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खबर का असर : पॉकेट मनी से बचाए रुपए लेकर पावर लिफ्टर शिखा की सहायता करने पहुंचा 9वीं का छात्र

श्रीगंगानगर में ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला. मेडल पर भारी आर्थिक तंगी की खबर देख जिले के लालगढ़ जाटान में 9वीं कक्षा का छात्र अपनी पॉकेट मनी से शिखा की आर्थिक मदद करने के लिए उसके गांव पहुंचा.

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Published : Jul 26, 2019, 4:56 AM IST

पॉकेट मनी से बचाए रुपए लेकर पावर लिफ्टर शिखा की सहायता करने पहुंचा 9वीं का छात्र

श्रीगंगानगर. मेडल पर भारी आर्थिक तंगी की खबर देखने के बाद पावर लिफ्टर शिखा की मदद के लिए हाथ उठने लगे हैं. इसी क्रम में श्रीगंगानगर के लालगढ़ जाटान में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र कुणाल खाटीवाल अपनी बचाई हुई पॉकेट मनी से 17 मेडल जीत चुकी शिखा की मदद करने के लिए उसके गांव पहुंचा. जहां कुणाल ने 3100 रुपये की आर्थिक सहायता देकर पावर लिफ्टर शिखा की मदद की.

पॉकेट मनी से बचाए रुपए लेकर पावर लिफ्टर शिखा की सहायता करने पहुंचा 9वीं का छात्र

कुणाल ने बताया कि ईटीवी भारत की खबर देखने के बाद उसे पता चला कि जिले की खिलाड़ी शिखा को मदद की जरूरत है. तब अपनी पॉकेट मनी से इकट्ठे किए हुए पैसे गिने और खिलाड़ी की मदद के लिए उसके गांव पहुंच गया. कुणाल की इच्छा है कि वह इसी तरह से खिलाड़ियों की मदद करता रहे. साथ ही कुणाल ने सरकार से अपील की है कि आर्थिक तंगी की वजह से आगे नहीं बढ़ने वाले खिलाड़ियों की मदद की जाए. कुणाल ने बताया कि यह प्रेरणा उसे अपनी मां से मिली है.

शिखा ने कहा कि कुणाल की मदद से उसे किट लेने में बहुत मदद मिलेगी और इससे वह और ज्यादा मेहनत कर सकेगी. वहीं शिखा की भाभी गीता ने बताया कि आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण शिखा को किट दिलाना मुश्किल हो रहा था. लेकिन कुणाल की मदद से शिखा अपना सपना पूरा कर सकेगी .

गौरतलब है कि गरीब परिवार की बेटी शिखा ने नेशनल स्तर पर पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड सहित अब तक 17 मेडल प्राप्त किए हैं. 435 किलोग्राम वजन उठाकर अपने जिले श्रीगंगानगर का नाम रोशन किया है. इसके बावजूद भी वह सरकार की ओर से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. लेकिन पावर लिफ्टर खिलाड़ी शिखा परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी खेलने में लगी हुई है.

श्रीगंगानगर. मेडल पर भारी आर्थिक तंगी की खबर देखने के बाद पावर लिफ्टर शिखा की मदद के लिए हाथ उठने लगे हैं. इसी क्रम में श्रीगंगानगर के लालगढ़ जाटान में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र कुणाल खाटीवाल अपनी बचाई हुई पॉकेट मनी से 17 मेडल जीत चुकी शिखा की मदद करने के लिए उसके गांव पहुंचा. जहां कुणाल ने 3100 रुपये की आर्थिक सहायता देकर पावर लिफ्टर शिखा की मदद की.

पॉकेट मनी से बचाए रुपए लेकर पावर लिफ्टर शिखा की सहायता करने पहुंचा 9वीं का छात्र

कुणाल ने बताया कि ईटीवी भारत की खबर देखने के बाद उसे पता चला कि जिले की खिलाड़ी शिखा को मदद की जरूरत है. तब अपनी पॉकेट मनी से इकट्ठे किए हुए पैसे गिने और खिलाड़ी की मदद के लिए उसके गांव पहुंच गया. कुणाल की इच्छा है कि वह इसी तरह से खिलाड़ियों की मदद करता रहे. साथ ही कुणाल ने सरकार से अपील की है कि आर्थिक तंगी की वजह से आगे नहीं बढ़ने वाले खिलाड़ियों की मदद की जाए. कुणाल ने बताया कि यह प्रेरणा उसे अपनी मां से मिली है.

शिखा ने कहा कि कुणाल की मदद से उसे किट लेने में बहुत मदद मिलेगी और इससे वह और ज्यादा मेहनत कर सकेगी. वहीं शिखा की भाभी गीता ने बताया कि आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण शिखा को किट दिलाना मुश्किल हो रहा था. लेकिन कुणाल की मदद से शिखा अपना सपना पूरा कर सकेगी .

गौरतलब है कि गरीब परिवार की बेटी शिखा ने नेशनल स्तर पर पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड सहित अब तक 17 मेडल प्राप्त किए हैं. 435 किलोग्राम वजन उठाकर अपने जिले श्रीगंगानगर का नाम रोशन किया है. इसके बावजूद भी वह सरकार की ओर से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. लेकिन पावर लिफ्टर खिलाड़ी शिखा परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी खेलने में लगी हुई है.

