अजमेर. जिले में नगर निगम और एडीए के बीच सामंजस्य नहींं होने का खामियाजा बूथ संचालकोंं को भुगतना पड़ रहा है. अजमेर विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को पंचशील में अपनी जमीन पर बने डेयरी बूथों को अनाधिकृत मानकर उन्हें हटाने की कार्रवाई की. 2 महीने पहले ही जिला प्रशासन ने नियमानुसार पांच डेयरी बूथ आवंटित किए थे. ऐसे में कार्रवाई से नुकसान झेल रहे बूथ संचालकोंं ने जिला प्रशासन से नुकसान की भरपाई की गुहार लगाई है.
बूथ संचालकों का कहना है कि, नियमों का पालन करके ही उन्हें बूथ के लिए जगह आवंटित की गई थी. उसके बावजूद उनके डेयरी बूथ तोड़े जा रहे हैं. जिससे उन्हें बेवजह आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. डेयरी बूथ के आवेदन के समय संचालकों ने सभी विभागों से एनओसी ली थी. जिला प्रशासन ने पूरी पड़ताल कर डेयरी बूथ समिति में उनके आवेदन को शामिल किया और उन्हें बूथ बनाकर संचालन की अनुमति दी थी. जिसके बाद डेयरी बूथ बनाकर दूध की बिक्री भी शुरू कर दी गई. लेकिन अब एडीए ने किसी के दबाव में आकर गैरकानूनी तरीके से डेयरी बूथ तोड़े हैं.
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ऐसे मं बूथ संचालकों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रशासन से उनको हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है. साथ ही दोबारा इस तरह की कार्रवाई की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए भी आग्रह किया है. वहीं एक महिला डेयरी संचालक ने बताया कि जिन बूथ संचालकों के बूथ तोड़े गए हैं उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. सभी बूथ अतिक्रमण करके नहीं बनाए गए, बल्कि प्रशासन ने उन्हें अनुमति दी थी. ऐसे में अब प्रशासन को बूथ संचालकों को मुआवजा देना चाहिए.