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श्रीगंगानगरः सीमाएं सील करने को लेकर जिला कलेक्टर ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

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Published : Mar 30, 2020, 8:52 AM IST

रविवार को श्रीगंगानगर में लॉकडाउन के दौरान जिले की अंतरराज्य और राज्य के अन्य जिलों की सीमाएं पूरी तरह से सील करने को लेकर जिला कलेक्टर ने एसडीएम को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए. साथ ही जनता तक उनके घर पर ही जरूरी सामान पहुंचाने के लिए वाहन बढ़ाने के लिए कहा.

Seal the boundaries of the district, जिले की सीमाएं सील
जिले की सीमाएं सील करने को निर्देश

श्रीगंगानगर. कोरोना वायरस संक्रमण और बचाव को लेकर गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार जिले की अंतरराज्य और राज्य के अन्य जिलों की सीमाएं पूरी तरह से सील रहेंगी. जिसके चलते जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने रविवार को चिकित्सा विभाग के ब्लॉक सीएमओ के साथ आयोजित बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एसडीएम को आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश हैं कि जो नागरिक जहां है वही रहे. गरीब और जरूरतमंद को रहने और भोजन इत्यादि की आवश्यकता हो तो इसकी व्यवस्था करवाई जाएगी. जिला कलेक्टर ने कहा कि श्रमिकों और कार्मिकों का पलायन लॉकडाउन के निर्देशों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी महामारी से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है.

सीमाएं सील करने को लेकर जिला कलेक्टर ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर क्वारंनटाईन सेंटर पूरी तरह से तैयार रखे जाएं और जो भी संदिग्ध हैं, उन्हें कम से कम 14 दिन तक भर्ती किया जाए. जिला मुख्यालय और खंड स्तर पर भी मोबाइल वैन से किराने का सामान आमजन को उपलब्ध करवाया जाए. समस्त एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यकता के अनुसार मोबाइल वैन संख्या बढ़ा दी जाए.

बता दें कि जनता विभिन्न मोबाइल नंबर पर अपनी आवश्यकता बता सकती है और जरूरी सामान उनके घर पहुंचाया जाएगा. इससे राशन की दुकानों पर अनावश्यक भीड़ नहीं होगी. साथ ही इस कार्य में लगे वाहनों को नहीं रोका जाएगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के छोटे दुकानदार, जो नजदीक के शहर से किराना का सामान वहन करते हैं. ऐसे गुड्स के वाहनों को भी नहीं रोका जाएगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालकों, पशु पक्षियों की फीड के वाहनों को भी नहीं रोका जाएगा.

पढ़ें: लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही

साथ ही जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में जो नागरिक आए हैं, उनकी स्क्रीनिंग जरूरी है और नए डॉक्टरों को कोविड-19 का प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय की परिस्थितियों को देखते हुए जहां-जहां आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं, उस क्षेत्र में निजी चिकित्सालय के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की सूचियां तैयार रखी जाएं. जिला कलेक्टर ने कहा कि चिकित्सा विभाग के किसी भी कार्मिक को अवकाश नहीं दिया जाएगा. स्टाफ अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें और डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल की पालना करें.

ब्लॉक स्तर पर डेढ़ सौ-डेढ़ सौ लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट और एक-एक हजार हैंड सेनीटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं. जो स्टाफ सर्वे और नाकों पर है वहां पर हैंड सैनिटाइजर अवश्य रखें. सीमा के नाकों पर लगाए गए दल के अलावा पांच-पांच अतिरिक्त टीमें तैयार रखी जाएं. वहीं अब तक लिए गए 30 नमूनों में 27 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और तीन की रिपोर्ट आनी शेष है. 10 अन्य रोगियों के नमूने रविवार को भेजे गए हैं.

श्रीगंगानगर. कोरोना वायरस संक्रमण और बचाव को लेकर गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार जिले की अंतरराज्य और राज्य के अन्य जिलों की सीमाएं पूरी तरह से सील रहेंगी. जिसके चलते जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने रविवार को चिकित्सा विभाग के ब्लॉक सीएमओ के साथ आयोजित बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एसडीएम को आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश हैं कि जो नागरिक जहां है वही रहे. गरीब और जरूरतमंद को रहने और भोजन इत्यादि की आवश्यकता हो तो इसकी व्यवस्था करवाई जाएगी. जिला कलेक्टर ने कहा कि श्रमिकों और कार्मिकों का पलायन लॉकडाउन के निर्देशों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी महामारी से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है.

सीमाएं सील करने को लेकर जिला कलेक्टर ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर क्वारंनटाईन सेंटर पूरी तरह से तैयार रखे जाएं और जो भी संदिग्ध हैं, उन्हें कम से कम 14 दिन तक भर्ती किया जाए. जिला मुख्यालय और खंड स्तर पर भी मोबाइल वैन से किराने का सामान आमजन को उपलब्ध करवाया जाए. समस्त एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यकता के अनुसार मोबाइल वैन संख्या बढ़ा दी जाए.

बता दें कि जनता विभिन्न मोबाइल नंबर पर अपनी आवश्यकता बता सकती है और जरूरी सामान उनके घर पहुंचाया जाएगा. इससे राशन की दुकानों पर अनावश्यक भीड़ नहीं होगी. साथ ही इस कार्य में लगे वाहनों को नहीं रोका जाएगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के छोटे दुकानदार, जो नजदीक के शहर से किराना का सामान वहन करते हैं. ऐसे गुड्स के वाहनों को भी नहीं रोका जाएगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालकों, पशु पक्षियों की फीड के वाहनों को भी नहीं रोका जाएगा.

पढ़ें: लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही

साथ ही जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में जो नागरिक आए हैं, उनकी स्क्रीनिंग जरूरी है और नए डॉक्टरों को कोविड-19 का प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय की परिस्थितियों को देखते हुए जहां-जहां आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं, उस क्षेत्र में निजी चिकित्सालय के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की सूचियां तैयार रखी जाएं. जिला कलेक्टर ने कहा कि चिकित्सा विभाग के किसी भी कार्मिक को अवकाश नहीं दिया जाएगा. स्टाफ अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें और डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल की पालना करें.

ब्लॉक स्तर पर डेढ़ सौ-डेढ़ सौ लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट और एक-एक हजार हैंड सेनीटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं. जो स्टाफ सर्वे और नाकों पर है वहां पर हैंड सैनिटाइजर अवश्य रखें. सीमा के नाकों पर लगाए गए दल के अलावा पांच-पांच अतिरिक्त टीमें तैयार रखी जाएं. वहीं अब तक लिए गए 30 नमूनों में 27 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और तीन की रिपोर्ट आनी शेष है. 10 अन्य रोगियों के नमूने रविवार को भेजे गए हैं.

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