Intro:श्रीगंगानगर : मेडल पर भारी आर्थिक तंगी की खबर ईटीवी भारत पर देखने के बाद पावर लिफ्टर शिखा की मदद के लिए अब हाथ उठने लगे हैं। इसी क्रम में श्रीगंगानगर जिले के लालगढ़ जाटान निवासी कक्षा 9 में पढ़ने वाले छात्र कुणाल खाटीवाल अपनी बचाई हुई पॉकेट मनी से 17 मेडल जीत चुकी शिखा की आर्थिक मदद करने उसके गांव पहुंचा। जहां कुणाल ने 3100 रुपये की आर्थिक सहायता देकर पावर लिफ्टर शिखा की मदद की।कुणाल की मदद के बाद शिखा के परिजन इस बच्चे की पहल से बहुत खुश हुए व घर आकर पावरलिफ्टर बेटी का मनोबल बढ़ाने के लिए छात्र कुणाल की इस पहल की प्रशंसा की। कुणाल खाटीवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि उसने ईटीवी भारत पर खबर देखने के बाद प्लान बनाया कि उसके द्वारा पॉकेट मनी से बचाए गए रुपयों का सही इस्तेमाल करने का समय आ गया है और फिर वह अपनी मां सरोज खाटीवाल को लेकर बॉर्डर के नजदीक खाटलबाना गांव में शिखा के घर पहुंच गया। नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले कुणाल कहते हैं कि ईटीवी भारत की खबर देखने के बाद उसे पता चला कि जिले की खिलाड़ी शिखा को मदद की जरूरत है। तब मैंने अपनी पॉकेट मनी से इकट्ठे किए हुए पैसे गिने और फिर मन में इरादा किया कि इन पैसों से इस खिलाड़ी की मदद की जाए।


Body:कुणाल कहते हैं कि उसकी इच्छा है कि वह इसी तरह से खिलाड़ियों की मदद करता रहे। नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले कुणाल ने सरकार से अपील की है कि सरकार आर्थिक तंगी की वजह से आगे नहीं बढ़ने वाले खिलाड़ियों की मदद करें,ताकि उनकी प्रतिभा में निखार आए और ऐसे खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर सके। कुणाल ने कहा कि ऐसे होनहार व प्रतिभाशाली खिलाड़ी की मदद करके खुद को गर्व महसूस होता है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे खिलाड़ियों की मदद के लिए सरकार व समाजसेवीयो को भी आगे आना चाहिए ताकि खिलाड़ियों का हौसला बड़े और देश के लिए मेडल लाए। कुणाल ने बताया कि यह प्रेरणा उसे अपनी माता डॉक्टर सरोज खाटीवाल से मिली है ताकि किसी जरूरतमंद की सहायता की जा सके। इसलिए अपनी पॉकेट मनी को फालतू में खर्च ना करके उससे इकट्ठा करता हूं और जरूरत पड़ने पर जरूरतमंद लोगों की सहायता करता हूं। ताकि मेरी इस छोटी सी सहायता से जरूरतमंद व्यक्ति आगे बढ़ सके। साथ ही मैं दूसरे बच्चों को भी संदेश देना चाहता हूं कि वह भी अपनी पॉकेट मनी को खाने-पीने खेलने में नहीं व्यस्त करके किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता करें जिसकी उसे जरूरत है। हमारी बचाई हुई पॉकेट मनी से किसी की जिंदगी संवर सकती है। इसके साथ ही कुणाल ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि ईटीवी भारत प्रतिभाओं की आवाज को प्रमुखता से उठाता है और आम जनता को जागरूक करता है।

ईटीवी भारत की खबर से खुश हुई पावर लिफ्टर सिखा :

उधर पावर लिफ्टर सिखा ने ईटीवी भारत का धन्यवाद करते हुए कहा कि ईटीवी ने मेरे लिए इतना कुछ किया जिसके कारण कुणाल अपनी पॉकेट मनी से एक-एक करके बचाए रुपयों से मेरी मदद करने पहुंचा है. शिखा ने कहा कि कुणाल भी एक अच्छा खिलाड़ी बने और देश का नाम रोशन करें.उसने कहा कि कुणाल की मदद से उसे किट लेने में बहुत मदद मिलेगी और इससे वह और ज्यादा मेहनत कर सकेगी। शिखा ने कहा कि कुणाल की मदद से मुझे हौसला मिलेगा। वही सिखा की भाभी गीता कहती है कि आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के चलते शिखा को किट दिलाना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में ईटीवी भारत और कुणाल की मदद से सीखा को सहायता मिलेगी। साथ ही सरकार अगर ऐसे खिलाड़ियों की मदद करें तो यह खिलाड़ी देश का नाम रोशन करने में कहीं पीछे नहीं रहने वाले है। ईटीवी भारत ने खबर चलाई थी कि गरीब परिवार की बेटी ने नेशनल स्तर पर पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड सहित अब तक 17 मेडल प्राप्त किए हैं। 435 किलोग्राम वजन उठाकर अपने जिले का नाम रोशन किया। इसके बावजूद भी वह सरकार की ओर से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पावर लिफ्टर खिलाड़ी शिखा परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण भी कठिन परिस्थितियों का सामना करके खेलने में लगी हुई है।

बाइट : कुणाल खाटीवाल,स्टूडेंट
बाइट : शिखा, खिलाड़ी
बाइट : गीता,शिखा की भाभी


Conclusion:पावर लिफ्टर शिखा की आर्थिक सहायता से किट लाने में मिलेगी मदद।
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