जयपुर. रेल मंत्रालय ने सभी रेलवे जोनल से रेल गाड़ियां चलाने के प्रस्ताव भी लिए थे. जोनल रेलवे ने कुछ गाड़ियों के चलाने के प्रस्ताव भी दिए थे. लेकिन उस पर विचार न करके रेल मंत्रालय ने रेल गाड़ियों को चलाने के बजाए अग्रिम आदेश तक रद्द रखने का निर्णय लिया है.
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने बताया कि इससे रेलवे के राजस्व को नुकसान हो रहा है. कोरोना संक्रमण के समय बंद रेल गाड़ियों को नुकसान में बताना उचित नहीं होगा. जब रेल गाड़ियां ही पटरी पर नहीं चल रही हैं तो रेल को घाटे और मुनाफे में बताना गलत होगा. जो यात्री ट्रेनों में सफर करना चाहते हैं, उनको निराशा हो रही है.
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रेलवे स्टेशन के बाहर जो व्यवसायिक हैं, उनको उम्मीद थी की 15 अगस्त से ट्रेनों का संचालन सामान्य हो जाएगा. लेकिन रेल मंत्रालय के अग्रिम आदेश तक ट्रेनें नहीं चलाने के निर्देश मिलने पर रेलवे स्टेशन के भरोसे व्यवसायिकों को निराशा हुई है. क्योंकि रेल यात्रियों के ही भरोसे इन व्यवसायिकों का व्यवसाय चलता है. रेल यात्रियों के न आने से स्टेशन के बाहर सैकड़ों लोगों का व्यवसाय ठप सा हो गया है.
इन रेल यात्रियों के आवागमन से निजी बस, ई-रिक्शा, होटल व्यवयसाय, फूटपाथ व्यवसाय, पार्किंग व्यवसाय सहित अन्य व्यवसाय जुड़े हुए हैं. इन व्यवसाय से सैकड़ों लोगों को रोजगार चलता था, जिससे उनके घर का पालन-पोषण चलता था. लेकिन रेल मंत्रालय ने फिर से अग्रिम आदेशों तक ट्रेनों को चलने से रोक देने पर सभी यात्रियों सहित व्यवसायिक लोग निराश हैं.