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अजमेर के केकड़ी में श्रमिक योजनाओं के नाम पर लाखों रुपए की लूट

अजमेर के केकड़ी में फर्जी हस्ताक्षर व सील लगाकर सैंकड़ों श्रमिक कार्ड बनाने व श्रमिक योजनाओं का लाभ दिलाने के घोटाले का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद सैंकड़ो मण्ड़ी श्रमिकों ने पुलिस थाने मे मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

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Published : Aug 8, 2019, 5:10 AM IST

केकड़ी/अजमेर. जिले के केकड़ी इलाके में फर्जी हस्ताक्षर व सील लगाकर सैंकड़ों श्रमिक कार्ड बनाने व श्रमिक योजनाओं का लाभ दिलाने के घोटाले का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद सैंकड़ो मंडी श्रमिकों ने पुलिस थाने मे थाना प्रभारी राजेन्द्र गोदारा को रिपोर्ट देकर श्रमिक योजनाओं में हेर-फेर कर लाखों का घोटाला करने वाले मुकेश खटीक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

श्रमिक योजना बता के लाखों लूटे

पढ़ें : गीता के लिए मां से कम नहीं थीं सुषमा, हिंदुस्तान की बेटी दिया था नाम

केकड़ी मण्ड़ी समिति के हमाल युनियन के अध्यक्ष नाथू लाल मेघवंशी ने पुलिस थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराकर बताया कि 25 जूलाई को श्रम आयुक्त अजमेर से भवन एवं अन्य संनिर्वाण कर्मकार के तहत पंजीयन कराने व उपकर राशि जमा कराने का नोटिस प्राप्त हुआ था. इसके बाद संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय अजमेर से जानकारी मिली की किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम से ठेकेदारी व निर्माण का कार्य करने की कूटरचित व फर्जी सील बनाकर उसका दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किये जिस से करीब 750 लोगों के श्रमिक कार्ड बनवा दिए गयें हैं.

पढ़ें : स्कूली बच्चों का एक कदम पर्यावरण संरक्षण की ओर...

इस पर श्रम आयुक्त अजमेर से श्रमिक कार्डधारी रामलाल माली व बालूराम कुमावत के कर्मकार होने के प्रमाण पत्र की फोटो प्रति लाकर उनसे फर्जी सील व हस्ताक्षरों के बारें मे पूछा तो उन्होने कहा की मूकेश पुत्र कालूराम खटीक निवासी फतेहगढ़ सरवाड़ हाल निवासी काजीपुरा केकड़ी ने 1050 रुपए देकर फर्जी प्रमाण पत्र दिए हैं. आरोपी मूकेश खटीक पुर्व में केकड़ी मण्ड़ी में हमाली का कार्य करता था और यूनियन का कोषाध्यक्ष भी था. आरोपी ने श्रमिक योजनाओं मे छात्रवृति सहित बेटियों के विवाह के नाम पर 55 हजार दिलानें की एवज मे लोगों से लाखों रुपए हड़प लिए है. नाथूलाल मेघवंशी ने आरोपी के खिलाफ कूटरचित व फर्जी दस्तावेज को लेकर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफतार करने की मांग की है.

पढ़ें : राजस्थान में कई जगहों पर कुछ यूं मनाई गई सावन की हरियाली अमावस्या

थाने मे लोगों ने बताया कि आरोपी उनसे बेटी के विवाह के नाम पर 55 हजार रुपए दिलाने का झांसा देकर करीब 25-25 हजार रुपए लेकर अब तक उनसे लाखों रुपए हड़प लिए है. इसी तरह छात्रवृति योजनाओं मे भी अनेक रुपए हड़पे हैं. आरोपी श्रमिक कार्ड मे लगने वाले प्रमाण पत्र के भी 1000 रुपए लेता था. वहीं जिस पर ईमित्र संचालक से ये श्रमिक कार्ड आनलाईन करवाये, उसकी भी इस घोटाले मे शामिल होने की संभावना है.

फर्जी हस्ताक्षर कर श्रमिक कार्ड बनाने का मामला होने के कारण इसमे कई लोगों के शामिल होने की आशंका है. जानकारी मिली है कि इस तरह श्रमिक कार्ड बनाने व योजनाओं में पैसा दिलाने के लिए क्षेत्र मे कई दलाल सक्रिय हैं. जानकार लोगों ने बताया कि इनकी उच्च अधिकारियों से सेंटिग होती है. इसकी एवज मे ये लोगों से मोटी रकम मांगते है जो उपर तक बंटती है. इस मामलें मे जांच की जाए तो कई ईमित्र संचालक व अधिकारी के शामिल होने की संभावना को नकारा नही जा सकता. श्रमिक योजनाओं का पैसा देने के लिए एक समिति का गठन होता है जो प्रार्थी का भौतिक सत्यापन करती है. भौतिक सत्यापन के बाद ही पैसा प्रार्थी के खाते मे जाता है. अब देखने वाली बात है कि इस श्रमिक योजनाओं मे दलालों द्वारा किए गए फर्जी काम व घोटालों की जांच के लिए प्रशासन क्या कर पाती है.

