उदयपुर. जिले में नगर निगम चुनाव के मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है. ऐसे में अब 19 नवंबर को उदयपुर का चुनाव परिणाम आना है. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता खासे सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. जिला भाजपा मुख्यालय में पार्टी के आला नेताओं के साथ ही पार्षद प्रत्याशियों का आने जाने का सिलसिला तेज हो गया है.
इस बार उदयपुर में पिछली बार के मुकाबले 6.16 प्रतिशत मतदान कम हुआ. ऐसे में पार्टी इसे अपने खिलाफ मानकर चल रही है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की विकट स्थिति से निपटने के लिए पार्टी के आला नेता लगातार मन कर रहे हैं. विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और गुलाब चंद कटारिया भी इसी कवायद में उदयपुर में जुटे हुए हैं. कटारिया एक-एक वार्ड के भाजपा प्रत्याशी से फीडबैक ले रहे हैं, तो साथ ही सभी को पार्टी आलाकमान के निर्णय को मानने की बात भी कहते दिखाई दे रहे हैं.
पढे़ं- उदयपुर की जनता बढ़ेगी विकास के साथ, नगर निगम में फिर बनेगा भाजपा का बोर्ड : गोविंद सिंह टाक
आपको बता दें कि उदयपुर में 70 वार्ड के लिए इस बार 205 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. ऐसे में उदयपुर में सिर्फ 57. 84 प्रतिशत ही मतदान हुआ. जो कि अब तक का सबसे कम है. ऐसे में उदयपुर में इस बार नगर निकाय चुनाव का सियासी घमासान अब भी जारी है. बीजेपी नेताओं ने अपने पार्षद प्रत्याशियों की बड़े बंदी की भी तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो भाजपा 18 नवंबर की रात ही सभी प्रत्याशियों को अज्ञातवास पर ले जा सकती है. ऐसे में यह सभी पार्षद सिर्फ जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए ही कुछ आला नेताओं के साथ मतगणना केंद्र पहुंचेंगे और वहां से फिर से अज्ञातवास पर चले जाएंगे.