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हठधर्मिता छोड़ें, मरीजों से नाइंसाफी नहीं करें रेजिडेंट्स वर्ना सख्त कदम उठाने पर होंगे मजबूर: रघु शर्मा

पूरे प्रदेश में 2 दिन से रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतरती नजर आ रही है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने साफ कहा है, कि जिन मुद्दों पर वार्ता होनी थी, वो हो चुकी है और मांगें मान भी ली गई हैं. लेकिन अब कोई वार्ता नहीं होगी और सख्त कदम उठाए जाएंगे.

raghu sharma health minister, चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा
लिखित आश्वासन असंभव : रघु शर्मा
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Published : Dec 4, 2019, 5:51 PM IST

जयपुर. प्रदेशभर में रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. सरकार और रेजिडेंट डॉक्टर्स के बीच हुई 2 बार की वार्ता भी विफल रही. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है, कि रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी हठधर्मिता पर अड़े हैं. सरकार ने 2 बार संवेदनशील वार्ता की है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर सोच कर ही बैठे हैं, कि उनको हड़ताल पर जाना है तो इसका उपाय सरकार के पास भी नहीं है. मंत्री ने कहा, कि रेजिडेंट डॉक्टर की जिन भी मांगों पर सहमति बनी है, उसका लिखित ऑर्डर मांगा जा रहा है, जो संभव नहीं है.

हठधर्मिता छोड़ काम पर लौटें रेजिडेंट डॉक्टर्स: रघु शर्मा

मंत्री ने कहा, कि सुरक्षा की मांग पर सभी अस्पतालों में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था की जाएगी, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को सरकार पर विश्वास नहीं है. वे हठधर्मिता पर अड़े हैं और मरीजों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं. मंत्री ने रेजिडेंट डॉक्टर्स से अपील की है, कि वे हठधर्मिता छोड़ें और काम पर वापस लौट आएं.

पढे़ंः उदयपुर में भी हड़ताल पर रेजिडेंट डॉक्टर्स, पिछले 15 दिन से कर रहे थे आंदोलन

अब नहीं होगी कोई वार्ता : रघु शर्मा
मंत्री रघु शर्मा ने कहा, कि सभी मांगों को मानने के बावजूद रेजिडेंट्स बिना बात के मरीजों को परेशान करने के लिए हड़ताल कर रहे हैं तो सरकार भी सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी. मंत्री ने ये भी कहा, कि सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को कोई समस्या ना हो, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. रघु शर्मा ने साफ कहा, कि अब किसी तरह की कोई वार्ता नहीं होगी, क्योंकि सभी मांगों पर बातचीत हो चुकी है.

सेवारत चिकित्सकों ने भी दी चेतावनी
उधर रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है, कि एचआरए की मांग को लेकर डेढ़ साल से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार अब भी वित्त मामले का हवाला दे रही है. रेजिडेंट्स का कहना है, कि अबतक की वार्ताओं में सिर्फ आश्वासन दिया गया है, लेकिन हम सिर्फ आश्वासन से काम पर नहीं लौटेंगे. जबतक लिखित में मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तबतक हड़ताल जारी रहेगी.
वहीं हड़ताल कर रहे रेजिडेंट्स के समर्थन में अब सेवारत चिकित्सकों ने भी चेतावनी देते हुए 3 दिन में मांगें पूरी नहीं करने की स्थिति में एक साथ हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

पढे़ंः बीकानेर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते परेशान हो रहे मरीज, जरूरी ऑपरेशन ही टाल दिए गए

ये हैं रेजिडेंट डॉक्टर्स की प्रमुख मांगें

  • दूसरे राज्यों की तर्ज पर आवासीय भत्ता देना
  • हाल ही में बढ़ाई गई पीजी और सुपर स्पेशिलिटी की फीस का ऑर्डर वापस लेना
  • चिकित्सकों के लिए पुख्ता सुरक्षा उपलब्ध कराएं

जयपुर. प्रदेशभर में रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. सरकार और रेजिडेंट डॉक्टर्स के बीच हुई 2 बार की वार्ता भी विफल रही. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है, कि रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी हठधर्मिता पर अड़े हैं. सरकार ने 2 बार संवेदनशील वार्ता की है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर सोच कर ही बैठे हैं, कि उनको हड़ताल पर जाना है तो इसका उपाय सरकार के पास भी नहीं है. मंत्री ने कहा, कि रेजिडेंट डॉक्टर की जिन भी मांगों पर सहमति बनी है, उसका लिखित ऑर्डर मांगा जा रहा है, जो संभव नहीं है.

हठधर्मिता छोड़ काम पर लौटें रेजिडेंट डॉक्टर्स: रघु शर्मा

मंत्री ने कहा, कि सुरक्षा की मांग पर सभी अस्पतालों में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था की जाएगी, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को सरकार पर विश्वास नहीं है. वे हठधर्मिता पर अड़े हैं और मरीजों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं. मंत्री ने रेजिडेंट डॉक्टर्स से अपील की है, कि वे हठधर्मिता छोड़ें और काम पर वापस लौट आएं.

