अलवर. निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब कांग्रेस और भाजपा की तरफ से बागियों को मनाने का काम शुरू हो चुका है. दरअसल, पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज लोगों ने बड़ी संख्या में निर्दलीय आवेदन पत्र दाखिल किए हैं. इससे दोनों ही पार्टियों को वोट कटने का डर सताने लगा है.
अलवर में निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब राजनीतिक गणित बैठाने का जोर शुरू हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा भले ही वार्डों में सर्वे के आधार पर प्रत्याशियों को टिकट देने की बात कह रही है, लेकिन पार्षद बनने की आश लगाए बैठे दावेदार पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में मैदान में कूद चुके हैं.
ऐसे में दोनों ही पार्टियों के सामने निर्दलीय व रूठे हुए लोगों को मनाने का काम सबसे बड़ा है. दोनों ही पार्टियों के नेता लगातार बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे कई प्रत्याशियों से संपर्क साधने का काम शुरू कर दिया है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की तरफ से डैमेज कंट्रोल के लिए खास रणनीति बनाई गई है. कुछ को संगठन में पद देने का लालच दिया जा रहा है. वहीं कुछ को राजनीति में एक दूसरे के सहयोग से लोगों को मनाने में लगे हुए हैं.
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कांग्रेस की तरफ से बनाई गई समिति में कार्यकारी अध्यक्ष योगेश मिश्रा, अजय अग्रवाल, नरेंद्र शर्मा, राम बहादुर तंवर तथा अनिल जैन सहित अन्य लोग शामिल हैं. ये लोग लगातार निर्दलीय और अन्य पार्टी से लड़ रहे लोगों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. इसी तरह से भाजपा की तरफ से भी लगातार लोगों से संपर्क करने और उनको समझाइश करने का काम किया जा रहा है.