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श्रीगंगानगर: राशन कार्ड से मृतक और दोहरे नामों को हटाने का काम जारी

श्रीगंगानगर में राशन कार्डों से मृत और दोहरे नामों को हटाने की प्रक्रिया जारी है. अब तक 10481 मृतकों में से 6401 नामों को वेरिफिकेशन के बाद हटा दिया गया है. साथ ही दोहरे नामों को भी वेरिफिकेशन करके हटाया जा रहा है. इससे हर महीने 744 क्विंटल गेहूं की बचत होगी.

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राशन कार्ड से मृतक और दोहरे नामों को हटाने का काम जारी
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Published : Sep 8, 2020, 10:12 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्डों में दर्ज 10481 मृतकों में से 6401 नामों को वेरिफिकेशन के बाद हटा दिया गया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से किए जा रहे सत्यापन में 31 अगस्त तक मृतकों के नाम हटाने का काम 61.07% तक पूरा कर लिया गया है. अभी 4080 नामों को हटाया जाना बाकी है. वहीं, उन 44 महिलाओं के नाम की पड़ताल करने में भी दिक्कत आ रही है जिनके नाम एनएफएसए के दो-दो राशन कार्डों में दर्ज हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं वो हैं जिनका दूसरे राज्यों में विवाह हो गया है.

अब तक 10481 मृतकों में से 6401 नामों को वेरिफिकेशन के बाद राशन कार्ड से हटा दिया गया है

मृतकों और दोहरे नाम हटाने से हर महीने 744 क्विंटल गेहूं की बचत होगी

दूसरे राज्यों में शादी करने के बाद उन महिलाओं का नाम राजस्थान की एनएफएसए की सूची से हटाया नहीं गया और दूसरे राज्यों की सूची में भी दर्ज हो गया है. विभाग के अधिकारियों ने सितंबर महीने में सभी मृतकों के नाम हटाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मृतकों व दोहरे नामों को हटाने से हर महीने करीब 744 क्विंटल गेहूं की बचत होगी. विभिन्न सरकारी योजनाओं के सॉफ्टवेयर से जिले में 10481 नाम चिन्हित किए गए थे, जिनका आधार कार्ड लंबे समय से किसी भी योजना में अपडेट नहीं हुआ है.

पढ़ें: उदयपुर में बिजली विभाग की लापरवाही, किसान को भेजा 3 करोड़ से ज्यादा का बिल

दोहरे नाम हटाने में आ रही है दिक्कत

जो आधार कार्ड लंबे समय से अपडेट नहीं हुए थे वो आधार नंबर सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों में फीड थे. अगस्त में इन नामों को हटाने के लिए राशन डिपो स्तर पर वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया गया था. इसके अलावा आईटी एजेंसियों ने वन नेशन वन राशन कार्ड के सॉफ्टवेयर से 4480 ऐसी महिलाओं के नाम चिन्हित किए हैं, जिनका नाम श्रीगंगानगर जिले के अलावा पड़ोसी राज्यों के एनएफएसए राशन कार्ड में भी दर्ज है. दोनों नामों के आधार नंबर एक ही हैं, इनके नाम से दोनों जगह गेहूं व अन्य खाद सामग्री ली जा रही है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसमें से ज्यादातर वे महिलाएं हैं जिनकी शादी बाहरी राज्यों में हो चुकी है. इनका नाम राजस्थान में बने राशन कार्ड से नाम नहीं हटाया गया है.

डीएसओ राकेश सोनी ने बताया कि राशन डिपो संचालकों को दोहरे नाम वाली महिलाओं की सूची देते हुए इनकी पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं. इनमें गेहूं लेने आए राशन कार्डधारियों से जब दोहरे नाम वाली महिला की स्थानीय स्तर की मौजूदगी के बारे में पूछा जाता है तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है. इससे नाम की पड़ताल करने में दिक्कत आ रही है. इसके लिए विभाग जरूरत पड़ने पर डोर टू डोर अभियान चलाकर सूची में दर्द महिलाओं का सत्यापन कर सकता है. मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटाने में केसरीसिंहपुर में शत-प्रतिशत काम हुआ है. यहां 52 मृतकों के नाम दर्ज थे, सभी को हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली गई है. पहले जिले में लगातार तीन महीने तक गेहूं लेने वाले 2521 परिवारों के राशन कार्डों को निष्क्रिय श्रेणी में चिन्हित किया था.

