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Adarsh Tapadia Murder Case : स्वतंत्र रूप से गवाहों के करवाए जाएं बयान, अगली सुनवाई पर रिपोर्ट करें पेश - HC

Adarsh Tapadia Murder Case, भीलवाड़ा में आदर्श तापड़िया हत्या मामले पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतंत्र रूप से गवाहों के बयान करवाने और अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Sep 14, 2022, 10:57 PM IST

जोधपुर. भीलवाड़ा के आदर्श तापड़िया हत्या मामले की निष्पक्ष जांच करवाने को लेकर (Adarsh Tapadia was Stabbed to Death) राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद अनुसंधान अधिकारी को निर्देश दिए गए कि गवाहों के स्वतंत्र रूप से बयान दर्ज कर रिपोर्ट पेश करें. जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने अनुसंधान अधिकारी की रिपोर्ट पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि गवाहों के बयान स्वतंत्र रूप से ट्रायल कोर्ट में दर्ज करवाए जाएं और उनको पेश किया जाए.

कोर्ट ने अनुसंधान अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि गवाह केशव पांडे, अनिल लालवानी और अमित शर्मा के बयान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा के समक्ष 16 सितंबर 2022 को कैमरे में रिकॉर्ड किए जाएं और वो भी बिना किसी निजी व्यक्ति व पुलिस की मौजूदगी में दर्ज किए जाएं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा 16 सितंबर को न्यायालय परिसर में मौजूद रहेंगे और गवाहों की स्वतंत्रता व कानून-व्यवस्था का ख्याल रखेंगे. जांच अधिकारी अगली सुनवाई पर 21 सितंबर को हाईकोर्ट के समक्ष बयान, केस डायरी और सहायक निदेशक अभियोजन एक रिपोर्ट तैयार कर अवलोकन के लिए पेश करें.

पढ़ें : आदर्श तापड़िया हत्याकांडः भाजपा विधायक बोले राजस्थान पुलिस पर भरोसा नहीं, इसलिए की सीबीआई जांच की मांग

दरअसल, याचिका में बताया गया है कि राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में आदर्श तापड़िया को सरेराह (Crime in Bhilwara) चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया गया था. आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर के बावजूद पुलिस द्वारा केवल लीपापोती की जा रही थी. अपने भाई की निर्मम हत्या से आहत हुए मंयक तापड़िया ने अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित के जरिए हाईकोर्ट में याचिका पेश की. याचिका में पुलिस द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर एनआईए से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की गुहार की गई है.

जोधपुर. भीलवाड़ा के आदर्श तापड़िया हत्या मामले की निष्पक्ष जांच करवाने को लेकर (Adarsh Tapadia was Stabbed to Death) राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद अनुसंधान अधिकारी को निर्देश दिए गए कि गवाहों के स्वतंत्र रूप से बयान दर्ज कर रिपोर्ट पेश करें. जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने अनुसंधान अधिकारी की रिपोर्ट पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि गवाहों के बयान स्वतंत्र रूप से ट्रायल कोर्ट में दर्ज करवाए जाएं और उनको पेश किया जाए.

कोर्ट ने अनुसंधान अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि गवाह केशव पांडे, अनिल लालवानी और अमित शर्मा के बयान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा के समक्ष 16 सितंबर 2022 को कैमरे में रिकॉर्ड किए जाएं और वो भी बिना किसी निजी व्यक्ति व पुलिस की मौजूदगी में दर्ज किए जाएं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा 16 सितंबर को न्यायालय परिसर में मौजूद रहेंगे और गवाहों की स्वतंत्रता व कानून-व्यवस्था का ख्याल रखेंगे. जांच अधिकारी अगली सुनवाई पर 21 सितंबर को हाईकोर्ट के समक्ष बयान, केस डायरी और सहायक निदेशक अभियोजन एक रिपोर्ट तैयार कर अवलोकन के लिए पेश करें.

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दरअसल, याचिका में बताया गया है कि राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में आदर्श तापड़िया को सरेराह (Crime in Bhilwara) चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया गया था. आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर के बावजूद पुलिस द्वारा केवल लीपापोती की जा रही थी. अपने भाई की निर्मम हत्या से आहत हुए मंयक तापड़िया ने अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित के जरिए हाईकोर्ट में याचिका पेश की. याचिका में पुलिस द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर एनआईए से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की गुहार की गई है.

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