जोधपुर. विश्व हिन्दू परिषद की ओर से जोधपुर शहर में प्रस्तावित रामरथ यात्रा की पुलिस कमिश्नर द्वारा अनुमति नहीं देने पर राजस्थान उच्च न्यायालय की शरण लेकर अनुमति देने का अनुरोध किया गया. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत ने विश्व हिन्दू परिषद के जोधपुर महानगर मंत्री राजेश दवे की याचिका पर सुनवाई करते हुए नए सिरे से पुलिस के समक्ष आवेदन पेश करने एवं पुलिस को 2 फरवरी तक उसे निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने बताया कि जोधपुर शहर में रामरथ जनजागरण यात्रा 16 जनवरी को निकाली जानी थी, जो कि घंटाघर से सत्संग भवन तक आयोजित करने के लिए पुलिस कमिश्नर के समक्ष आवेदन पेश किया था. 15 जनवरी को पुलिस कमिश्नर ने यह कहते हुए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया कि कोरोना के चलते धारा 144 लागू हैं. ऐसे में धार्मिक आयोजन के लिए अनुमति नही दी जा सकती है.
उच्च न्यायालय के समक्ष पुलिस द्वारा खारिज किए जाने के बाद याचिका प्रस्तुत की गई. न्यायाधीश भाटी की अदालत में बताया गया कि रैली में अनुमानित सौ की संख्या से कम ही होंगे. साथ ही एक टैक्ट्रर व एक ट्रक राम मंदिर निर्माण जनजागरण की रैली निकालना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी हैं. जबकि राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर 18 जनवरी को नई गाइडलाइन में धार्मिक आयोजन की अनुमति दी है.
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न्यायालय ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि नए सिरे से पुलिस के समक्ष आवेदन करें और पुलिस कानून सम्मत 5 दिन यानि 2 फरवरी तक उसे निस्तारित करें. कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए धार्मिक आयोजन की अनुमति दी जा सकती है.