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Dotasra Two Years : चुनौतीपूर्ण समय पर बने थे राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष, चुनाव करवाए लेकिन संगठन का नहीं कर सके गठन

चुनौतीपूर्ण समय पर बने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के कार्यकाल के गुरुवार यानी 14 जुलाई को 2 साल पूरे हो गए. इस दौरान डोटासरा ने चुनाव करवाए, लेकिन संगठन का गठन नहीं कर सके. पीसीसी चीफ के दो साल के कार्यकाल का क्या है (Dotasra Two Years) लेखाजोखा, यहां समझिए...

CM Gehlot and PCC Chief Dotasra
सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ डोटासरा
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Published : Jul 14, 2022, 6:02 AM IST

जयपुर. जुलाई 2020 में राजस्थान कांग्रेस में जो सियासी संकट आया, उसके चलते 14 जुलाई 2020 को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान सौंपी गई. अब गोविंद डोटासरा को अध्यक्ष बने 2 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन जिन चुनौती पूर्वक (Challege for PCC Chief Govind Dotasra) परिस्थितियों में डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान मिली थी, वह चुनौतियां 2 साल बाद भी समाप्त होती दिखाई नहीं दे रही हैं. भले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पंचायत और नगर निगम के चुनाव सफलतापूर्वक करवाए हों, लेकिन संगठन को फिर से खड़ा करने में अभी गोविंद डोटासरा सफल नहीं हो सके हैं.

निकाय चुनाव और उपचुनाव में बाजी मारी, धरने-प्रदर्शन में भी पार्टी रही आगे : गोविंद डोटासरा के 2 साल के कार्यकाल में अगर कोई सबसे बड़ी सफलता मानी जा सकती है तो वह है नगर निगम, निकाय और प्रदेश में हुए उपचुनाव, जिनमें कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को शिकस्त दी. हालांकि, पंचायत चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में सफलता (Congress Strategy on Dotasra) कांग्रेस को नहीं मिली, लेकिन उपचुनाव में डोटासरा के नेतृत्व में 5 में से 4 सीट कांग्रेस को जीतने में सफलता मिली, जिसे डोटासरा की 2 साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है. इसके साथ ही धरने-प्रदर्शन सफलतापूर्वक करने में गोविंद डोटासरा कामयाब रहे.

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के कार्यकाल...

न ब्लॉक अध्यक्ष बने न ही ज्यादातर जिला अध्यक्ष, केवल 40 पदाधिकारियों के साथ निकाले डोटासरा ने 2 साल : राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को जब प्रदेश कांग्रेस की कमान मिली तो संगठन के नाम पर केवल गोविंद सिंह डोटासरा ही प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी थे. क्योंकि राजस्थान कांग्रेस संगठन को पूरी तरह से भंग कर दिया गया था. 6 महीने की जद्दोजहद के बाद डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस के 39 पदाधिकारी मिले तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने किसी तरह से 13 जिला अध्यक्ष, दो प्रवक्ता और कोषाध्यक्ष की भी घोषणा करवाई.

CM Gehlot and PCC Chief Dotasra
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ डोटासरा

पढ़ें : बयानबाजी के कारण निशाने पर रहे गोविंद सिंह डोटासरा..बीते एक साल में 10 बार आए विवादों में

लेकिन 13 जिला अध्यक्ष में से पांच जिला अध्यक्षों को एक व्यक्ति एक पद और एक पद पर 5 साल से ज्यादा नहीं रह सकने वाले नियम के चलते हटना पड़ा. ऐसे में वह जिला अध्यक्ष निरस्त हो गए. अब कांग्रेस पार्टी में (Tenure of Rajasthan Congress President Govind Dotasra) संगठन के चुनाव चल रहे हैं, लेकिन इनकी घोषणा कब होगी इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.

जयपुर. जुलाई 2020 में राजस्थान कांग्रेस में जो सियासी संकट आया, उसके चलते 14 जुलाई 2020 को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान सौंपी गई. अब गोविंद डोटासरा को अध्यक्ष बने 2 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन जिन चुनौती पूर्वक (Challege for PCC Chief Govind Dotasra) परिस्थितियों में डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान मिली थी, वह चुनौतियां 2 साल बाद भी समाप्त होती दिखाई नहीं दे रही हैं. भले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पंचायत और नगर निगम के चुनाव सफलतापूर्वक करवाए हों, लेकिन संगठन को फिर से खड़ा करने में अभी गोविंद डोटासरा सफल नहीं हो सके हैं.

निकाय चुनाव और उपचुनाव में बाजी मारी, धरने-प्रदर्शन में भी पार्टी रही आगे : गोविंद डोटासरा के 2 साल के कार्यकाल में अगर कोई सबसे बड़ी सफलता मानी जा सकती है तो वह है नगर निगम, निकाय और प्रदेश में हुए उपचुनाव, जिनमें कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को शिकस्त दी. हालांकि, पंचायत चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में सफलता (Congress Strategy on Dotasra) कांग्रेस को नहीं मिली, लेकिन उपचुनाव में डोटासरा के नेतृत्व में 5 में से 4 सीट कांग्रेस को जीतने में सफलता मिली, जिसे डोटासरा की 2 साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है. इसके साथ ही धरने-प्रदर्शन सफलतापूर्वक करने में गोविंद डोटासरा कामयाब रहे.

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के कार्यकाल...

न ब्लॉक अध्यक्ष बने न ही ज्यादातर जिला अध्यक्ष, केवल 40 पदाधिकारियों के साथ निकाले डोटासरा ने 2 साल : राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को जब प्रदेश कांग्रेस की कमान मिली तो संगठन के नाम पर केवल गोविंद सिंह डोटासरा ही प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी थे. क्योंकि राजस्थान कांग्रेस संगठन को पूरी तरह से भंग कर दिया गया था. 6 महीने की जद्दोजहद के बाद डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस के 39 पदाधिकारी मिले तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने किसी तरह से 13 जिला अध्यक्ष, दो प्रवक्ता और कोषाध्यक्ष की भी घोषणा करवाई.

CM Gehlot and PCC Chief Dotasra
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ डोटासरा

पढ़ें : बयानबाजी के कारण निशाने पर रहे गोविंद सिंह डोटासरा..बीते एक साल में 10 बार आए विवादों में

लेकिन 13 जिला अध्यक्ष में से पांच जिला अध्यक्षों को एक व्यक्ति एक पद और एक पद पर 5 साल से ज्यादा नहीं रह सकने वाले नियम के चलते हटना पड़ा. ऐसे में वह जिला अध्यक्ष निरस्त हो गए. अब कांग्रेस पार्टी में (Tenure of Rajasthan Congress President Govind Dotasra) संगठन के चुनाव चल रहे हैं, लेकिन इनकी घोषणा कब होगी इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.

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