ETV Bharat / city

Protest On Jantar Mantar: रूस से हितेंद्र गरासिया का शव भारत लाने के लिए जंतर मंतर पर बैठा परिवार, सरकार से गुहार

रूस से हितेंद्र गरासिया का शव भारत लाने के लिए शनिवार को परिवार जंतर मंतर पर धरने (protest on jantar mantar) पर बैठ गया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक शव भारत नहीं लाया गया है. अब 18 जनवरी को कोर्ट में फिर मामले की सुनवाई है.

Protest On Jantar Mantar
Protest On Jantar Mantar
author img

By

Published : Jan 15, 2022, 6:55 PM IST

उदयपुर. जिले के गोडवा निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को रूस से भारत लाने के लिए उनका परिवार पिछले 7 महीनों से संघर्ष कर रहा है. दर-दर भटकने के बाद परिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन (protest on jantar mantar) कर रहा है. मृतक के मासूम बेटे, बेटी और पत्नी अब सरकार से पति का शव भारत मंगाने को लेकर गुहार लगा रही हैं.

7 महीने तक राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, दूतावास और अन्य जगह पर अपनी पीड़ा सुनाने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट की शरण पहुंचे. न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाने के बाद पूरे मामले की सुनवाई की और भारत सरकार से उनका पक्ष जाना. कोर्ट ने मृत व्यक्ति का शव रूस से भारत लाने के लिए और सम्मानजनक अंतिम संस्कार की बात कही थी.

पढ़ें. BJP District President Target Congress: किसके समिति चेयरमैन ज्यादा बने विधायकों में चल रहा अंदरूनी मतभेद -भाजपा शहर अध्यक्ष

हालांकि राजस्थान हाईकोर्ट ने जो रूस से भारत लाने का सरकार को समय दिया था वह बीत चुका है लेकिन शव परिजनों तक नहीं पहुंच सका है. अब परिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देकर बैठा है. रूस में मृतक का शव 3 दिसंबर 2021 को मॉस्को स्थित एक कब्रिस्तान में दफना दिया गया है.

रूस सरकार ने हितेंद्र के शव को कब्र से बाहर निकाल कर भारत सरकार को देने पर सहमति जताई है, लेकिन अभी तक शव भारत नहीं आया. अब इस मामले की सुनवाई 18 जनवरी को न्यायालय में होगी. हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया ने कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चरमेश शर्मा और अन्य सहयोगी के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं.

उदयपुर. जिले के गोडवा निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को रूस से भारत लाने के लिए उनका परिवार पिछले 7 महीनों से संघर्ष कर रहा है. दर-दर भटकने के बाद परिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन (protest on jantar mantar) कर रहा है. मृतक के मासूम बेटे, बेटी और पत्नी अब सरकार से पति का शव भारत मंगाने को लेकर गुहार लगा रही हैं.

7 महीने तक राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, दूतावास और अन्य जगह पर अपनी पीड़ा सुनाने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट की शरण पहुंचे. न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाने के बाद पूरे मामले की सुनवाई की और भारत सरकार से उनका पक्ष जाना. कोर्ट ने मृत व्यक्ति का शव रूस से भारत लाने के लिए और सम्मानजनक अंतिम संस्कार की बात कही थी.

पढ़ें. BJP District President Target Congress: किसके समिति चेयरमैन ज्यादा बने विधायकों में चल रहा अंदरूनी मतभेद -भाजपा शहर अध्यक्ष

हालांकि राजस्थान हाईकोर्ट ने जो रूस से भारत लाने का सरकार को समय दिया था वह बीत चुका है लेकिन शव परिजनों तक नहीं पहुंच सका है. अब परिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देकर बैठा है. रूस में मृतक का शव 3 दिसंबर 2021 को मॉस्को स्थित एक कब्रिस्तान में दफना दिया गया है.

रूस सरकार ने हितेंद्र के शव को कब्र से बाहर निकाल कर भारत सरकार को देने पर सहमति जताई है, लेकिन अभी तक शव भारत नहीं आया. अब इस मामले की सुनवाई 18 जनवरी को न्यायालय में होगी. हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया ने कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चरमेश शर्मा और अन्य सहयोगी के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.