सीकर. पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं. सुहागिन महिलाएं तो व्रत रखती ही हैं इसके साथ साथ कुंवारी लड़कियां भी व्रत रखती हैं ताकि उन्हें अच्छा वर मिले, लेकिन इसके साथ-साथ शेखावाटी में शहीदों की वीरांगनाएं भी करवाचौथ का व्रत रखती हैं. वीरांगनाओं का कहना है कि उनके पति तो शहीद होकर अमर हुए हैं. इसलिए हर बार करवाचौथ का व्रत करते हैं.
शेखावाटी इलाके के जवान हमेशा से ही सीमाओं की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देते रहे हैं. इस इलाके से हजारों युवा अभी भी सेना में नौकरी कर रहे हैं. करवाचौथ के दिन यहां पर शहीद वीरांगना व्रत रखती हैं और अपने पति की प्रतिमा की पूजा करती हैं. इसके बाद वे पारंपरिक रस्म निभाते हुए सुहागिन महिलाओं की तरह करवाचौथ का व्रत करती हैं. शहीद वीरांगनाओं का कहना है कि उनके पति देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर के गए हैं और वह अमर हुए हैं.
कारगिल युद्ध में सबसे ज्यादा शहीद
कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले जवानों में शेखावाटी के योद्धाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां के जवान जाट रेजीमेंट में ज्यादा हैं. शेखावाटी के वीरों ने कारगिल युद्ध खूब पराक्रम दिखाया था. कारगिल युद्ध के अलावा भी इस इलाके का इतिहास शहीद सैनिकों की वीरता की कहानियों से भरा है.
सेना में जाने का रहता है जज्बा
शेखावाटी में युवाओं में हमेशा से ही सेना में जाने का जज्बा रहता है और यहां के युवा लगातार इसी की तैयारी करते हैं. शहीदों के प्रति इस तरह के सम्मान और शहीद वीरांगनाओं के हौसले की वजह से युवाओं को प्रेरणा मिलती है.