केकड़ी/अजमेर. जिले के केकड़ी इलाके में फर्जी हस्ताक्षर व सील लगाकर सैंकड़ों श्रमिक कार्ड बनाने व श्रमिक योजनाओं का लाभ दिलाने के घोटाले का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद सैंकड़ो मंडी श्रमिकों ने पुलिस थाने मे थाना प्रभारी राजेन्द्र गोदारा को रिपोर्ट देकर श्रमिक योजनाओं में हेर-फेर कर लाखों का घोटाला करने वाले मुकेश खटीक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.

श्रमिक योजना बता के लाखों लूटे

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केकड़ी मण्ड़ी समिति के हमाल युनियन के अध्यक्ष नाथू लाल मेघवंशी ने पुलिस थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराकर बताया कि 25 जूलाई को श्रम आयुक्त अजमेर से भवन एवं अन्य संनिर्वाण कर्मकार के तहत पंजीयन कराने व उपकर राशि जमा कराने का नोटिस प्राप्त हुआ था. इसके बाद संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय अजमेर से जानकारी मिली की किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम से ठेकेदारी व निर्माण का कार्य करने की कूटरचित व फर्जी सील बनाकर उसका दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किये जिस से करीब 750 लोगों के श्रमिक कार्ड बनवा दिए गयें हैं.

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इस पर श्रम आयुक्त अजमेर से श्रमिक कार्डधारी रामलाल माली व बालूराम कुमावत के कर्मकार होने के प्रमाण पत्र की फोटो प्रति लाकर उनसे फर्जी सील व हस्ताक्षरों के बारें मे पूछा तो उन्होने कहा की मूकेश पुत्र कालूराम खटीक निवासी फतेहगढ़ सरवाड़ हाल निवासी काजीपुरा केकड़ी ने 1050 रुपए देकर फर्जी प्रमाण पत्र दिए हैं. आरोपी मूकेश खटीक पुर्व में केकड़ी मण्ड़ी में हमाली का कार्य करता था और यूनियन का कोषाध्यक्ष भी था. आरोपी ने श्रमिक योजनाओं मे छात्रवृति सहित बेटियों के विवाह के नाम पर 55 हजार दिलानें की एवज मे लोगों से लाखों रुपए हड़प लिए है. नाथूलाल मेघवंशी ने आरोपी के खिलाफ कूटरचित व फर्जी दस्तावेज को लेकर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफतार करने की मांग की है.

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थाने मे लोगों ने बताया कि आरोपी उनसे बेटी के विवाह के नाम पर 55 हजार रुपए दिलाने का झांसा देकर करीब 25-25 हजार रुपए लेकर अब तक उनसे लाखों रुपए हड़प लिए है. इसी तरह छात्रवृति योजनाओं मे भी अनेक रुपए हड़पे हैं. आरोपी श्रमिक कार्ड मे लगने वाले प्रमाण पत्र के भी 1000 रुपए लेता था. वहीं जिस पर ईमित्र संचालक से ये श्रमिक कार्ड आनलाईन करवाये, उसकी भी इस घोटाले मे शामिल होने की संभावना है.

फर्जी हस्ताक्षर कर श्रमिक कार्ड बनाने का मामला होने के कारण इसमे कई लोगों के शामिल होने की आशंका है. जानकारी मिली है कि इस तरह श्रमिक कार्ड बनाने व योजनाओं में पैसा दिलाने के लिए क्षेत्र मे कई दलाल सक्रिय हैं. जानकार लोगों ने बताया कि इनकी उच्च अधिकारियों से सेंटिग होती है. इसकी एवज मे ये लोगों से मोटी रकम मांगते है जो उपर तक बंटती है. इस मामलें मे जांच की जाए तो कई ईमित्र संचालक व अधिकारी के शामिल होने की संभावना को नकारा नही जा सकता. श्रमिक योजनाओं का पैसा देने के लिए एक समिति का गठन होता है जो प्रार्थी का भौतिक सत्यापन करती है. भौतिक सत्यापन के बाद ही पैसा प्रार्थी के खाते मे जाता है. अब देखने वाली बात है कि इस श्रमिक योजनाओं मे दलालों द्वारा किए गए फर्जी काम व घोटालों की जांच के लिए प्रशासन क्या कर पाती है.

