जोधपुर. जिले में बीते 24 घंटे में साढ़े 6 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है. जिसके चलते शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए. शहर के सरकारी अस्पतालों में भी पानी भर गया. इस दौरान एक अलग तस्वीर ही सामने आई, जब कायलाना झील में डूब कर मौत का शिकार हुए फौजी का शव मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में लाया गया लेकिन मोर्चरी में पानी भरने से शव को अंदर नहीं ले जाया गया.
बता दें कि करीब 5 घंटे तक शव मोर्चरी के बाहर रहा. जिसका बाद रात में शव को सुरक्षित रखने के लिए कहीं ओर ले जाया गया. वहीं शव का पोस्टमार्टम सोमवार को ही होगा क्योंकि मोर्चरी के अंदर 2 फीट तक पानी भरा है. खास बात यह है कि रात तक अस्पताल की जिम्मेदार इसको लेकर सक्रिय नहीं हुए. पूरा काम वहां के सबसे छोटे दर्जे के कर्मचारियों के भरोसे ही छोड़ दिया गया, जिनका काम शव को मोर्चरी में रखना होता है.
यह भी पढ़ें : हेल्थ इंडेक्स में जयपुर बाहर, पूर्व चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा - मौजूदा सरकार नाकारा, दो गुटों में बंटी है
दरअसल, कायलाना झील में पैर फिसलने से फौजी कमलजीत सिंह पुत्र पदम सिंह की डूबने से मौत हो गई. मौत के बाद राजीव गांधी थाना पुलिस फौजी के शव को कब्जे में लेकर मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए ले गई, लेकिन तेज बारिश के चलते मोर्चरी में पानी भर गया. जिससे मोर्चरी में करंट का प्रवाह भी हो गया. जिसके चलते फौजी के शव को मोर्चरी के बाहर ही रखा गया.
यह भी पढ़ें : दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे के लिए नहीं थम रहा किसानों का विवाद, अब सांसद मीणा से लगाई गुहार
बता दें कि दोपहर 12:30 बजे फौजी की मौत हुई थी और दोपहर से ही फौजी का शव मोर्चरी के बाहर रखा गया था. इस दौरान पुलिस भी वहां मौजूद रही, लेकिन अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदारों को इतना भी समय नहीं मिला की किसी इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर मोर्चरी की जांच कराए और फौजी के शव को मोर्चरी में रखवाए. रात में शव अन्यत्र रखवाया गया क्योंकि रात को पोस्टमार्टम नहीं होता. मोर्चरी कर्मियों का कहना है कि अंदर भी पानी भरा है, हमारा काम ही शव को रखना होता है लेकिन आज स्थिति दूभर हो गई.