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राजस्थान का एक ऐसा गांव जहां आज भी लालटेन की रोशनी में गुजरती हैं रातें, बिजली का अब भी इंतजार

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Published : Oct 15, 2019, 8:37 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 3:57 AM IST

केंद्र की भाजपा सरकार देश के हर गांव को बिजली से रोशन करने के दावे कर रही है. लेकिन बांसवाड़ा से महज 12 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव भी है जो आजादी से लेकर आज तक बिजली की रोशनी से महरूम है. अधिकांश आबादी आज भी लालटेन तले रोशन हो रही है.

A village in Rajasthan where there is no electricity even today, alwar news, अलवर न्यूज

बांसवाड़ा. जिले का खेर डाबरा वैसे तो ग्राम पंचायत मुख्यालय है, लेकिन इस गांव के लगभग डेढ़ सौ परिवारों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. खर्चा अधिक आने के कारण विभाग भी इन्हें बिजली मुहैया कराने में रुचि नहीं लेता है.

राजस्थान का एक ऐसा गांव जहां आज भी नहीं पहुंची बिजली

पढ़ेंः बांसवाड़ा बंद पर पुलिस का 'पैंतरा', माइक की जब्त ताकि सूचना ही ना पहुंचे

वहीं, छात्रनेता भरत निनामा के अनुसार बिजली के अभाव में बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं. वहीं ऐसे परिवार परंपरागत कृषि पर निर्भर होकर रह गए हैं. कुंए में पानी होने के बावजूद यह लोग फसलों को पानी नहीं दे पाते. ऐसे में बेरोजगारी के चलते अन्य राज्यों में पलायन इनकी मजबूरी बन चुकी है. शिक्षा के लिए शहर आना पड़ता है जोकि आर्थिक तंगी के कारण इन परिवारों के लिए मुश्किल है. इस संबंध में मगंलवार को ग्रामीण बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे और कार्यवाहक कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह राणावत को ज्ञापन दिया, जिसमें वंचित परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की गई.

बांसवाड़ा. जिले का खेर डाबरा वैसे तो ग्राम पंचायत मुख्यालय है, लेकिन इस गांव के लगभग डेढ़ सौ परिवारों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. खर्चा अधिक आने के कारण विभाग भी इन्हें बिजली मुहैया कराने में रुचि नहीं लेता है.

राजस्थान का एक ऐसा गांव जहां आज भी नहीं पहुंची बिजली

पढ़ेंः बांसवाड़ा बंद पर पुलिस का 'पैंतरा', माइक की जब्त ताकि सूचना ही ना पहुंचे

वहीं, छात्रनेता भरत निनामा के अनुसार बिजली के अभाव में बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं. वहीं ऐसे परिवार परंपरागत कृषि पर निर्भर होकर रह गए हैं. कुंए में पानी होने के बावजूद यह लोग फसलों को पानी नहीं दे पाते. ऐसे में बेरोजगारी के चलते अन्य राज्यों में पलायन इनकी मजबूरी बन चुकी है. शिक्षा के लिए शहर आना पड़ता है जोकि आर्थिक तंगी के कारण इन परिवारों के लिए मुश्किल है. इस संबंध में मगंलवार को ग्रामीण बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे और कार्यवाहक कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह राणावत को ज्ञापन दिया, जिसमें वंचित परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की गई.

Intro:बांसवाड़ाl केंद्र सरकार देश के हर कोने में बिजली पहुंचाने का दम भर रही है वही शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव भी है जिसकी अधिकांश आबादी आज भी लालटेन तले रोशन हो रही हैl इधर-उधर विभागों के चक्कर लगाने के बावजूद करीब डेढ़ सौ परिवार बिजली कनेक्शन से वंचित हैl


Body:बिजली के अभाव में अन्य कई समस्याएं खड़ी हो गई हैl ग्रामीणों की माने तो खेर डाबरा वैसे तो ग्राम पंचायत मुख्यालय है लेकिन बांसवाड़ा शहर से माही डेम रोड स्थित इस गांव के लगभग डेढ़ सौ परिवारों तक बिजली नहीं पहुंच पाई हैl यह परिवार पहाड़ियों पर बसे हुए हैं और बिखरे हुए हैंl खर्चा अधिक आने के कारण विभाग भी इन्हें बिजली मुहैया कराने मैं रुचि नहीं लेताl sc-st छात्र संगठन के जिला महासचिव भरत निनामा के अनुसार बिजली के अभाव में बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं वही ऐसे परिवार परंपरागत कृषि पर निर्भर होकर रह गए हैंl कुआं में पानी होने के बावजूद यह लोग फसलों को पानी नहीं दे पातेl


Conclusion:ऐसे में बेरोजगारी के चलते अन्य राज्यों में पलायन इनकी मजबूरी बन चुका हैl शिक्षा के लिए शहर आना पड़ता है जोकि आर्थिक तंगी के कारण इन परिवारों के लिए मुश्किल हैl इस संबंध में आज ऐसे परिवारों के लोग बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे और कार्यवाहक कलेक्टर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह राणावत को ज्ञापन दिया जिसमें वंचित परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की गईl ग्रामीणों ने कहा कि सौर ऊर्जा भी उनके लिए कारगर हो सकती हैl

बाइट...... भरत निनामा जिला महासचिव sc-st छात्र संगठन
Last Updated : Oct 16, 2019, 3:57 AM IST
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