जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में मांग संख्या-29 नगर आयोजना एवं प्रादेशिक विकास पर हुई बहस के जवाब दिये. बहस के बाद सदन ने नगर आयोजना एवं प्रादेशिक विकास की 62 अरब, 17 करोड़ 69 लाख 13 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी.
धारीवाल ने कहा कि बकाया व्यवसायिक एवं आवासीय गृहकर 31 अगस्त 2019 तक एकमुश्त जमा करवाने पर मूल गृहकर की राशि पर 50 प्रतिशत की छूट एवं शास्ति पर शत-प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसी प्रकार स्थानीय निकायों में बकाया नगरीय विकास कर को 31 अगस्त 2019 तक एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज एवं शास्ति पर शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जो प्रकरण 8 वर्ष से पूर्व के हैं उनमें एकमुश्त जमा करवाने पर उस अवधि के नगरीय विकास कर में ब्याज पैनेल्टी की छूट के साथ-साथ मूल बकाया में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. उन्होंने कहा कि नगरीय विकास कर जमा करवाने की प्रक्रिया को सरल, व्यावहारिक एवं डिजिटलाइज करते हुए ऑनलाइन स्वनिर्धारण कर जमा करवाने की व्यवस्था शुरू की जाएगी.
पृथ्वीराज नगर योजना की 736 गृह निर्माण सहकारी समितियों की योजनाओं में से 485 योजनाओं का नियमन किया गया
पृथ्वीराज नगर योजना की 736 गृह निर्माण सहकारी समितियों की योजनाओं में से 485 योजनाओं का नियमन किया जा चुका है. पृथ्वीराज नगर में सड़क निर्माण के लिए अब तक लगभग 184 करोड़ 71 लाख रूपये खर्च किए जा चुके हैं. योजना में पेयजल की सुचारू व्यवस्था करने के लिए जलदाय विभाग को 60 करोड़ रूपये एवं विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए 23 करोड़ 68 लाख रूपये जारी किए जा चुके हैं. वहीं सीवरेज के लिए 186 करोड़ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर प्रथम चरण के लिए 50 करोड़ रूपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है. पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में वृक्षारोपण के लिए 50 करोड़ रूपये का भी प्रावधान किया गया है.
आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग के लिए 60 करोड़ की लागत से 1568 आवासों का करवाया जाएगा निर्माण
उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग के लिए 60 करोड़ की लागत से 1568 आवासों का निर्माण करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री जनआवास योजना में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 11 हजार 524 एवं निम्न आय वर्ग के लिए 24 हजार 47 फ्लैट अनुमोदित किए गए हैं.
धारीवाल ने कहा कि पांचवे वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर प्रदेश के नगरीय निकायों को अनुदान के रूप में 942 करोड़ 22 लाख रूपये एवं 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1083 करोड़ 13 लाख रूपये उपलब्ध करवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के प्रशिक्षण एवं दक्षता संवर्धन के लिए शहरी विकास केन्द्र का गठन किया जाएगा. केन्द्र के भवन एवं संचालन के लिए आरयूआईडीपी से 10 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी. इसी प्रकार हैरिटेज सिटी जयपुर के लिए स्पेशल एरिया मास्टर प्लान के तहत हैरिटेज प्लान, चारदीवारी संरक्षण और ट्रैफिक प्लान बनाया जाएगा.
धारीवाल ने कहा कि आरयूआईडीपी के चौथे चरण में 5000 करोड़ रूपये के कार्य प्रस्तावित हैं. नौ शहरों के लिए 1300 करोड़ रूपये की निविदाएं प्राप्त की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवाओं को सुदृढ करने के लिए पांच एरियल हाइड्रॉलिक लैडर प्लेटफॉर्म खरीदे जाएंगे जिनका उपयोग बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए उपयोग किया जा सकेगा. इसके साथ ही 100 नए अग्निशमन वाहन खरीदे जाएंगे और अग्निशमन सेवाओं के संचालन के लिए आवश्यक पदों पर भर्तियां भी की जाएंगी.
धारीवाल ने कहा कि नगरीय निकायों में जनसाधारण की भागीदारी बढ़ाने के लिए पुनःर्निधारण कर वार्डों की संख्या को बढ़ाया गया है. छोटे वार्ड गठित होने से इनका प्रशासन और विकास बेहतर होगा.
