जयपुर. 15वीं विधानसभा के तीसरे सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को सदन में जय श्रीराम के नारे एक बार फिर गूंजे. संविधान दिवस पर हो रही चर्चा के दौरान विपक्ष के बीजेपी विधायकों ने सदन में जय श्रीराम के नारे लगाए. वहीं, सदन में जय श्रीराम के नारे लगने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया.
दरअसल, 15वीं विधानसभा के तीसरे सत्र के दूसरे दिन सदन में पक्ष-विपक्ष की तरफ से संविधान दिवस पर चर्चा होनी थी. सदन की शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने संविधान दिवस पर चर्चा की. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मोदी सरकार की ओर से की गई योजनाओं को लेकर कहा कि कश्मीर के मुद्दे को कांग्रेस ने अपने वोट बैंक की खातिर उलझाए रखा.
कटारिया ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर 72 साल की समस्या को खत्म किया. उन्होंने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद किसी तरह की कोई हिंसा नहीं हुआ. इसी तरीके से कोर्ट का अयोध्या मामले पर जो फैसला है वह कांग्रेस चाहती तो 20 साल पहले भी आ सकती थी. लेकिन कांग्रेस सिर्फ अपने वोट बैंक को बचाए रखने के लिए इन दोनों मुद्दों पर कोई फैसला नहीं होने दिया.
वहीं, इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए सदन में हंगामा शुरू कर दिया. सत्ता पक्ष का हंगामा देख विपक्ष के विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगाने शुरू कर दिए. सदन में जय श्री राम के नारे के बाद पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सदन में जब अयोध्या मामले पर बोला तो सत्ता पक्ष के नेताओं को यह बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने सदन में हंगामा शुरू कर दिया.
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उधर, मुख्यसचेतक महेश जोशी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुते कहा कि विपक्ष सदन में जय श्रीराम के नारे लगाए, इससे कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इसके लिए नियत ठीक होने चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी राम का नाम लेकर उन्माद फैलाना चाहती है.