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निकाय चुनाव 2019: अलवर में नामांकन के बाद बीजेपी और कांग्रेस बागियों को मनाने में जुटी

अलवर निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब कांग्रेस और भाजपा की तरफ से बागियों को मनाने का काम शुरू हो चुका है. दोनों ही पार्टियां बागी हुए अपने कार्यकर्ताओं को मनाने में जुट गई हैं.

alwar local body election, अलवर न्यूज
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Published : Nov 7, 2019, 12:51 PM IST

अलवर. निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब कांग्रेस और भाजपा की तरफ से बागियों को मनाने का काम शुरू हो चुका है. दरअसल, पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज लोगों ने बड़ी संख्या में निर्दलीय आवेदन पत्र दाखिल किए हैं. इससे दोनों ही पार्टियों को वोट कटने का डर सताने लगा है.

नामांकन प्रक्रिया के बाद अब बागियों को मनाने का काम हुआ शुरू

अलवर में निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब राजनीतिक गणित बैठाने का जोर शुरू हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा भले ही वार्डों में सर्वे के आधार पर प्रत्याशियों को टिकट देने की बात कह रही है, लेकिन पार्षद बनने की आश लगाए बैठे दावेदार पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में मैदान में कूद चुके हैं.

ऐसे में दोनों ही पार्टियों के सामने निर्दलीय व रूठे हुए लोगों को मनाने का काम सबसे बड़ा है. दोनों ही पार्टियों के नेता लगातार बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे कई प्रत्याशियों से संपर्क साधने का काम शुरू कर दिया है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की तरफ से डैमेज कंट्रोल के लिए खास रणनीति बनाई गई है. कुछ को संगठन में पद देने का लालच दिया जा रहा है. वहीं कुछ को राजनीति में एक दूसरे के सहयोग से लोगों को मनाने में लगे हुए हैं.

पढ़ें: अयोध्या मसले पर फैसले से पहले सीएम गहलोत ने की कानून-व्यवस्था की समीक्षा

कांग्रेस की तरफ से बनाई गई समिति में कार्यकारी अध्यक्ष योगेश मिश्रा, अजय अग्रवाल, नरेंद्र शर्मा, राम बहादुर तंवर तथा अनिल जैन सहित अन्य लोग शामिल हैं. ये लोग लगातार निर्दलीय और अन्य पार्टी से लड़ रहे लोगों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. इसी तरह से भाजपा की तरफ से भी लगातार लोगों से संपर्क करने और उनको समझाइश करने का काम किया जा रहा है.

अलवर. निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब कांग्रेस और भाजपा की तरफ से बागियों को मनाने का काम शुरू हो चुका है. दरअसल, पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज लोगों ने बड़ी संख्या में निर्दलीय आवेदन पत्र दाखिल किए हैं. इससे दोनों ही पार्टियों को वोट कटने का डर सताने लगा है.

नामांकन प्रक्रिया के बाद अब बागियों को मनाने का काम हुआ शुरू

अलवर में निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब राजनीतिक गणित बैठाने का जोर शुरू हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा भले ही वार्डों में सर्वे के आधार पर प्रत्याशियों को टिकट देने की बात कह रही है, लेकिन पार्षद बनने की आश लगाए बैठे दावेदार पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में मैदान में कूद चुके हैं.

ऐसे में दोनों ही पार्टियों के सामने निर्दलीय व रूठे हुए लोगों को मनाने का काम सबसे बड़ा है. दोनों ही पार्टियों के नेता लगातार बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे कई प्रत्याशियों से संपर्क साधने का काम शुरू कर दिया है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों की तरफ से डैमेज कंट्रोल के लिए खास रणनीति बनाई गई है. कुछ को संगठन में पद देने का लालच दिया जा रहा है. वहीं कुछ को राजनीति में एक दूसरे के सहयोग से लोगों को मनाने में लगे हुए हैं.

