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शेखावत नाम बड़ा हो चुका है....टिकट तो मिलना ही था...भले ही गहलोत का बेटा उतरे मैदान में - लोकसभा

भाजपा ने सभी तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए मारवाड़ की सबसे लोकप्रिय सीट जोधपुर पर गजेंद्र सिंह शेखावत को दोबारा मौका दिया है. इससे पहले शेखावत की राजसमंद सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा ने राजनीति में जोर पकड़ा था.

गजेंद्र सिंह शेखावत
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Published : Mar 22, 2019, 5:45 PM IST

जोधपुर.भाजपा ने पहली ही सूची में शेखावत का नाम घोषित कर पूरी तरह से भरोसा जताया है. हालांकि पहले उनकी जगह पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई ने जोधपुर सीट के लिए दावेदारी रखी थी. इसकी बड़ी वजह यह थी कि जोधपुर संसदीय क्षेत्र के 83 विधानसभा से विश्नोई विधायक हैं. विष्णु की दावेदारी में भी दम नजर आ रहा था, लेकिन पार्टी ने तमाम कयासों को सिरे से खारिज करते हुए शेखावत को ही दुबारा मौका देते हुए मैदान में उतार दिया है.


ये है जोधपुर सीट का जातिगत समीकरण...
जोधपुर संसदीय क्षेत्र के जातिगत समीकरण में विश्नोई व राजपूत ही सबसे ऊपर है. दोनों ही जातियों में करीब 4-4 लाख वोटर हैं. भाजपा ने शेखावत पर दोबारा दांव राजपूत, ब्राह्मण, महाजन व अन्य परंपरागत वोट बैंक के बूते खेला है. इसमें विश्नोई समाज के वोट भी शामिल है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस अगर वैभव गहलोत को भी मैदान में उतारती है तो विश्नोई समाज के वोट एक तरफा कांग्रेस के पक्ष में नहीं जाएंगे, क्योंकि तीन में से एक विश्नोई विधायक भाजपा से हैं.

गजेंद्र सिंह शेखावत को दोबारा मौका

कांग्रेस ने अपने दोनों विधायकों को अभी सरकार में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया है. इसके अलावा कांग्रेस के पास वैभव गहलोत को टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कोई दमदार विश्नोई उम्मीदवार भी नहीं है. ऐसे में अगर कांग्रेस किसी राजपूत उम्मीदवार को शेखावत के सामने उतारती है तो पहले के चुनाव का हस्र कांग्रेस देख चुकी है. ऐसे में इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 में से 6 सीटों पर विधानसभा चुनाव जीतने की बढ़त बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

जोधपुर.भाजपा ने पहली ही सूची में शेखावत का नाम घोषित कर पूरी तरह से भरोसा जताया है. हालांकि पहले उनकी जगह पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई ने जोधपुर सीट के लिए दावेदारी रखी थी. इसकी बड़ी वजह यह थी कि जोधपुर संसदीय क्षेत्र के 83 विधानसभा से विश्नोई विधायक हैं. विष्णु की दावेदारी में भी दम नजर आ रहा था, लेकिन पार्टी ने तमाम कयासों को सिरे से खारिज करते हुए शेखावत को ही दुबारा मौका देते हुए मैदान में उतार दिया है.


ये है जोधपुर सीट का जातिगत समीकरण...
जोधपुर संसदीय क्षेत्र के जातिगत समीकरण में विश्नोई व राजपूत ही सबसे ऊपर है. दोनों ही जातियों में करीब 4-4 लाख वोटर हैं. भाजपा ने शेखावत पर दोबारा दांव राजपूत, ब्राह्मण, महाजन व अन्य परंपरागत वोट बैंक के बूते खेला है. इसमें विश्नोई समाज के वोट भी शामिल है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस अगर वैभव गहलोत को भी मैदान में उतारती है तो विश्नोई समाज के वोट एक तरफा कांग्रेस के पक्ष में नहीं जाएंगे, क्योंकि तीन में से एक विश्नोई विधायक भाजपा से हैं.

गजेंद्र सिंह शेखावत को दोबारा मौका

कांग्रेस ने अपने दोनों विधायकों को अभी सरकार में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया है. इसके अलावा कांग्रेस के पास वैभव गहलोत को टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कोई दमदार विश्नोई उम्मीदवार भी नहीं है. ऐसे में अगर कांग्रेस किसी राजपूत उम्मीदवार को शेखावत के सामने उतारती है तो पहले के चुनाव का हस्र कांग्रेस देख चुकी है. ऐसे में इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 में से 6 सीटों पर विधानसभा चुनाव जीतने की बढ़त बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.
Intro:जोधपुर। मारवाड़ की सबसे प्रतिष्ठित सीट जोधपुर लोक सभा सीट पर भाजपा ने सभी तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत को दोबारा मौका दिया है इससे पहले शेखावत के राजसमंद से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी लेकिन पहली ही सूची में शेखावत का नाम आने से इन चर्चाओं पर विराम लग गया है यह बात अलग है कि शेखावत की रात सम से चुनाव लड़ने की अटकलों ने जोर पकड़ा था कि उनकी जगह पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई ने जोधपुर सीट के लिए दावेदारी रखी थी इसकी बड़ी वजह यह थी कि जोधपुर संसदीय क्षेत्र के 83 विधानसभा से विश्नोई एमएलए हैं विष्णु की दावेदारी में भी दम नजर आ रहा था लेकिन पार्टी ने तमाम कयासों को सिरे से खारिज करते हुए शेखावत को ही दुबारा मौका देते हुए मैदान में उतार दिया है।


Body:जोधपुर संसदीय क्षेत्र जातिगत समीकरण में विश्नोई व राजपूत ही सबसे ऊपर है दोनों जातियों के करीब चार चार लाख वोट हैं भाजपा ने शेखावत पर दोबारा दांव राजपूत ब्राह्मण महाजन व अन्य परंपरागत वोट बैंक के बूते खेला है इसमें विश्नोई समाज के वोट भी शामिल है ऐसी स्थिति में कांग्रेस अगर वैभव गहलोत को भी मैदान में उतारती है तो विश्नोई समाज के वोट एक तरफा कांग्रेस के पक्ष में नहीं जाएंगे क्योंकि तीन में से एक विश्नोई विधायक भाजपा से हैं और कांग्रेस ने अपने दोनों विधायकों को अभी सरकार में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया है इसके अलावा कांग्रेस के पास वैभव गहलोत को टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कोई दमदार विश्नोई उम्मीदवार भी नहीं है और अगर कांग्रेस किसी राजपूत उम्मीदवार को शेखावत के सामने उतारती है तो पहले के चुनाव का हस्र कांग्रेस देख चुकी है ऐसे में इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 में से 6 सीटों पर विधानसभा चुनाव जीतने की बढ़त बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।


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