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नए कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत, कांग्रेस और बीजेपी इस पर राजनीति कर रही हैं : भारतीय किसान संघ - National Minister Mohini Mohan

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन बेस्वेगौड़ा और राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन ने कांग्रेस और बीजेपी, दोनों को ही निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों का फायदा जरूर होगा, लेकिन इस पर राजनीति हो रही है. इन कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत है.

भारतीय किसान संघ  Indian Farmers Association कोटा की खबर  kota news  कृषि कानूनों में सुधार  Reform of agricultural laws राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन बेस्वेगौड़ा  President IN Besve Gowda National Minister Mohini Mohan
नए कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत
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Published : Oct 7, 2020, 7:13 PM IST

कोटा. भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association) की राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय बैठक बुधवार को कोटा में संपन्न हुई है. इसके बाद भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की, जिसमें भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन बेस्वेगौड़ा (National President IN Besve Gowda) और राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन (National Minister Mohini Mohan) ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही निशाने पर नए कृषि कानूनों को लेकर लिया. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों का फायदा जरूर होगा, लेकिन इस पर राजनीति हो रही है. इन कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत है. हालांकि सरकार और विपक्ष की राजनीति से किसान का भला नहीं होने वाला है. उनका कहना है कि हम भी इन मुद्दों को उठाएंगे. कृषि कानूनों में सुधार भी करवाएंगे.

नए कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत

उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों में यह कमी है कि जो व्यक्ति किसानों की उपज की खरीद करेगा, वह व्यक्ति कौन है. फर्जी व्यक्ति तो नहीं है. इसलिए सभी खरीदारों का एक रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर होना चाहिए. ताकि जो किसान वहां पर देख सके. इसके अलावा जो व्यक्ति या कंपनी किसानों से माल खरीद लेगी, अगर वह भाग जाती है और पैसा नहीं देती है, तो किसानों का क्या होगा. इसके लिए सरकार को बैंक गारंटी व्यापारी की रखनी चाहिए या फिर सरकार ही उसकी गारंटी ले. साथ ही किसी भी मामलों के निस्तारण के लिए एसडीएम के पास भेजा जा रहा है. इसकी जगह किसान न्यायालय खोले जाएं, ताकि किसानों की समस्याओं का तुरंत निवारण हो.

यह भी पढ़ें: ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला ने कृषि कानून को बताया काला कानून, गांधी चौक पर दिया धरना

एमएसपी के लिए भी कानून लाए सरकार

भारतीय किसान संघ ने यह भी मांग रखी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी सरकार कानून लेकर आए, क्योंकि अभी भी मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर ही माल खरीदा जा रहा है. जबकि मंडी में किसान टैक्स देता है. ऐसा विश्व में केवल एक ही जगह होता है, जहां पर बेचने वाला व्यक्ति टैक्स दे रहा है. हालांकि नए कृषि कानून में फसल बेचने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सरकार कर रही है, लेकिन एमएसपी पर भी कानून बनना चाहिए.

किसानों को कैंसर परोसना चाहती है सरकारी

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन ने यह भी आरोप सरकार पर लगाया कि सरकार किसानों को कैंसर परोसना चाहती है. उन्होंने कहा कि जीएम फसलों के जरिए किसानों को कैंसर का खतरा है. उन पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी सरकार अनुमति देने जा रही है. जबकि कुछ वैज्ञानिकों और कंपनियों के अलावा सब लोग इन बीजों पर फायदा नहीं बता रहे हैं.

यह भी पढ़ें: आरएलपी NDA में रहते हुए कृषि कानूनों का विरोध करेगी : बेनीवाल

साथ ही भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन ने कहा कि सरकार किसानों को कैंसर परोसना चाहती है. वहीं दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने पर रोक और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी उन्होंने कहा कि सरकार को निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे. किसानों के लिए व्यवस्था की जाए और जब यह व्यवस्था हो जाए, उसके बाद किसान अगर पराली जलाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. लेकिन इसके पहले ही किसानों को जेल भेजा जा रहा है और उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है.

कोटा. भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association) की राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय बैठक बुधवार को कोटा में संपन्न हुई है. इसके बाद भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की, जिसमें भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएन बेस्वेगौड़ा (National President IN Besve Gowda) और राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन (National Minister Mohini Mohan) ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही निशाने पर नए कृषि कानूनों को लेकर लिया. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों का फायदा जरूर होगा, लेकिन इस पर राजनीति हो रही है. इन कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत है. हालांकि सरकार और विपक्ष की राजनीति से किसान का भला नहीं होने वाला है. उनका कहना है कि हम भी इन मुद्दों को उठाएंगे. कृषि कानूनों में सुधार भी करवाएंगे.

नए कृषि कानूनों में सुधार की जरूरत

उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों में यह कमी है कि जो व्यक्ति किसानों की उपज की खरीद करेगा, वह व्यक्ति कौन है. फर्जी व्यक्ति तो नहीं है. इसलिए सभी खरीदारों का एक रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर होना चाहिए. ताकि जो किसान वहां पर देख सके. इसके अलावा जो व्यक्ति या कंपनी किसानों से माल खरीद लेगी, अगर वह भाग जाती है और पैसा नहीं देती है, तो किसानों का क्या होगा. इसके लिए सरकार को बैंक गारंटी व्यापारी की रखनी चाहिए या फिर सरकार ही उसकी गारंटी ले. साथ ही किसी भी मामलों के निस्तारण के लिए एसडीएम के पास भेजा जा रहा है. इसकी जगह किसान न्यायालय खोले जाएं, ताकि किसानों की समस्याओं का तुरंत निवारण हो.

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एमएसपी के लिए भी कानून लाए सरकार

भारतीय किसान संघ ने यह भी मांग रखी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी सरकार कानून लेकर आए, क्योंकि अभी भी मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर ही माल खरीदा जा रहा है. जबकि मंडी में किसान टैक्स देता है. ऐसा विश्व में केवल एक ही जगह होता है, जहां पर बेचने वाला व्यक्ति टैक्स दे रहा है. हालांकि नए कृषि कानून में फसल बेचने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सरकार कर रही है, लेकिन एमएसपी पर भी कानून बनना चाहिए.

किसानों को कैंसर परोसना चाहती है सरकारी

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन ने यह भी आरोप सरकार पर लगाया कि सरकार किसानों को कैंसर परोसना चाहती है. उन्होंने कहा कि जीएम फसलों के जरिए किसानों को कैंसर का खतरा है. उन पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी सरकार अनुमति देने जा रही है. जबकि कुछ वैज्ञानिकों और कंपनियों के अलावा सब लोग इन बीजों पर फायदा नहीं बता रहे हैं.

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साथ ही भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन ने कहा कि सरकार किसानों को कैंसर परोसना चाहती है. वहीं दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने पर रोक और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी उन्होंने कहा कि सरकार को निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे. किसानों के लिए व्यवस्था की जाए और जब यह व्यवस्था हो जाए, उसके बाद किसान अगर पराली जलाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. लेकिन इसके पहले ही किसानों को जेल भेजा जा रहा है और उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है.

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