जयपुर. प्रदेशभर में रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. सरकार और रेजिडेंट डॉक्टर्स के बीच हुई 2 बार की वार्ता भी विफल रही. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है, कि रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी हठधर्मिता पर अड़े हैं. सरकार ने 2 बार संवेदनशील वार्ता की है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर सोच कर ही बैठे हैं, कि उनको हड़ताल पर जाना है तो इसका उपाय सरकार के पास भी नहीं है. मंत्री ने कहा, कि रेजिडेंट डॉक्टर की जिन भी मांगों पर सहमति बनी है, उसका लिखित ऑर्डर मांगा जा रहा है, जो संभव नहीं है.
मंत्री ने कहा, कि सुरक्षा की मांग पर सभी अस्पतालों में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था की जाएगी, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को सरकार पर विश्वास नहीं है. वे हठधर्मिता पर अड़े हैं और मरीजों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं. मंत्री ने रेजिडेंट डॉक्टर्स से अपील की है, कि वे हठधर्मिता छोड़ें और काम पर वापस लौट आएं.
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अब नहीं होगी कोई वार्ता : रघु शर्मा
मंत्री रघु शर्मा ने कहा, कि सभी मांगों को मानने के बावजूद रेजिडेंट्स बिना बात के मरीजों को परेशान करने के लिए हड़ताल कर रहे हैं तो सरकार भी सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी. मंत्री ने ये भी कहा, कि सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को कोई समस्या ना हो, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. रघु शर्मा ने साफ कहा, कि अब किसी तरह की कोई वार्ता नहीं होगी, क्योंकि सभी मांगों पर बातचीत हो चुकी है.
सेवारत चिकित्सकों ने भी दी चेतावनी
उधर रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है, कि एचआरए की मांग को लेकर डेढ़ साल से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार अब भी वित्त मामले का हवाला दे रही है. रेजिडेंट्स का कहना है, कि अबतक की वार्ताओं में सिर्फ आश्वासन दिया गया है, लेकिन हम सिर्फ आश्वासन से काम पर नहीं लौटेंगे. जबतक लिखित में मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तबतक हड़ताल जारी रहेगी.
वहीं हड़ताल कर रहे रेजिडेंट्स के समर्थन में अब सेवारत चिकित्सकों ने भी चेतावनी देते हुए 3 दिन में मांगें पूरी नहीं करने की स्थिति में एक साथ हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
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ये हैं रेजिडेंट डॉक्टर्स की प्रमुख मांगें
- दूसरे राज्यों की तर्ज पर आवासीय भत्ता देना
- हाल ही में बढ़ाई गई पीजी और सुपर स्पेशिलिटी की फीस का ऑर्डर वापस लेना
- चिकित्सकों के लिए पुख्ता सुरक्षा उपलब्ध कराएं