जयपुर. आमागढ़ पहाड़ी स्थित मीणा समाज के धार्मिक स्थल से पिछले दिनों भगवा ध्वज हटाया जाने के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. अब विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष प्यारे लाल मीणा ने एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने इसे तुच्छ राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की गई घटना करार दिया. साथ ही समाज के सभी घटकों से आग्रह किया कि वे एकजुटता के साथ समाज द्रोहियों के षड्यंत्र को विफल करें.
विश्व हिंदू परिषद प्रदेश अध्यक्ष प्यारे लाल मीणा ने एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि 4 जून को मीणा समाज के शौर्य स्थल आमा माता परिसर में स्थित शिव पंचायत को कुछ समाजकंटकों की ओर से योजनाबद्ध तरीके से खंडित किया गया था. जिसकी 5 जून को थाना ट्रांसपोर्ट नगर पर FIR भी दर्ज कराई और अनेक बार प्रशासन से आग्रह भी किया. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में खंडित हुई प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा विधि विधान से 13 जून को धर्म प्रेमी स्थानीय समाज की ओर से की गई लेकिन इस घटना के बाद आमागढ़ किला स्थित धर्म ध्वजा को अपमान पूर्वक षड्यंत्र कार्यों ने खंडित कर दिया. स्थानीय विधायक रफीक खान के इशारे पर इस कार्य को अंजाम दिया गया.
विहिप प्रदेश अध्यक्ष ने इसे बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया. उन्होंने कहा कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की उपस्थिति में यह अपराध घटित हुआ है. उन्होंने कहा कि आदिकाल से केसरिया ध्वज वीरता और शौर्य का प्रतीक है और राष्ट्रीय जीवन के हजारों वर्षों से तेजस्वी इतिहास का भी परिचायक है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मीणा समाज पुरातन काल से राष्ट्रीय संस्कृति के लिए बलिदानी और धर्म प्राणी रहा है लेकिन कुछ राजनेता अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इसे तोड़ने में जुटे हैं.
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बता दें कि गलता तीर्थ के पास आमागढ़ पहाड़ी किले पर लगे भगवा ध्वज को विधायक रामकेश मीणा की उपस्थिति में उतरवाया गया था. जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. इस पर रामकेश मीणा ने सफाई दी है कि आरएसएस के लोगों ने अनधिकृत रूप से वहां झंडा लगाया था, जिसे उन्हीं लोगों को बुलाकर उतरवाया गया है. हमने ध्वज को अपमानित करने का काम नहीं किया है.