श्रीगंगानगर. जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्डों में दर्ज 10481 मृतकों में से 6401 नामों को वेरिफिकेशन के बाद हटा दिया गया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से किए जा रहे सत्यापन में 31 अगस्त तक मृतकों के नाम हटाने का काम 61.07% तक पूरा कर लिया गया है. अभी 4080 नामों को हटाया जाना बाकी है. वहीं, उन 44 महिलाओं के नाम की पड़ताल करने में भी दिक्कत आ रही है जिनके नाम एनएफएसए के दो-दो राशन कार्डों में दर्ज हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं वो हैं जिनका दूसरे राज्यों में विवाह हो गया है.

अब तक 10481 मृतकों में से 6401 नामों को वेरिफिकेशन के बाद राशन कार्ड से हटा दिया गया है

मृतकों और दोहरे नाम हटाने से हर महीने 744 क्विंटल गेहूं की बचत होगी

दूसरे राज्यों में शादी करने के बाद उन महिलाओं का नाम राजस्थान की एनएफएसए की सूची से हटाया नहीं गया और दूसरे राज्यों की सूची में भी दर्ज हो गया है. विभाग के अधिकारियों ने सितंबर महीने में सभी मृतकों के नाम हटाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मृतकों व दोहरे नामों को हटाने से हर महीने करीब 744 क्विंटल गेहूं की बचत होगी. विभिन्न सरकारी योजनाओं के सॉफ्टवेयर से जिले में 10481 नाम चिन्हित किए गए थे, जिनका आधार कार्ड लंबे समय से किसी भी योजना में अपडेट नहीं हुआ है.

पढ़ें: उदयपुर में बिजली विभाग की लापरवाही, किसान को भेजा 3 करोड़ से ज्यादा का बिल

दोहरे नाम हटाने में आ रही है दिक्कत

जो आधार कार्ड लंबे समय से अपडेट नहीं हुए थे वो आधार नंबर सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों में फीड थे. अगस्त में इन नामों को हटाने के लिए राशन डिपो स्तर पर वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया गया था. इसके अलावा आईटी एजेंसियों ने वन नेशन वन राशन कार्ड के सॉफ्टवेयर से 4480 ऐसी महिलाओं के नाम चिन्हित किए हैं, जिनका नाम श्रीगंगानगर जिले के अलावा पड़ोसी राज्यों के एनएफएसए राशन कार्ड में भी दर्ज है. दोनों नामों के आधार नंबर एक ही हैं, इनके नाम से दोनों जगह गेहूं व अन्य खाद सामग्री ली जा रही है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसमें से ज्यादातर वे महिलाएं हैं जिनकी शादी बाहरी राज्यों में हो चुकी है. इनका नाम राजस्थान में बने राशन कार्ड से नाम नहीं हटाया गया है.

डीएसओ राकेश सोनी ने बताया कि राशन डिपो संचालकों को दोहरे नाम वाली महिलाओं की सूची देते हुए इनकी पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं. इनमें गेहूं लेने आए राशन कार्डधारियों से जब दोहरे नाम वाली महिला की स्थानीय स्तर की मौजूदगी के बारे में पूछा जाता है तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है. इससे नाम की पड़ताल करने में दिक्कत आ रही है. इसके लिए विभाग जरूरत पड़ने पर डोर टू डोर अभियान चलाकर सूची में दर्द महिलाओं का सत्यापन कर सकता है. मृतकों के नाम राशन कार्ड से हटाने में केसरीसिंहपुर में शत-प्रतिशत काम हुआ है. यहां 52 मृतकों के नाम दर्ज थे, सभी को हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली गई है. पहले जिले में लगातार तीन महीने तक गेहूं लेने वाले 2521 परिवारों के राशन कार्डों को निष्क्रिय श्रेणी में चिन्हित किया था.

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