Intro:केकड़ी-फर्जी सील व हस्ताक्षर से बनाए सैकड़ों श्रमिक कार्डBody:
केकड़ी- क्षेत्र मे फर्जी हस्ताक्षर व सील लगाकर सैंकड़ों श्रमिक कार्ड बनाने व श्रमिक योजनाओं का लाभ दिलाने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने बाद सैंकड़ो मण्ड़ी श्रमिकों ने पुलिस थाने मे थाना प्रभारी राजेन्द्र गोदारा को रिपोर्ट देकर श्रमिक योजनाओं में हेरफेर कर लाखों का घोटाला करने वाले मुकेश खटीक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है। केकड़ी मण्ड़ी समिति के हमाल युनियन के अध्यक्ष नाथू लाल मेघवंशी ने पुलिस थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराकर बताया कि 25 जूलाई को श्रम आयुक्त अजमेर से भवन एवं अन्य संनिर्वाण कर्मकार के तहत पंजीयन कराने व उपकर राशि जमा कराने का नोटिस प्राप्त हुआ था। इसके बाद संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय अजमेर से जानकारी मिली की किसी अज्ञात व्यक्ति ने मेरे नाम से ठेकेदारी व निर्माण का कार्य करने की कूटरचित व फर्जी सील बनाकर दुरुपयोग करते हुए फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करीब 750 लोगों के श्रमिक कार्ड बनवा दिए। इस पर संभागीय श्रम आयुक्त अजमेर से श्रमिक कार्डधारी रामलाल माली व बालूराम कुमावत के कर्मकार होने के प्रमाण पत्र की फोटो प्रति लाकर उनसे फर्जी सील व हस्ताक्षरों के बारें मे पूछताछ की तो उन्होने बताया कि मूकेश पुत्र कालूराम खटीक निवासी फतेहगढ़ सरवाड़ हाल निवासी काजीपुरा केकड़ी ने 1050 रुपए देकर फर्जी प्रमाण पत्र दिए है। यह मूकेश खटीक पुर्व में केकड़ी मण्ड़ी में हमाली का कार्य करता था व यूनियन का कोषाध्यक्ष भी था। नाथूलाल मेघवंशी ने आरोपी के खिलाफ कूटरचित व फर्जी दस्तावेज को लेकर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफतार करने की मांग की है। आरोपी मूकेश खटीक ने श्रमिक योजनाओं मे छात्रवृति सहित बेटियों के विवाह के नाम पर 55 हजार दिलानें की एवज मे लोगों से लाखों रुपए हड़प लिए है। पुलिस थाने मे आए लोगों ने बताया कि आरोपी उनसे बेटी के विवाह के नाम पर 55 हजार रुपए दिलाने का झांसा देकर करीब 25-25 हजार रुपए लेकर लाखों रुपए हड़प लिए है। इसी तरह छात्रवृति योजनाओं मे अनेक रुपए हड़पे है। आरोपी श्रमिक कार्ड मे लगने वाले प्रमाण पत्र के भी 1000 रुपए लेता है। वहीं जिस पर ईमित्र संचालक से ये श्रमिक कार्ड आॅनलाईन करवाये वो भी इस घोटाले मे शामिल होने की संभावना है। फर्जी हस्ताक्षर कर श्रमिक कार्ड बनाने के मामले का खुलाया होने के चलते इसमे कई लोगों के शामिल होने की आशंका है। जानकारी मिली है कि इस तरह श्रमिक कार्ड बनाने व योजनाओं में पैसा दिलाने के लिए क्षेत्र मे कई दलाल सक्रिय है। जानकार लोगों ने बताया कि इनकी उच्च अधिकारियों से सेंटिग होती है। इसकी एवज मे ये लोगों से मोटी रकम मांगते है जो उपर तक बंटती है। इस मामलें मे जांच की जाए तो कई ईमित्र संचालक व अधिकारी के शामिल होने की संभावना से नकारा नही जा सकता। श्रमिक योजनाओं का पैसा देने के लिए एक समिति का गठन होता है जो प्रार्थी का भौतिक सत्यापन करती है। भौतिक सत्यापन के बाद ही पैसा प्रार्थी के खाते मे जाता है। अब देखने वाली बात है कि इस श्रमिक योजनाओं मे दलालों द्वारा किए गए फर्जी काम व घोटालों की जांच के लिए प्रशासन क्या कुछ कर पाता है।


बाईट01-निजामुद्दीन
बाईट02-फूलचंद
बाईट03-राजेन्द्र बलाई


मनोज गुर्जर केकड़ी 9414287860Conclusion:null
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