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Ayurved Nurse Compounder Bharti: आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर भर्ती में भविष्य में रिक्त होने वाले 154 पद जोड़े, कोर्ट ने भर्ती संस्था को जारी किया नोटिस - ETV Bharat Rajasthan News

आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के 507 पदों के लिए चल रही भर्ती में वे पद भी जोड़ दिए गए जो भविष्य में रिक्त होंगे. इसे लेकर एक या​चिका में इन 154 पदों को वर्तमान (Ayurved Nurse Compounder recruitment 2022) प्रक्रिया से अलग करने की अपील की गई है. इस याचिका पर कोर्ट ने सरकार और भर्ती संस्था से नोटिस देकर जवाब-तलब किया है.

Ayurved Nurse Compounder Bharti
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Published : Feb 2, 2022, 8:49 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ के न्यायाधीश अरूण भंसाली ने आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के 507 पदों के लिए चल रही भर्ती (Rajasthan Ayurved Nurse Compounder Bharti) प्रक्रिया में भविष्य के रिक्त होने वाले 154 पदों को जोड़े जाने पर राज्य सरकार सहित भर्ती संस्था को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता अनुराधा त्रिपाठी की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के पद पर संविदा पर कार्यरत है.

अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता ने एक वर्ष की सविंदा सेवा भी पूर्ण कर ली है, लेकिन आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के 507 पदों की 17 जून, 2021 की शर्तों के अनुसार अंतिम तिथि 23 जून, 2021 तक एक वर्ष की सेवा अवधि नहीं होने से बोनस अंक की हकदार तो नहीं हैं. लेकिन आयुर्वेद विभाग ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2021-2022 के अनुसार आगामी दो वर्षों में होने वाली भर्तियों को गलत रूप से आंकलन कर वर्तमान में चल रही भर्ती प्रक्रिया में जोड़ दिया है. इससे आगामी दो वर्षों में होने वाले 154 रिक्तियों में याची सहित अन्य योग्य उम्मीदवार नियुक्तियों से वंचित हो जायेंगे.

पढ़ें: आयुर्वेद नर्स और कंपाउंडर के पदों पर नहीं हुई अभ्यर्थियों की नियुक्ति, नर्सिंग कर्मियों ने की जमकर नारेबाजी

अधिवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 24 फरवरी 2021 को बजट घोषणा में कहा था कि आगामी दो वर्षों में 50 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां की जाएंगी. इसमें आयुर्वेद विभाग में कुल 890 पदों पर भर्तियों की घोषणा की गई. लेकिन आयुर्वेद विभाग के निदेशक ने इस घोषणा को आगामी सालों की जगह इसी साल चल रही भर्ती प्रक्रिया में गलत सम्मिलित कर दिया. यह याची सहित अन्य बेरोजगार युवाओं के हितों पर कुठाराघात है. यदि मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार नए सर्जित 154 पदों पर नया अथवा संशोधित विज्ञापन जारी किया जाता है तो याची भी न्यूनतम 10 बोनस अंक की हकदार हो जाती है.

पढ़ें: एमबीसी आरक्षण का लाभ नहीं देने पर मांगा जवाब, एक पद रिक्त रखने के आदेश

याची की ओर से बताया गया कि आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 450 पदों की भर्ती विज्ञप्ति (22.12.2020) में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीएम की घोषणा अनुसार 147 नए पद जोड़े जाने पर विभाग ने संशोधित विज्ञप्ति (21.06.2021) जारी कर नए और संविदा अभ्यर्थियों को पुनः आवेदन करने का मौका दिया गया. लेकिन आयुर्वेद नर्स कंपाउंडर पदों की भर्ती प्रक्रिया में मनमानी और भेदभाव किया जा रहा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सम्मिलित किए गए 154 पदों पर होने वाली नियुक्तियां रिट याचिका के निर्णय के अधीन रहने के अंतरिम आदेश देते हुए आयुर्वेद सचिव, राजस्थान सरकार सहित निदेशक, आयुर्वेद विभाग और भर्ती-संस्था आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर को नोटिस जारी जवाब तलब किया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ के न्यायाधीश अरूण भंसाली ने आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के 507 पदों के लिए चल रही भर्ती (Rajasthan Ayurved Nurse Compounder Bharti) प्रक्रिया में भविष्य के रिक्त होने वाले 154 पदों को जोड़े जाने पर राज्य सरकार सहित भर्ती संस्था को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता अनुराधा त्रिपाठी की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के पद पर संविदा पर कार्यरत है.

अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता ने एक वर्ष की सविंदा सेवा भी पूर्ण कर ली है, लेकिन आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर के 507 पदों की 17 जून, 2021 की शर्तों के अनुसार अंतिम तिथि 23 जून, 2021 तक एक वर्ष की सेवा अवधि नहीं होने से बोनस अंक की हकदार तो नहीं हैं. लेकिन आयुर्वेद विभाग ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2021-2022 के अनुसार आगामी दो वर्षों में होने वाली भर्तियों को गलत रूप से आंकलन कर वर्तमान में चल रही भर्ती प्रक्रिया में जोड़ दिया है. इससे आगामी दो वर्षों में होने वाले 154 रिक्तियों में याची सहित अन्य योग्य उम्मीदवार नियुक्तियों से वंचित हो जायेंगे.

पढ़ें: आयुर्वेद नर्स और कंपाउंडर के पदों पर नहीं हुई अभ्यर्थियों की नियुक्ति, नर्सिंग कर्मियों ने की जमकर नारेबाजी

अधिवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 24 फरवरी 2021 को बजट घोषणा में कहा था कि आगामी दो वर्षों में 50 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां की जाएंगी. इसमें आयुर्वेद विभाग में कुल 890 पदों पर भर्तियों की घोषणा की गई. लेकिन आयुर्वेद विभाग के निदेशक ने इस घोषणा को आगामी सालों की जगह इसी साल चल रही भर्ती प्रक्रिया में गलत सम्मिलित कर दिया. यह याची सहित अन्य बेरोजगार युवाओं के हितों पर कुठाराघात है. यदि मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार नए सर्जित 154 पदों पर नया अथवा संशोधित विज्ञापन जारी किया जाता है तो याची भी न्यूनतम 10 बोनस अंक की हकदार हो जाती है.

पढ़ें: एमबीसी आरक्षण का लाभ नहीं देने पर मांगा जवाब, एक पद रिक्त रखने के आदेश

याची की ओर से बताया गया कि आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 450 पदों की भर्ती विज्ञप्ति (22.12.2020) में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीएम की घोषणा अनुसार 147 नए पद जोड़े जाने पर विभाग ने संशोधित विज्ञप्ति (21.06.2021) जारी कर नए और संविदा अभ्यर्थियों को पुनः आवेदन करने का मौका दिया गया. लेकिन आयुर्वेद नर्स कंपाउंडर पदों की भर्ती प्रक्रिया में मनमानी और भेदभाव किया जा रहा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सम्मिलित किए गए 154 पदों पर होने वाली नियुक्तियां रिट याचिका के निर्णय के अधीन रहने के अंतरिम आदेश देते हुए आयुर्वेद सचिव, राजस्थान सरकार सहित निदेशक, आयुर्वेद विभाग और भर्ती-संस्था आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर को नोटिस जारी जवाब तलब किया है.

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