पढे़ंः उदयपुर में भी हड़ताल पर रेजिडेंट डॉक्टर्स, पिछले 15 दिन से कर रहे थे आंदोलन

अब नहीं होगी कोई वार्ता : रघु शर्मा
मंत्री रघु शर्मा ने कहा, कि सभी मांगों को मानने के बावजूद रेजिडेंट्स बिना बात के मरीजों को परेशान करने के लिए हड़ताल कर रहे हैं तो सरकार भी सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी. मंत्री ने ये भी कहा, कि सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को कोई समस्या ना हो, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. रघु शर्मा ने साफ कहा, कि अब किसी तरह की कोई वार्ता नहीं होगी, क्योंकि सभी मांगों पर बातचीत हो चुकी है.

सेवारत चिकित्सकों ने भी दी चेतावनी
उधर रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है, कि एचआरए की मांग को लेकर डेढ़ साल से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार अब भी वित्त मामले का हवाला दे रही है. रेजिडेंट्स का कहना है, कि अबतक की वार्ताओं में सिर्फ आश्वासन दिया गया है, लेकिन हम सिर्फ आश्वासन से काम पर नहीं लौटेंगे. जबतक लिखित में मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तबतक हड़ताल जारी रहेगी.
वहीं हड़ताल कर रहे रेजिडेंट्स के समर्थन में अब सेवारत चिकित्सकों ने भी चेतावनी देते हुए 3 दिन में मांगें पूरी नहीं करने की स्थिति में एक साथ हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

पढे़ंः बीकानेर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते परेशान हो रहे मरीज, जरूरी ऑपरेशन ही टाल दिए गए

ये हैं रेजिडेंट डॉक्टर्स की प्रमुख मांगें

  • दूसरे राज्यों की तर्ज पर आवासीय भत्ता देना
  • हाल ही में बढ़ाई गई पीजी और सुपर स्पेशिलिटी की फीस का ऑर्डर वापस लेना
  • चिकित्सकों के लिए पुख्ता सुरक्षा उपलब्ध कराएं
Intro:जयपुर- प्रदेशभर में रेसिडेंट्स डॉक्टर्स अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है। सरकार और रेजिडेंट डॉक्टर्स के बीच हुई दो बार की वार्ता भी विफल रही जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल को जारी रखा है। रेसिडेंट्स डॉक्टर्स की हड़ताल पर चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा की डॉक्टर्स अपनी हठधर्मिता पर अड़े है। सरकार ने अपने स्तर पर दो बार संवेदनशील वार्ता की है लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर सोच कर ही बैठे हैं कि उनको हड़ताल पर जाना है, तो उसका उपाय सरकार के पास भी नहीं है। मंत्री ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर की जिन भी मांगों पर सहमति बनी है, उसका लिखित में आर्डर मांगा जा रहा है, जो असंभव है। मंत्री ने कहा की सुरक्षा की मांग पर सभी अस्पतालों में सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था की जाएगी लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को सरकार पर विश्वास नहीं है जिसके चलते वे हठधर्मिता पर अड़े है और मरीजों के साथ नाइंसाफी कर रहे है। मंत्री ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को अपील कर कहा है की अपनी हठधर्मिता छोड़े और काम पर वापस लौट आए। मंत्री ने कहा की डॉक्टर की सभी मांगों को मान लिया गया है लेकिन फिर भी बिना बात के मरीजों को परेशान करने लिए हड़ताल कर है तो सरकार भी सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी। मंत्री ने कहा की सरकार मजबूर नहीं है, वो सख्त कदम उठा सकती है। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की है ताकि मरीजों को कोई समस्या ना हो लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। मंत्री ने साफ कर दिया है की अब किसी प्रकार की कोई वार्ता नहीं होगी क्योंकि सभी मांगों पर बातचीत हो चुकी है और जो मांगे है उनपर भी सरकार बातचीत करने को तैयार है।

उधर, रेसिडेंट्स डॉक्टर्स का कहना है की एचआरए की मांग को लेकर डेढ़ साल से लड़ रहे है लेकिन अभी भी सरकार वित्त मामले का हवाला दे रही है। डॉक्टर का कहना है कि अब तक की वार्ताओं में सिर्फ आश्वासन दिया गया है लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर आश्वासन पर काम पर नहीं लौटेंगे। जब तक लिखित में मांगों को पूरा नहीं किया जाता ही तब तक हड़ताल जारी रहेगी। मांगो को लेकर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में अब सेवारत चिकित्सको ने भी चेतावनी देते हुए तीन दिन में मांगे पूरी करने की बात कही, यदि सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो सेवारत डॉक्टर्स भी रेजिडेंट्स के साथ हड़ताल पर उतरेंगे।

ये है प्रमुख मांग
1. अन्य राज्यों की तर्ज पर आवासीय भत्ता देने
2. हाल ही में बढ़ाई गई पीजी और सुपर स्पेशिलिटी की फीस का आर्डर वापस लेने
3. चिकित्सकों के लिए पुख्ता सुरक्षा उपलब्ध करानेBody:सरकार और रेजिडेंट डॉक्टर्स के बीच में मरीज पीस रहा है। दूरदराज से आने वाले मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा। कई ऑपेरशन को टाला जा रहा है तो कईओं को आगे की तारीख दी जा रही है।

बाइट - डॉ. रामचन्द्र जांगू, अध्यक्ष, जार्ड,
बाइट - डॉ देवराज राव, अध्यक्ष , आरडीए अजमेर
बाईट- डॉ रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्रीConclusion:
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