जयपुर. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए मनरेगा योजना चलाई जा रही है. मनरेगा योजना के तहत आमेर और जमवारामगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं. आमेर के नांगल गांव में मनरेगा कार्य को लेकर विवाद खड़ा हो गया. नांगल गांव में मनरेगा योजना के तहत पानी के निकास के लिए मिट्टी की डोली बनाई जा रही है. खेतों की सीमा से मिट्टी हटाकर बाहर सड़क सीमा पर डालकर मिट्टी की डोली बनाने पर ग्रामीणों ने विरोध प्रकट किया है. ग्रामीणों ने मनरेगा योजना के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
ग्रामीणों ने बताया कि नांगल ना टाटा गांव के लिए सड़क बनाई गई थी, लेकिन नांगल सरपंच के सहयोग से सड़क को दबाकर उसके ऊपर ही मिट्टी डाली जा रही है. इस तरह से मनरेगा का दुरुपयोग करते हुए खेतों की चौड़ाई बढ़ाते हुए मिट्टी उठाकर सड़क पर डाली जा रही है, यह सरासर गलत है. खेत की डोली को बाहर सड़क सीमा पर बढ़ाया जा रहा है. कुल मिलाकर खेतों की सीमा को बढ़ाकर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है. अगर मनरेगा के तहत पानी के निकास के लिए ही मिट्टी की डोली बनाई जा रही है, तो उसको पुरानी सीमा पर ही बनाई जानी चाहिए थी.
इस पूरे मामले को लेकर नांगल सरपंच ज्योति मीणा ने कहा कि ग्राम पंचायत में कोई भी गलत कार्य नहीं किया जा रहा है, बल्कि मनरेगा के तहत विकास का कार्य किया जा रहा है. लोगों के विरोध को मध्य नजर रखते हुए पटवारी को बुलवाकर मौके पर नापजोक की जाएगी. इसके बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. सरकारी योजना के तहत नियमानुसार पानी के बहाव के लिए नाले का काम किया जा रहा है.
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ग्राम विकास अधिकारी योगेश यादव ने बताया कि आमेर तहसील में ग्राम पंचायत नांगल सुसावतान में मनरेगा योजना के तहत कार्य किया जा रहा है. इसमें करीब 35 ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है. पानी के बहाव के लिए नाला तैयार किया जा रहा है. मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे कार्य के दौरान लोगों का विरोध सामने आया है. इसके बाद काम को बंद करके दूसरी जगह आगे की तरफ से किया जा रहा है. विरोध की जगह पर पटवारी से नाप करवाई जाएगी. उसके बाद आगे कार्य किया जाएगा.