श्रीगंगानगर. जीवन में जिस चीज की जरूरत हो और अगर वह मिल जाए तो मानो की सपनों को पंख लग जाते हैं. कुछ ऐसा ही श्रीगंगानगर के जसविंदर सिंह के साथ हुआ. जन्म से ही 60 प्रतिशत विकलांग जसविंदर सिंह चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ है और अपने दोनों हाथों के बल नीचे घसीट कर चलते हैं. नीचे जमीन पर घसीट कर चलने से जसविंदर के शरीर के अंगों में काफी चोटें आ जाती है, जिससे आने वाले समय में और भी परेशानियां खड़ी हो सकती है और उसको चलने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जसविंदर सिंह ने 60 प्रतिशत विकलांगता का मेडिकल प्रमाण पत्र जारी करवाया हुआ है. बुधवार सुबह जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा को प्रार्थना पत्र देते हुए परेशान जसविंदर ने खुद के लिए ट्राई साइकिल उपलब्ध कराए जाने का निवेदन किया तो जिला कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लेते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सहायक निदेशक को पत्र लिखा. इसके बाद जसविंदर को ट्राई साइकिल उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए.
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इसके बाद प्रार्थना पत्र के दिए जाने के 2 घंटे के भीतर ही उन्होंने ट्राई साइकिल उपलब्ध कराई, जिसको जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने प्रार्थी को जिला कलेक्टर परिसर में भेंट की. ट्राई साइकिल पाकर मानो जसविंदर सिंह को पंख लग गए. वह बेहद ही प्रसन्न हुआ, क्योंकि उसकी मुश्किल अब बेहद आसान हो गई है.
जसविंदर आसानी से अब कहीं भी आ-जा सकता है और उसके आने वाली जिंदगी की कठिनाइयां कम हो जाएगी. अब वह किसी पर बोझ नहीं बनेगा. बुधवार सुबह एक अपंग बच्चा बड़ी उम्मीदों के साथ जिला कलेक्टर परिसर में दाखिल हुआ था और जिला कलेक्टर ने उसकी सभी मुश्किलें आसान कर उसे जीवन में के नए सफर पर भेजा. जिला कलेक्टर महावीर प्रशाद वर्मा की संवेदनशीलता ने जसविंदर सिंह का जीवन ना केवल आसान किया, बल्कि एक विकलांग बच्चे को जीवन जीने का हौसला भी दे दिया.