कोटा. संविदा कार्मिकों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में कामकाज ठप हो गया है. जिसके चलते परामर्श पर्ची से लेकर चिरंजीवी योजना के काम अटक गए. साथ ही मरीजों की जांच रसीद का काम भी अटक गया है. दिनभर स्ट्रेचर पर मरीज तड़पते रहे. संविदा कार्मिकों का कहना है कि उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है. उनका पीएफ जमा नहीं कराया जा रहा है.
मांगों के समाधान के लिए अस्पताल के प्रबंधक से बातचीत बेनतीजा रही. कार्मिकों का कहना है कि कोरोना काल में भी पूरी जिम्मेदारी के साथ काम किया. इसके बावजूद उनकी मांगों की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है.अस्पताल के प्रबंधक से बातचीत करने पर सिर्फ आश्वान मिलता रहा.
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संविदा कार्मिक बीते चार-पांच दिनों से लगातार मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के प्रबंधक से बातचीत कर रहे थे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से ठोस आश्वासन नहीं मिला. जिसके बाद नाराज कार्मिकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया. सभी अस्पताल के गेट नंबर 2 के बाहर एकत्रित हो गए. ठेकेदार के खिलाफ नारेबाजी की. हड़ताल में करीब 50 से ज्यादा कार्मिक शामिल हुए. जिनमें हेल्पर और कंप्यूटर ऑपरेटर भी शामिल है.
अस्पताल प्रबंधन से की ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग
कार्य बहिष्कार का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. स्ट्रेचर पर मरीज तड़पते रहे. उन्हें अस्पताल में चिकित्सक के परामर्श के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ा. ऑनलाइन जारी होने वाली परामर्श पर्ची नहीं मिलने से अस्पताल में भर्ती होने से लेकर जांच कार्य ठप हो गया है.संविदा कार्मिकों का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 के दौरान भी सेवाएं दी थी, लेकिन प्रबंधन ने सैलरी और पीएफ दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.अस्पताल प्रबंधन को ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
संविदा कार्मिकों का कहना है कि ठेका यूनिटेक कंप्यूटर्स बारां के नाम है. संविदा कार्मिकों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में पेटी कॉन्ट्रैक्ट के चलते कोई और ही काम कर रहा है. दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि संविदा कार्मिकों को मानदेय दिलाने के लिए ठेकेदार से बात की जाएगी.