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Vande Bharat Express को पहनाया सियासी चोला, यात्रियों से ज्यादा BJP उठा रही फायदा - Vande Bharat Express in Rajasthan़

राजस्थान की सत्ता में आने के लिए अब भाजपा वंदे भारत ट्रेन को बतौर सियासी हथियार इस्तेमाल कर रही है. जिसकी बानगी बुधवार को देखने को मिली. भले ही अजमेर से दिल्ली कैंट के लिए ट्रेन सेवा शुरू हुई हो, लेकिन ट्रेन का ठहराव उन स्टेशनों पर भी हुआ, जहां इसका ठहराव होना ही नहीं (Vande Bharat train and BJP politics) था.

Vande Bharat Express
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Published : Apr 12, 2023, 4:10 PM IST

अलवर. देश में एक के बाद एक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू हो रही है. सभी राज्यों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है. वहीं, इस ट्रेन की मदद से भाजपा सियासी फायदा उठाने की जुगत में लग गई है. सबसे खास बात यह है कि सभी ट्रेनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रहे हैं और जिन स्टेशनों पर ट्रेन का ठहराव नहीं है, वहां भी पार्टी के सांसद व विधायक ट्रेन का स्वागत करते नजर आ रहे हैं.

देश में फिलहाल 14 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं और 15वीं ट्रेन अजमेर-दिल्ली कैंट के लिए शुरू हुई है. अभी तक केवल एक ट्रेन को देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जबकि अन्य सभी ट्रेनों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई है. लेकिन इन सब के बीच एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से पीएम मोदी का आखिर कनेक्शन क्या है?.

दरअसल, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए भाजपा सियासी फायदा उठाने में लगी है. जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है. उन राज्यों में सबसे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की जा रही है. साथ ही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मदद से भाजपा विकास का राग अलाप रही है. वहीं, इस ट्रेन को लेकर आम लोग भी खासा उत्साहित नजर आ रहे हैं. मौजूदा आलम यह है कि सभी ट्रेनें फुल चल रही हैं. इसलिए रेलवे का ये प्रोजेक्ट अब तक का सबसे सफल प्रोजेक्ट माना जा रहा है. जिसे अब भाजपा वोट में तब्दील करने की फिराक में जुट गई है.

इसे भी पढ़ें - Ajmer-Delhi Vande Bharat Express : जानिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में क्या है खास

राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के शुरुआत से ही सियासत शुरू हो गई है. अजमेर से दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन का ठहराव केवल गुड़गांव, अलवर, जयपुर स्टेशन पर होना. लेकिन उद्घाटन के दिन इस ट्रेन का ठहराव गांधीनगर, बस्सी, बांदीकुई, अलवर, राजगढ़, खैरतल, रेवाड़ी, पटौदी, गढ़ी हरसरू, गुड़गांव सहित सभी प्रमुख स्टेशनों पर हुआ. इतना ही नहीं सभी स्टेशनों पर सांसद और विधायकों ने ट्रेन का स्वागत किया और हरी झंडी दिखाकर इसे आगे के लिए रवाना किया. इस दौरान भाजपा के हजारों कार्यकर्ता व स्थानीय नेता भी स्टेशनों पर मौजूद रहे.

राजस्थान में ट्रेन का सियासी जुड़ाव - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला कोटा शहर के रहने वाले हैं. इसलिए अब कोटा जयपुर के बीच भी वंदे भारत चलाने की तैयारी हो रही है. इतना ही नहीं मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर से सांसद हैं. इसलिए बीकानेर क्षेत्र को भी वंदे भारत ट्रेन से जोड़ने की मांग है. इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ से सांसद भी हैं, ऐसे में अब मारवाड़ में वोट बैंक को दुरुस्त करने के लिए पर्यटन नगरी उदयपुर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ के लिए भी वंदे भारत की मांग की जा रही है तो वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर को भी वंदे भारत से जोड़ने के प्रयास शुरू हो गए हैं.

अलवर. देश में एक के बाद एक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू हो रही है. सभी राज्यों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है. वहीं, इस ट्रेन की मदद से भाजपा सियासी फायदा उठाने की जुगत में लग गई है. सबसे खास बात यह है कि सभी ट्रेनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रहे हैं और जिन स्टेशनों पर ट्रेन का ठहराव नहीं है, वहां भी पार्टी के सांसद व विधायक ट्रेन का स्वागत करते नजर आ रहे हैं.

देश में फिलहाल 14 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं और 15वीं ट्रेन अजमेर-दिल्ली कैंट के लिए शुरू हुई है. अभी तक केवल एक ट्रेन को देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जबकि अन्य सभी ट्रेनों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई है. लेकिन इन सब के बीच एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से पीएम मोदी का आखिर कनेक्शन क्या है?.

दरअसल, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए भाजपा सियासी फायदा उठाने में लगी है. जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है. उन राज्यों में सबसे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की जा रही है. साथ ही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मदद से भाजपा विकास का राग अलाप रही है. वहीं, इस ट्रेन को लेकर आम लोग भी खासा उत्साहित नजर आ रहे हैं. मौजूदा आलम यह है कि सभी ट्रेनें फुल चल रही हैं. इसलिए रेलवे का ये प्रोजेक्ट अब तक का सबसे सफल प्रोजेक्ट माना जा रहा है. जिसे अब भाजपा वोट में तब्दील करने की फिराक में जुट गई है.

इसे भी पढ़ें - Ajmer-Delhi Vande Bharat Express : जानिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में क्या है खास

राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के शुरुआत से ही सियासत शुरू हो गई है. अजमेर से दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन का ठहराव केवल गुड़गांव, अलवर, जयपुर स्टेशन पर होना. लेकिन उद्घाटन के दिन इस ट्रेन का ठहराव गांधीनगर, बस्सी, बांदीकुई, अलवर, राजगढ़, खैरतल, रेवाड़ी, पटौदी, गढ़ी हरसरू, गुड़गांव सहित सभी प्रमुख स्टेशनों पर हुआ. इतना ही नहीं सभी स्टेशनों पर सांसद और विधायकों ने ट्रेन का स्वागत किया और हरी झंडी दिखाकर इसे आगे के लिए रवाना किया. इस दौरान भाजपा के हजारों कार्यकर्ता व स्थानीय नेता भी स्टेशनों पर मौजूद रहे.

राजस्थान में ट्रेन का सियासी जुड़ाव - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला कोटा शहर के रहने वाले हैं. इसलिए अब कोटा जयपुर के बीच भी वंदे भारत चलाने की तैयारी हो रही है. इतना ही नहीं मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर से सांसद हैं. इसलिए बीकानेर क्षेत्र को भी वंदे भारत ट्रेन से जोड़ने की मांग है. इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ से सांसद भी हैं, ऐसे में अब मारवाड़ में वोट बैंक को दुरुस्त करने के लिए पर्यटन नगरी उदयपुर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ के लिए भी वंदे भारत की मांग की जा रही है तो वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर को भी वंदे भारत से जोड़ने के प्रयास शुरू हो गए हैं.

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