जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में कोरोना बेकाबू किया जा चुका है. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है, यहां के प्रशासनिक अधिकारी इस बात की लगातार पुष्टि करते आ रहे हैं कि व्यवस्थाएं बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. बेड की कमी नहीं आने दी जाएगी, लेकिन जोधपुर की कोरोना संक्रमण को लेकर बनाई गई चिकित्सा व्यवस्थाओं की पोल भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने खोल दी.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं भोपालगढ़ विधायक गर्ग ने शनिवार को कोरोना को लेकर हुई सर्वदलीय वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री को बताया कि 'मैं आपके गृह नगर में रह रहा हूं और जिले का विधायक भी हूं. मेरी कोरोना की रिपोर्ट 4 दिन बाद मुझे मिली. इसके लिए भी मुझे कई बार सीएमएचओ को फोन करने पड़े.'
अचरज की बात विधायक गर्ग ने यह भी बताई की उन्हें फोन पर बताया गया कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है, वे जब घर पहुंचे तो उससे पहले विभाग की टीम ने उनके घर पर ओम आइसोलेशन का पर्चा लगा दिया. 10 सितंबर से 26 सितंबर तक उन्हें देखने के लिए चिकित्सा विभाग की कोई टीम उनके घर नहीं पहुंची. जबकि नियमानुसार होम क्वॉरेंटाइन के दौरान तीन बार स्वास्थ्य परीक्षण के लिए टीम को आना होता है. इसके लिए भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बात की, लेकिन कहीं से कोई रिस्पांस नहीं मिला.
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ईटीवी भारत से खास बात करते हुए विधायक पुखराज गर्ग ने बताया कि 15 दिन बाद उन्हें फोन पर कहा गया कि क्वॉरेंटाइन का समय बीत गया है. इस पर विधायक गर्ग ने सीएमएचओ से कहा कि वे चाहते हैं कि उनका दोबारा टेस्ट हो, अगर नेगेटिव रिपोर्ट आ जाती है तो वह बाहर जाएंगे. इसके लिए उन्होंने कई प्रयास किए. लेकिन उनका सैंपल लेने के लिए कोई नहीं आया.
अलबत्ता शनिवार को जब मुख्यमंत्री के समक्ष सारी बात रखी तो उसके बाद उनका सैंपल लिया गया और उसकी रिपोर्ट भी रविवार सुबह 6:00 बजे उन्हें बता दी गई कि वह निगेटिव है. रविवार को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की एक टीम उनके घर आई और उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.
विधायक गर्ग ने बताया कि रविवार को वे एमडीएम अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर डॉक्टर से बात की. उन्हें पता चला कि अभी बेड नहीं है, मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है. विधायक ने कहा कि निचले स्तर पर व्यवस्थाओं को देखने वाला कोई नहीं है. होम क्वॉरेंटाइन में बड़ी संख्या में लोग घरों में है. ऐसे में सरकार को निचले स्तर की व्यवस्थाएं बनाने के लिए ध्यान देना चाहिए. खास तौर से मरीजों को समय पर कोरोना की रिपोर्ट मिले, इसके लिए अधिकारियों को पाबंद भी करना चाहिए.