अलवर. अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र स्थित सम्मनबास चौकी पर तैनात हेड कॉस्टेबल को 10 हजार रुपए रिश्वत मांगने के मामले में दोष सिद्ध होने पर 4 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है. एक केस में संबंधित लोगों को गिरफ्तार नहीं करने के एवज में हेड कॉस्टेबल ने रिश्वत मांगी थी.
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गिरफ्तार न करने के एवज में मांगी थी रिश्वतः 24 अक्टूबर 2015 को रामगढ़ थाना क्षेत्र स्थित सम्मनबास चौकी पर तैनात ओमवीर सिंह उम्र 56 साल को एसीबी ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. दअरसल रशीद खान निवासी रूपवास रामगढ़ के परिवारजनों के खिलाफ रामगढ़ थाने में एक मामला दर्ज हुआ था. उसकी जांच ओमवीर सिंह को दी गई. ओमवीर सिंह ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में तीन महिलाएं व तीन पुरुषों को गिरफ्तार नहीं करने के एवज में ओमवीर ने रशीद व उनके परिजनों से 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी. परेशान रशीद ने मामले की सूचना एसीबी को दी थी. एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया. इस दौरान मामला सही पाया गया. जिसके बाद 24 अक्टूबर को एसीबी की टीम ने ओमवीर सिंह को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
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मुंगास्का का रहने वाला है कॉस्टेबलः ओमवीर सिंह अलवर के दिल्ली रोड स्थित मुंगास्का क्षेत्र का रहने वाला है. सरकारी वकील ने बताया कि एसीबी विशेष न्यायालय में मामले की लगातार सुनवाई चली. इस दौरान साक्ष्य व गवाहों को पेश किया गया. बचाव व आरोपी पक्ष की तरफ से अपनी दलीलें दी गई. इसके बाद न्यायालय ने ओमवीर सिंह को दोषी करार दिया. दोष सिद्ध होने के बाद शुक्रवार को एसीबी विशेष न्यायालय द्वारा ओमवीर सिंह को 4 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है. उन्होंने कहा कि रिश्वतखोर के खिलाफ न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले फैसले से समाज में मैसेज जाता है. आरोपी को जेल भेज दिया गया है. न्यायालय की सजा के अनुसार उसे जेल में रखा जाएगा. इस दौरान जितने समय वो जेल में रहा है, वो समय सजा से कम हो जाएगा.