अजमेर. पुष्कर तीर्थ नगरी में इजराइली धर्मस्थल बेद खबाद को 4 महीने के लिए बंद किया गया है. अब इसे सितंबर माह में खोला जाएगा. यहूदियों के लिए भारत में यह बड़े धार्मिक स्थलों में से एक है.
धार्मिक नगरी पुष्कर से इजराइल से आने वाले पर्यटकों का काफी गहरा नाता है. वर्षों से इजरायली पर्यटक पुष्कर में आते-जाते रहे हैं. ज्यादातर इजराइली पर्यटकों को पुष्कर के भौगोलिक वातावरण में अपनत्व का अनुभव होता है. पहाड़, मिट्टी के टिब्बों के अलावा पुष्कर का खुशनुमा माहौल इजराइली पर्यटकों को खूब भाता है. यही वजह है कि पुष्कर के कई स्थानीय लोगों की इजराइल में रिश्तेदारी भी हो चुकी है. इजरायली पर्यटकों के लिए पुष्कर हमेशा से पसंदीदा जगह रहा है.
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पुष्कर के गुरुद्वारा के समीप बस स्टैंड के पास इजराइली पर्यटकों का धर्मस्थल बेद खबाद है. इसे 4 महीने के लिए बंद किया गया है. हर साल इजराइली धर्मगुरु के इजराइल जाने के बाद बेद खबाद हाउस बंद कर दिया जाता है. बेद खबाद के प्रबंधक हनुमान बाकोलिया ने बताया कि संचालक इजराइल निवासी सिमसोन गोल्डस्टीन अपने परिवार के साथ इजरायल के लिए रवाना हो गए. गर्मी के महीने में इजराइली धर्मस्थल को 4 महीने के लिए बंद किया जाता रहा है. उन्होंने बताया कि यह धर्मस्थल अब आगामी सितंबर माह में फिर से खोला जाएगा.
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संवेदनशील धार्मिक स्थलों में शुमार हैं बेद खबादः पुष्कर का बेद खबाद काफी संवेदनशील धर्मस्थल भी है. दरअसल लश्कर ए तैयबा के आतंकी कोलमैन हेडली ने बेद खबाद की रेकी की थी. वह बेद खबाद के सामने ही स्थित होटल में ठहरा था. यही वही कोलमैन हेडली है जिसने मुंबई में होटल ताज सहित उन सभी जगहों की रेकी की थी, जहां पर आतंकी हमले हुए थे. लिहाजा बेद खबाद की सुरक्षा के लिए 24 घंटे दो हथियारबंद जवान तैनात रहते हैं. वहीं इजराइल से दो कमांडो को भी यहां तैनात किया जा रहा है. बेद खबाद में इजरायली पर्यटकों के अलावा अन्य किसी को भीतर जाने की इजाजत नहीं है.