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कांग्रेस की तरफ से बनाई गई समिति में कार्यकारी अध्यक्ष योगेश मिश्रा, अजय अग्रवाल, नरेंद्र शर्मा, राम बहादुर तंवर तथा अनिल जैन सहित अन्य लोग शामिल हैं. ये लोग लगातार निर्दलीय और अन्य पार्टी से लड़ रहे लोगों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. इसी तरह से भाजपा की तरफ से भी लगातार लोगों से संपर्क करने और उनको समझाइश करने का काम किया जा रहा है.

Intro:अलवर
निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब कांग्रेस व भाजपा की तरफ से बागियों को मनाने का काम शुरू हो चुका है। दरअसल पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज लोगों ने बड़ी संख्या में निर्दलीय आवेदन पत्र दाखिल किए हैं। इससे दोनों ही पार्टियों को वोट कटने का डर सताने लगा है।


Body:अलवर में निकाय चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के बाद अब राजनीतिक गणित बैठाने का जोर शुरू हो चुका है। कांग्रेस व भाजपा भले ही वार्डों में सर्वे के आधार पर प्रत्याशियों को टिकट देने की बात कह रही है। लेकिन पार्षद बनने की आस लगाए बैठे दावेदार पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में मैदान में कूद चुके हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के सामने निर्दलीय व रूठे हुए लोगों को मनाने का काम सबसे बड़ा है। दोनों ही पार्टियों के नेता लगातार बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे कई प्रत्याशियों से संपर्क साधने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों की तरफ से डैमेज कंट्रोल के लिए खास रणनीति बनाई गई है। कुछ को संगठन में पद देने का लालच दिया जा रहा है। तो वहीं कुछ को राजनीति में एक दूसरे के सहयोग से लोगों को मनाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस की तरफ से बनाई गई समिति में कार्यकारी अध्यक्ष योगेश मिश्रा, अजय अग्रवाल, नरेंद्र शर्मा, राम बहादुर तवर तथा अनिल जैन सहित अन्य लोग शामिल है। यह लोग लगातार निर्दलीय व अन्य पार्टी से लड़ रहे लोगों से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं। इसी तरह से भाजपा की तरफ से भी लगातार लोगों से संपर्क करने व उनको समझा इस करने का काम किया जा रहा है।


Conclusion:भाजपा की तरफ चुनाव के लिए चुनाव प्रभारी के रूप में पवन जैन पटवारी, केजी खंडेलवाल को संयोजक, प्रमोद विजय को प्रचार प्रसार, घासीराम गुप्ता व सुरेश मेहता को कार्यकारी प्रभारी, जितेंद्र गोयल को मीडिया प्रभारी, जीतू गुर्जर को सोशल मीडिया प्रभारी, पंडित जिले सिंह को चुनाव अभियान संयोजक, दिलीप जैन व पंकज यादव को विधिक प्रभारी, राकेश सेठी को कार्यक्रम प्रभारी तथा प्रकाश को मोर्चा समन्वय नियुक्त किया गया है। सदस्य के रूप में पूर्व विधायक जीतमल जैन, बनवारी लाल सिंघल, प्रबंधक सुरेश यादव, चुनाव सहायक श्याम शर्मा, विधानसभा प्रभारी उमेश भाया, महिला मोर्चा प्रभारी तारामणि शर्मा मंडल अध्यक्ष मनोज गर्ग राजेश शेखावत जाके के मैदान को शामिल किया गया है। इसी तरह से चुनाव समिति के रूप में अलवर जिला अध्यक्ष संजय नरूका, प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा, सांसद महंत बाबा बालक नाथ, शहर विधायक संजय शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष पंडित धर्मवीर शर्मा, अशोक प्रतापगढ़ीया, इंद्रजीत सिंह, पूर्व विधायक रामहेत यादव, बनवारी सिंघल, घासीराम राम गुप्ता, सभापति अशोक खन्ना सहित कई लोगों को शामिल किया गया है।
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