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'आरक्षण कैसे दिलाना है अब आदिवासी विधायक- सांसद तय करेंगे’- सांसद रोत - DEMAND FOR TRIBAL RESERVATION

जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज ने बांसवाड़ा में रैली निकाली.

ज्ञापन सौंपा
ज्ञापन सौंपा (फोटो ईटीवी भारत बांसवाड़ा)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2025, 8:21 AM IST

बांसवाड़ा. जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर रविवार को बांसवाड़ा में हजारों आदिवासी एकत्र हुए. यह रैली अनुसूचित आरक्षण मोर्चा के बैनर तले कॉलेज मैदान से शुरू होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंची, जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. रैली को संबोधित करते हुए बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे नेताओं ने वर्ष 2013 में एक अधिसूचना जारी कर आदिवासियों को गुमराह किया और 2016 में फिर से अधिसूचना जारी कर उन्हें धोखा दिया. उन्होंने कहा, "अब हम चुप नहीं बैठ सकते, आरक्षण हमारा अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे."

रोत ने राज्य के बारां जिले में सहरिया जाति को अलग से आरक्षण दिए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय को भी क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब भारत आदिवासी पार्टी के सांसद और विधायक तय करेंगे कि आरक्षण कब और कैसे लेना है. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के युवाओं को पूरा लाभ नहीं मिल रहा है. साथ ही कहा कि 100 करोड़ से अधिक की आदिवासी बच्चों की छात्रवृति बकाया है. सांसद ने अधिकारियों से चेतावनी देते हुए कहा, "अधिकारियों सुधर जाओ, नहीं तो सुधार देंगे. जब भी आदिवासी समाज कोई आंदोलन करता है तो उन्हें डराया जाता है, मुकदमे की धमकी दी जाती है. अब हम 'पैसा एक्ट' लागू करवा कर रहेंगे."

कॉलेज मैदान से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली
कॉलेज मैदान से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली (फोटो ईटीवी भारत बांसवाड़ा)

पढ़ें: पीएम मोदी से मिले सांसद राजकुमार रोत, कडाणा बांध समझौते को लागू करने की उठाई मांग - MP RAJKUMAR ROAT DEMAND

रैली में मध्यप्रदेश के सैलाना विधायक कमलेश डोडियार ने कहा कि मध्यप्रदेश के आदिवासी समुदाय का भी बांसवाड़ा में हक है, क्योंकि माही नदी का पानी मध्यप्रदेश से आता है. बांसवाड़ा को 100 टापुओं को शहर कहा जाता है. इस कारण 10 टापुओं को नाम एमपी के 10 आदिवासी महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए. उन्होंने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां की सोने की खानों का खनन रतलाम की फर्म को सौंप दिया गया, जबकि यह काम आदिवासी समिति को मिलना चाहिए था. धरियावद विधायक थावरचंद ने आरोप लगाया कि आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग अधिकारियों द्वारा सर्किट हाउस में किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है.

चौरासी विधायक अनिल कटारा ने कहा कि क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण की मांग बिल्कुल जायज है, और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में मार्ग प्रशस्त कर दिया है. बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल ने कहा कि भाजपा ने उनके क्षेत्र के भ्रष्टाचारियों को ईडी और सीबीआई के डर से पार्टी में शामिल कर लिया, लेकिन बांसवाड़ा को संभाग का दर्जा क्यों नहीं दिया गया, यह बड़ा सवाल है. रैली में आदिवासी नेताओं और विधायकों ने आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया और राज्य सरकार से उनकी लंबित मांगों को पूरा करने की अपील की.

बांसवाड़ा. जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर रविवार को बांसवाड़ा में हजारों आदिवासी एकत्र हुए. यह रैली अनुसूचित आरक्षण मोर्चा के बैनर तले कॉलेज मैदान से शुरू होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंची, जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. रैली को संबोधित करते हुए बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे नेताओं ने वर्ष 2013 में एक अधिसूचना जारी कर आदिवासियों को गुमराह किया और 2016 में फिर से अधिसूचना जारी कर उन्हें धोखा दिया. उन्होंने कहा, "अब हम चुप नहीं बैठ सकते, आरक्षण हमारा अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे."

रोत ने राज्य के बारां जिले में सहरिया जाति को अलग से आरक्षण दिए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय को भी क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब भारत आदिवासी पार्टी के सांसद और विधायक तय करेंगे कि आरक्षण कब और कैसे लेना है. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के युवाओं को पूरा लाभ नहीं मिल रहा है. साथ ही कहा कि 100 करोड़ से अधिक की आदिवासी बच्चों की छात्रवृति बकाया है. सांसद ने अधिकारियों से चेतावनी देते हुए कहा, "अधिकारियों सुधर जाओ, नहीं तो सुधार देंगे. जब भी आदिवासी समाज कोई आंदोलन करता है तो उन्हें डराया जाता है, मुकदमे की धमकी दी जाती है. अब हम 'पैसा एक्ट' लागू करवा कर रहेंगे."

कॉलेज मैदान से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली
कॉलेज मैदान से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली (फोटो ईटीवी भारत बांसवाड़ा)

पढ़ें: पीएम मोदी से मिले सांसद राजकुमार रोत, कडाणा बांध समझौते को लागू करने की उठाई मांग - MP RAJKUMAR ROAT DEMAND

रैली में मध्यप्रदेश के सैलाना विधायक कमलेश डोडियार ने कहा कि मध्यप्रदेश के आदिवासी समुदाय का भी बांसवाड़ा में हक है, क्योंकि माही नदी का पानी मध्यप्रदेश से आता है. बांसवाड़ा को 100 टापुओं को शहर कहा जाता है. इस कारण 10 टापुओं को नाम एमपी के 10 आदिवासी महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए. उन्होंने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां की सोने की खानों का खनन रतलाम की फर्म को सौंप दिया गया, जबकि यह काम आदिवासी समिति को मिलना चाहिए था. धरियावद विधायक थावरचंद ने आरोप लगाया कि आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग अधिकारियों द्वारा सर्किट हाउस में किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है.

चौरासी विधायक अनिल कटारा ने कहा कि क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण की मांग बिल्कुल जायज है, और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में मार्ग प्रशस्त कर दिया है. बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल ने कहा कि भाजपा ने उनके क्षेत्र के भ्रष्टाचारियों को ईडी और सीबीआई के डर से पार्टी में शामिल कर लिया, लेकिन बांसवाड़ा को संभाग का दर्जा क्यों नहीं दिया गया, यह बड़ा सवाल है. रैली में आदिवासी नेताओं और विधायकों ने आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया और राज्य सरकार से उनकी लंबित मांगों को पूरा करने की अपील की.

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