नागौर. जिले के 350 से अधिक पेट्रोल पंप संचालकों की सांकेतिक हड़ताल के चलते शनिवार को पेट्रोल-डीजल की बिक्री नहीं हो रही है. इस कारण वाहन चालकों को परेशानी हो रही है. शहर के पेट्रोल पंपों पर डीजल-पेट्रोल विक्रय नहीं होने से दोपहिया-चौपहिया वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
जिले में संचालित 350 से अधिक पेट्रोल पंपों पर हड़ताल शुरू होने से पहले देर रात्रि तक वाहन मालिकों-चालको ने अधिक से अधिक पेट्रोल-डीजल खरीद की. दरअसल, राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के आह्वान पर शनिवार को जिलेभर के सभी पेट्रोल पंप सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक पूर्णत: बंद है.
इस दौरान पेट्रोल, डीजल और ऑयल की खरीद और बिक्री नहीं हो रही है. जिलाध्यक्ष मदनलाल चौधरी ने बताया कि राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में शनिवार को सांकेतिक हड़ताल पर पेट्रोल पंप बंद रखे गए है. नागौर और पास के क्षेत्र में 16 पंप है. शहर के भीतर स्थित पंपों पर रोजाना पेट्रोल की खपत 2 हजार से 2200 लीटर प्रतिदिन की है.
शनिवार को 3 हजार लीटर से अधिक की बिक्री हुई. 16 पंपों से रोजाना जहां लगभग 23-24 लाख रुपये का पेट्रोल बिकता है, जो शनिवार को 39.30 लाख रुपये से अधिक का बिका. आरपीडीए के जिला महामंत्री राम बाबू व्यास ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान ही ऐसा राज्य है, जहां पेट्रोल और डीजल पर वैट और रोड सेस सबसे अधिक है. पंजाब-हरियाणा से राजस्थान में 9 रुपए से ज्यादा पेट्रोल-डीजल महंगा है.
इसके चलते डीजल पेट्रोल की बिक्री में भारी कमी हो गई है, अन्य राज्य की सीमा के पास तो पेट्रोल पंप बंद होने की स्थिति में आ गए. डीलरों की मांग है कि पंजाब और हरियाणा के बराबर वैट और रोड सेंस लगे. पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो 25 अप्रैल से राज्य के सभी पेट्रोल पंप अनिश्चित काल के लिए बंद करने होंगे.