिकांश कैंडिडेट्स के पास दो अटेम्प्ट खत्म हो चुके होते हैं. ऐसे में वह परीक्षा में नहीं बैठ पाते हैं. यह कैंडीडेट्स जेईई मेन की परीक्षा भी इसलिए देते हैं, ताकि एनआईटी, ट्रिपल आईटी और जीएफटीआई की अच्छी सीट्स पर वह एडमिशन ले सकें. अच्छी मेहनत की वजह से यह जेईई मेन में रैंक लाकर एडवांस के लिए क्वालीफाई हो जाते हैं, लेकिन उसकी पात्रता नहीं रखते हैं.

कोटा : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED) के अटेम्प्ट्स में स्टूडेंट्स को राहत दी है. पहले स्टूडेंट इस परीक्षा में केवल दो बार शामिल हो सकते थे, लेकिन अब तीन बार परीक्षा दे सकते हैं. ऐसे में इस साल कैंडिडेट की संख्या बढ़ सकती है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने आंकड़ों का एनालिसिस करके बताया कि बीते सालों में जेईई एडवांस्ड के क्वालीफाई कैंडीडेट्स में करीब 28 से लेकर 44 फीसदी कैंडिडेट एग्जाम नहीं देते हैं, इनमें से अधिकांश तो एग्जाम के लिए आवेदन ही नहीं करते हैं, लेकिन साल 2025 में यह संख्या कम हो सकती है. बीते सालों में 2.5 लाख क्वालीफाई कैंडीडेट्स में से 70 हजार से 1.08 लाख तक कैंडिडेट एग्जाम में नहीं बैठे हैं. बीते 6 सालों के आंकड़ों को देखा जाए तो 9 से लेकर 12 कैंडिडेट तक एक आईआईटी सीट पर दावेदारी जताते हैं. इस बार यह आंकड़ा ज्यादा हो सकता है, क्योंकि एग्जाम में आवेदन करने वाले कैंडिडेट की संख्या बढ़ेगी. ऐसे में एग्जाम में कॉम्पिटीशन टफ हो सकता है.

JEE Advance
कैंडिडेट्स के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

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पहले सीट कम होने पर ज्यादा था कॉम्पिटीशन : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि साल 2019 में 1.61 लाख कैंडिडेट ने एग्जाम दिया था, जबकि आईआईटी की सीट महज 13,604 थी. ऐसे में 1 सीट के लिए 12 कैंडिडेट में कॉम्पिटीशन था. इसके बाद साल 2020 और 2019 में कोविड-19 के चलते एग्जाम में बैठने वाले कैंडिडेट की संख्या कम हुई, लेकिन सीट बढ़ती रही. इसके चलते एक सीट पर 9 दावेदारों के बीच कंपटीशन हुआ. ऐसा ही 2022 में भी हुआ. हालांकि, 2023 में कैंडिडेट की संख्या बढ़ गई, इसलिए यह कॉम्पिटीशन 11 कैंडिडेट के बीच पहुंचा. बीते साल 2024 में यह कॉम्पिटीशन 10 कैंडिडेट के बीच हुआ है.

JEE Advance
कैंडिडेट्स के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

एडमिशन ले चुके कैंडिडेट भी दे सकते हैं परीक्षा : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि करीब 10 हजार कैंडिडेट इस बार जेईई एडवांस्ड के एग्जाम में ज्यादा बैठेंगे. इस बार बड़ी संख्या में वे कैंडिडेट भी परीक्षा देंगे, जो कि इस साल आईआईटी में एडमिशन नहीं मिलने के बाद निचले पायदान की एनआईटी, ट्रिपल आईटी या जीएफटीआई में एडमिशन ले चुके हैं.

JEE Advance
कैंडिडेट्स के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

देव शर्मा ने बताया कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन से ही क्वालीफाई होकर कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड की पात्रता पाते हैं. हर साल ढाई लाख कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड के लिए पात्र माने जाते हैं, लेकिन इन ढाई लाख में से बीते 6 सालों में 56 से लेकर 72 फीसदी कैंडिडेट ही एग्जाम दे पाए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अधिकांश कैंडिडेट्स के पास दो अटेम्प्ट खत्म हो चुके होते हैं. ऐसे में वह परीक्षा में नहीं बैठ पाते हैं. यह कैंडीडेट्स जेईई मेन की परीक्षा भी इसलिए देते हैं, ताकि एनआईटी, ट्रिपल आईटी और जीएफटीआई की अच्छी सीट्स पर वह एडमिशन ले सकें. अच्छी मेहनत की वजह से यह जेईई मेन में रैंक लाकर एडवांस के लिए क्वालीफाई हो जाते हैं, लेकिन उसकी पात्रता नहीं रखते हैं.

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