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नागौर के 15 धार्मिक-पर्यटक स्थलों पर बढ़ेंगी सुविधाएं, सरकार को भिजवाया प्रस्ताव

नागौर जिले में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कई स्थान ऐसे हैं. जहां जिले और बाहर के लोगों की आवाजाही रहती है, लेकिन सड़क, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाएं भी यहां मुहैया नहीं है. अब ऐसे 15 स्थान सड़क से जुड़ेंगे और वहां आने वाले लोगों के लिए बिजली, पानी और शौचालय की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएगी.

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Published : Jul 23, 2019, 7:29 PM IST

सरकार को भिजवाया प्रस्ताव

नागौर. धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सबसे ज्यादा सफल होते हैं, लेकिन अगर इन स्थानों पर मूलभूत पर्यटन सुविधाएं मुहैया नहीं हो तो पर्यटकों का मन उखड़ जाता है. नागौर के पर्यटन स्थलों का हाल भी कुछ ऐसा ही है. जहां पहुंचने के लिए सड़के तक नहीं हैं.

जिले में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की कई ऐसी महत्वपूर्ण धरोहरें हैं, जहां अब तक सड़क नहीं पहुंची है. ऐसे में यहां तक पहुंचने में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. अब ऐसी जगहों पर सड़क, बिजली और पीने के पानी जैसी सुविधाएं लोगों को मिलेंगी. जिला स्तरीय पर्यटन विकास समिति ने ऐसे 15 धार्मिक और पर्यटन स्थलों का संपर्क सड़क से जोड़ने की कार्य योजना बनाकर सरकार को प्रस्ताव भिजवाया है.

सरकार को भिजवाया प्रस्ताव

इन महत्वपूर्ण स्थानों के चयन के लिए जिले के सभी उपखंड अधिकारी, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक हिम्मत सिंह राठौड़ और मेड़ता के मीरा स्मारक के प्रबंधक नरेंद्र सिंह को जिम्मेदारी दी गई थी.

इन पर्यटन स्थलों का होगा विकास -

  • अलाय के श्याम मंदिर.
  • दधिमती माता मंदिर.
  • झोरडा का हरिराम बाबा मंदिर.
  • असावरी का कालका माता मंदिर.
  • बुटाटी धाम मंदिर.
  • रेन में रामस्नेही धाम.
  • भंवाल माता मंदिर.
  • कुड़की के पर्यटन स्थल
  • और केवाय माता मंदिर को इस सूची में शामिल किया है.

कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस सूची में शामिल स्थानों का संपर्क सड़क से जोड़ा जाएगा. यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए छाया, पानी और बिजली की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी. कुछ ऐसे स्थान हैं जहां टॉयलेट्स की सुविधा नहीं है. ऐसी जगहों पर टॉयलेट्स भी बनवाए जाएंगे. उनका कहना है कि प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिलने पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा और नियमित मॉनिटरिंग भी की जाएगी.

नागौर. धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सबसे ज्यादा सफल होते हैं, लेकिन अगर इन स्थानों पर मूलभूत पर्यटन सुविधाएं मुहैया नहीं हो तो पर्यटकों का मन उखड़ जाता है. नागौर के पर्यटन स्थलों का हाल भी कुछ ऐसा ही है. जहां पहुंचने के लिए सड़के तक नहीं हैं.

जिले में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की कई ऐसी महत्वपूर्ण धरोहरें हैं, जहां अब तक सड़क नहीं पहुंची है. ऐसे में यहां तक पहुंचने में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. अब ऐसी जगहों पर सड़क, बिजली और पीने के पानी जैसी सुविधाएं लोगों को मिलेंगी. जिला स्तरीय पर्यटन विकास समिति ने ऐसे 15 धार्मिक और पर्यटन स्थलों का संपर्क सड़क से जोड़ने की कार्य योजना बनाकर सरकार को प्रस्ताव भिजवाया है.

सरकार को भिजवाया प्रस्ताव

इन महत्वपूर्ण स्थानों के चयन के लिए जिले के सभी उपखंड अधिकारी, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक हिम्मत सिंह राठौड़ और मेड़ता के मीरा स्मारक के प्रबंधक नरेंद्र सिंह को जिम्मेदारी दी गई थी.

इन पर्यटन स्थलों का होगा विकास -

  • अलाय के श्याम मंदिर.
  • दधिमती माता मंदिर.
  • झोरडा का हरिराम बाबा मंदिर.
  • असावरी का कालका माता मंदिर.
  • बुटाटी धाम मंदिर.
  • रेन में रामस्नेही धाम.
  • भंवाल माता मंदिर.
  • कुड़की के पर्यटन स्थल
  • और केवाय माता मंदिर को इस सूची में शामिल किया है.

कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस सूची में शामिल स्थानों का संपर्क सड़क से जोड़ा जाएगा. यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए छाया, पानी और बिजली की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी. कुछ ऐसे स्थान हैं जहां टॉयलेट्स की सुविधा नहीं है. ऐसी जगहों पर टॉयलेट्स भी बनवाए जाएंगे. उनका कहना है कि प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिलने पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा और नियमित मॉनिटरिंग भी की जाएगी.

Intro:नागौर जिले में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कई स्थान ऐसे हैं। जहां जिले और बाहर के लोगों की आवाजाही रहती है। लेकिन सड़क, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाएं भी यहां मुहैया नहीं है। अब ऐसे 15 स्थान सड़क से जुड़ेंगे और वहां आने वाले लोगों के लिए बिजली, पानी और शौचालय की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएगी।


Body:नागौर. जिले में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की कई ऐसी महत्वपूर्ण धरोहरें हैं। जहां अब तक सड़क नहीं पहुंची है। ऐसे में यहां तक पहुंचने में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। अब ऐसी जगहों पर सड़क, बिजली और पीने के पानी जैसी सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। जिला स्तरीय पर्यटन विकास समिति ने ऐसे 15 धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को संपर्क सड़क से जोड़ने की कार्य योजना बनाकर सरकार को प्रस्ताव भिजवाया है।
इन महत्वपूर्ण स्थानों के चयन के लिए जिले के सभी उपखंड अधिकारी, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक, हिम्मत सिंह राठौड़ और मेड़ता के मीरा स्मारक के प्रबंधक नरेंद्र सिंह लो जिम्मेदारी दी गई थी।
इस कमेटी ने अलाय के श्याम मंदिर, दधिमती माता मंदिर, झोरडा का हरिराम बाबा मंदिर, असावरी का कालका माता मंदिर, बुटाटी धाम मंदिर, रेन में रामस्नेही धाम, भंवाल माता मंदिर, कुड़की के पर्यटन स्थल और केवाय माता मंदिर को इस सूची में शामिल किया है।


Conclusion:कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस सूची में शामिल स्थानों को संपर्क सड़क से जोड़ा जाएगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए छाया, पानी और बिजली की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी। कुछ ऐसे स्थान हैं जहां टॉयलेट्स की सुविधा नहीं है। ऐसी जगहों पर टॉयलेट्स भी बनवाए जाएंगे। उनका कहना है कि प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिलने पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा और नियमित मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
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बाइट- दिनेश कुमार यादव, कलेक्टर।
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