धारीवाल ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से जयपुर मैट्रो के दूसरे चरण में सीतापुरा से पानीपेच के बीच भारत सरकार के सहयोग से मैट्रो चलाई जाएगी जिसकी डीपीआर बनाई जा रही है. वहीं जेसीटीसीएल 600 नई बसें खरीदेगी जिसमें से 300 बस डीजल की तथा 300 बसें इलेक्ट्रिक होंगी.
धारीवाल ने कहा कि राजस्थान आवासन मंडल के 22 हजार मकान विक्रय नहीं हुए हैं जिन्हें बजट घोषणा के अनुरूप 50 प्रतिशत तक की छूट पर विक्रय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान आवासन मंडल को अतिक्रमण हटाने तथा हायर परचेज योजना में आवंटित मकानों की बकाया वसूली के लिए शक्तियां दी जाएंगी.
धारीवाल ने कहा कि राज्य में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों का विकास जोनल डेवलपमेंट प्लान की अनिवार्यता के कारण नहीं रुके इसके लिए राजस्थान नगर सुधार अधिनियम 1959 एवं नगर पालिका अधिनियम 2009 में संशोधन किया जाएगा.
अमृत योजना के अन्तर्गत चयनित 19 शहरों में कार्यों की भौतिक प्रगति लगभग 60 फीसदी
उन्होंने कहा कि अमृत योजना के अन्तर्गत चयनित 19 शहरों में कार्यों की भौतिक प्रगति लगभग 60 फीसदी है. सीवरेज कार्यों से लाभान्वित जनसंख्या 29.13 प्रतिशत से बढ़कर 55 फीसदी हो जाएगी. प्रदेश में लगभग तीन लाख घरों को सीवर लाइन से और एक लाख 64 हजार घरों को पेयजल लाइन से जोड़ा जाएगा. लगभग 3 हजार 200 किलोमीटर पेयजल लाइन डाली जाएगी. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में 59 आरओबी एवं आरयूबी का कार्य प्रारंभ किया गया था. इनमें से 36 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि 11 का कार्य प्रगति पर है. छह का कार्य अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है.
आरयूआईडीपी तृतीय चरण में 13 शहरों में 4 हजार 50 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर
धारीवाल ने कहा कि आरयूआईडीपी तृतीय चरण में 13 शहरों में 4 हजार 50 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर है. चतुर्थ चरण में 42 शहरों में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए की लागत से पेयजल वितरण, सीवरेज, ड्रेनेज आदि आधारभूत सुविधाओं के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. योजना के तहत बूंदी एवं कैथून को भी जोड़ा जायेगा.
राजीव आवास योजना के तहत प्रदेश के 16 शहरों में 21 हजार 908 के लक्ष्य के विरूद्ध 12 हजार 841 आवास पूर्ण किए गए
उन्होंने कहा कि राजीव आवास योजना के तहत प्रदेश के 16 शहरों में 21 हजार 908 के लक्ष्य के विरूद्ध 12 हजार 841 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं. स्वच्छ भारत मिशन में घरेलू शौचालयों के 3 लाख 61 हजार 753 के विरूद्ध 3 लाख 49 हजार 361 आवेदन स्वीकृत कर 3 लाख 42 हजार 621 का निर्माण किया जा चुका है. एक हजार 500 के लक्ष्य के विरूद्ध एक हजार 196 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है. राज्य में 5 हजार 389 वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारंभ किया जाना प्राथमिकता के तौर पर लिया जा रहा है.
धारीवाल ने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण ग्रीन लंग्स परियोजना के माध्यम से 67 लाख 90 हजार रूपये व्यय कर 18 हजार 700 पेड़ लगाए जाएंगे एवं 21 हजार पौधे वितरित किए जाएंगे. शहर की हरियाली बढ़ाने के लिए ग्रीनवुड पार्क परियोजना के तहत 35 पार्को में 38 लाख 92 हजार रूपये की लागत से 5 हजार 520 पौधे लगाए जाएंगे. इसी प्रकार 47 लाख 26 हजार रूपये की लागत से नई सड़कों के दोनों ओर 12 हजार 300 पेड़ लगाए जाएंगे.