रामगंजमण्डी (कोटा). रामगंजमंडी उपखंड के नुरपुरा और मदनपुरा गांव के किसानों ने आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि नुरपुरा और मदनपुरा गांव, जो मध्य प्रदेश की सीमा से सटे हुए हैं. ऐसे में यहां के वन विभाग ने बिना सीमा की जानकारी किए किसानों की फसलें, सागवान और नीम के पेड़ को नष्ट हुए हैं.
आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना देकर काम को रुकवाया. वहीं उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर दोनों राज्य के पटवारियों द्वारा राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा ज्ञान करवा कर हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की. वहीं किसानों ने ज्ञापन में बताया कि नुरपुरा पतवार, हल्का मदनपुरा रामगंजमण्डी राजस्थान की सीमा में स्थित है. वहीं मध्य प्रदेश की सीमा लगी हुई है और दोनों प्रदेश की बॉर्डर पर कई किसानों की भूमि है, जिनमें वह खेती का कार्य करते हैं.
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किसान रणजीत गुर्जर ने बताया कि हमारी जमीनों के समीप मध्य प्रदेश सीमा वन विभाग डिप्टी रेंजर भगवान लाल परिहार व नरेंद्र मालवी, ब्रजमोहन शर्मा फ़ॉरेस्ट गार्ड द्वारा दादागिरी करते हुए मध्यप्रदेश सीमा बताकर खेतो में जेसीबी मशीन चलाकर फसलें और कई छायादार पेड़ों को नष्ट कर दिया. वहीं रिछड़िया पूर्व सरपंच राधेश्याम ने बताया कि बॉर्डर पर पहले सीमा ज्ञान करवा कर मध्यप्रदेश वन विभाग को काम करना चाहिए था. कई किसानों की फसल को नुकसान और पेड़ों की कटाई के लिये प्रशासन को उक्त कदम उठाकर दोषियों पर कार्रवाई और किसानों के नुकसान की भरपाई करवाई जाए.
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वहीं महिला किसान लटूरी बाई ने बताया कि साल 2014 में उसने खेत पर सागवान के पौधे खरीद कर लगाए थे. लेकिन मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों ने 5 पेड़ों को कटवा दिया. वहीं खेतो में भी खुदाई कर दी.