श्रीगंगानगर. कोरोना संकट में दिन-रात मानवता की सेवा में जुटे जिले के नर्सिंगकर्मियों ने सरकार से पदनाम बदलने की मांग की है. हालांकि, पदनाम बदलने की मांग के पीछे कोई आर्थिक कारण नहीं है, बल्कि कोरोना योद्धाओं द्वारा ये मांग सम्मान का प्रतीक के तौर पर की जा रही है.
राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन ने सरकार से पदनाम बदलने की मांग संकट के इस दौर में राज्य के हजारों नर्सिंगकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए की है. नर्सेज दिवस पर पदनाम बदलकर उन्हें राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिए जाने की मांग सरकार से की गई है. श्रीगंगानगर जिले में नर्सिंगकर्मियों की मांग का समर्थन करते हुए विधायकों और कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है.
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वहीं, राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के बैनर तले मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम विकास अधिकारी सहित 20 पद ऐसे हैं, जिनका वेतन और पे स्केल नर्सेज से काफी कम है. उनके पदनाम में संशोधन कर अधिकारी लगाया गया है. ऐसे में नर्सेज के नाम में परिवर्तन कर उन्हें भी तोहफा दिया जा सकता है.
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना नियंत्रण के लिए युद्ध स्तर पर राज्य के सभी नर्सेज दिन रात काम कर रहे हैं. इस काम की हर कोई सराहना भी कर रहा है. ऐसे में 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर नर्सेज का मान बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के अनुरूप नर्स श्रेणी प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर और नर्स श्रेणी दितीय का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर करके सूबे के समस्त नर्सिंगकर्मियों को तोहफा दिया जा सकता है.