जोधपुर. शहर के छोटे और मध्यम स्तर के निजी स्कूल के संचालक आखिरकार सड़कों पर उतर ही गए हैं. बुधवार को बड़ी संख्या में ऐसे संचालकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द कक्षा 5 से 12वीं तक के पूरे स्कूल खोलने की व्यवस्था लागू की जाए, जिससे स्कूल संचालकों का जीवन-यापन चल सके. साथ ही स्कूलों से जुड़े हजारों की संख्या में अध्यापकों की परेशानी का अंत होगा, जो कोरोना के चलते पिछले 6 माह से बेरोजगार हो गए हैं.
संचालकों ने राज्य के शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्हें अभी तक पाठ्यक्रम को लेकर ही पूरी जानकारी नहीं है. आरबीएसई स्कूलों के कक्षा 5 से लेकर 8 तक के पाठ्यक्रम को लेकर शिक्षा मंत्री कोई निर्णय कर नहीं पाए हैं, जबकि सत्र आधे से ज्यादा बीत चुका है. दूसरी ओर सीबीएसई के स्कूल अपना पाठ्यक्रम तय कर लगातार काम कर रहे हैं. संचालकों का कहना है कि जब सरकार सभी तरह के चुनाव करवा रही है, सरकारी बसों का संचालन शुरू हो गया है, बाजारों में भी काम शुरू हो गया है तो अभी स्कूल बंद रखने का क्या औचित्य है.
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जिला कलेक्ट्रेट के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र निजी स्कूल संचालकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उसके बाद जिला प्रशासन को सरकार के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है, जिसमें बताया गया है कि निजी स्कूल संचालक अध्यापक बेरोजगारी के चलते आहत हो रहे हैं. कुछ लोग आत्महत्या तक भी कर चुके हैं.