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SPECIAL : कोटा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना विस्फोट का खतरा...ग्रामीण नहीं हैं जागरूक, RT-PCR जांच की सुविधा तक नहीं - Kota Rural Area Corona Explosion Threat

कोटा जिले के गैंता गांव में लोग मास्क, सैनेटाइजर, सोशल डिस्टेंस को लेकर जागरुक नहीं हैं. प्रशासन भी गंभीर नहीं दिख रहा है. गैंता में 2 लोगों की कोरोना से मौत सरकारी आंकड़ों में दर्ज है. जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि 10-12 लोग काल के गाल में समा गए हैं.

Corona infection in Gainta village of Kota
कोटा के गैंता गांव में संक्रमण का खतरा
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Published : May 21, 2021, 7:46 PM IST

कोटा. जिले के गैंता गांव में लोग न तो कोरोना गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं और न ही अपने जीवन को लेकर उनमें किसी तरह की परवाह नजर आती है. प्रशासन भी यहां उदासीन बना हुआ है. गांव की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि यहां अभी तक आरटी-पीसीआर जांच शिविर तक नहीं लगा है.

कोटा के गैंता गांव में संक्रमण का खतरा

गांव के लोग कहते हैं कि गांव में कोरोना वैक्सिनेशन शिविर भी नहीं लगा. गांव में पीएचसी है लेकिन सुविधाएं नाम मात्र की हैं. यहां किसी प्रकार की जांच नहीं हो पाती. मरीज को जांच करवाने के लिए इटावा जाना पड़ता है.

जागरुकता मुहिम का कोई असर नहीं

गांव में सरकार की ओर से चलाई जा रही जागरूकता मुहिम का भी असर देखने को नहीं मिल रहा है. इससे गांवों में बीमारियां बढ़ने की आशंका है. इटावा उपखंड क्षेत्र के गैंता में पीएचसी में आने वाले मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. गैंता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोज 40 से 50 मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. इनमें खाँसी, जुकाम,बुखार के मरीजों की तादाद ज्यादा है. लोग गांव के स्तर पर ही दवाएं ले रहे हैं. आरटीपीसीआर जांच नहीं होने से इनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि भी नहीं हो रही है. जिससे कोरोना विस्फोट होने की आशंका है.

Corona infection in Gainta village of Kota
पीएचसी में जांच सुविधा नहीं

पढ़ें- कोरोना से लड़ाई: भीलवाड़ा के ग्रामीणों ने व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर जुटाए 7 लाख रुपये

मौतों का आंकड़ा स्पष्ट नहीं

सरकारी आकड़ों की बात करें तो कागजो में कोविड-19 से गैंता में दो लोगों की मौत हुई है. जबकि ग्रामीणों के अनुसार अब तक यहां 10 से 12 लोगों की मौत हो चुकी है. जिन में अधिकतर लोगों में खांसी जुकाम बुखार के लक्षण थे. गांव में 20 वर्षीय लड़की की बुखार के बाद मौत हो गई थी. जिसकी कोरोना जांच नहीं हो पाई थी. अब लड़की के तीन भाई-बहन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

Corona infection in Gainta village of Kota
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं

एक बार भी नहीं लगा कोरोना जांच शिविर

कोरोना से मौत होने के बाद भी गांव में आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा नहीं है. जांच नहीं होने के कारण लोग स्थानीय स्तर पर उपचार करा रहे हैं. संसाधनों के अभाव में जांच करवाने ग्रामीण इटावा नहीं जा पा रहे हैं. गैंता गांव के लोगों का कहना है कि गांव में वैक्सिनेशन शिविर भी नहीं लगाया गया है.

Corona infection in Gainta village of Kota
लोगों में जागरुकता नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है. जब कोई गंभीर मरीज आता है तो इटावा से एम्बुलेंस बुलानी पड़ती है. जिससे मरीज की जान को खतरा रहता है.

कोटा. जिले के गैंता गांव में लोग न तो कोरोना गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं और न ही अपने जीवन को लेकर उनमें किसी तरह की परवाह नजर आती है. प्रशासन भी यहां उदासीन बना हुआ है. गांव की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया कि यहां अभी तक आरटी-पीसीआर जांच शिविर तक नहीं लगा है.

कोटा के गैंता गांव में संक्रमण का खतरा

गांव के लोग कहते हैं कि गांव में कोरोना वैक्सिनेशन शिविर भी नहीं लगा. गांव में पीएचसी है लेकिन सुविधाएं नाम मात्र की हैं. यहां किसी प्रकार की जांच नहीं हो पाती. मरीज को जांच करवाने के लिए इटावा जाना पड़ता है.

जागरुकता मुहिम का कोई असर नहीं

गांव में सरकार की ओर से चलाई जा रही जागरूकता मुहिम का भी असर देखने को नहीं मिल रहा है. इससे गांवों में बीमारियां बढ़ने की आशंका है. इटावा उपखंड क्षेत्र के गैंता में पीएचसी में आने वाले मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. गैंता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोज 40 से 50 मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. इनमें खाँसी, जुकाम,बुखार के मरीजों की तादाद ज्यादा है. लोग गांव के स्तर पर ही दवाएं ले रहे हैं. आरटीपीसीआर जांच नहीं होने से इनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि भी नहीं हो रही है. जिससे कोरोना विस्फोट होने की आशंका है.

Corona infection in Gainta village of Kota
पीएचसी में जांच सुविधा नहीं

पढ़ें- कोरोना से लड़ाई: भीलवाड़ा के ग्रामीणों ने व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर जुटाए 7 लाख रुपये

मौतों का आंकड़ा स्पष्ट नहीं

सरकारी आकड़ों की बात करें तो कागजो में कोविड-19 से गैंता में दो लोगों की मौत हुई है. जबकि ग्रामीणों के अनुसार अब तक यहां 10 से 12 लोगों की मौत हो चुकी है. जिन में अधिकतर लोगों में खांसी जुकाम बुखार के लक्षण थे. गांव में 20 वर्षीय लड़की की बुखार के बाद मौत हो गई थी. जिसकी कोरोना जांच नहीं हो पाई थी. अब लड़की के तीन भाई-बहन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

Corona infection in Gainta village of Kota
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं

एक बार भी नहीं लगा कोरोना जांच शिविर

कोरोना से मौत होने के बाद भी गांव में आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा नहीं है. जांच नहीं होने के कारण लोग स्थानीय स्तर पर उपचार करा रहे हैं. संसाधनों के अभाव में जांच करवाने ग्रामीण इटावा नहीं जा पा रहे हैं. गैंता गांव के लोगों का कहना है कि गांव में वैक्सिनेशन शिविर भी नहीं लगाया गया है.

Corona infection in Gainta village of Kota
लोगों में जागरुकता नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है. जब कोई गंभीर मरीज आता है तो इटावा से एम्बुलेंस बुलानी पड़ती है. जिससे मरीज की जान को खतरा रहता है.

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