जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही के पहले ही दिन नदारद रहने वाले भाजपा के 4 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत मिले हैं. ये संकेत जयपुर में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने दिए हैं. दरअसल, गुरुवार को ये चारों ही विधायकों को जयपुर तलब किया गया था. पहले नेता प्रतिपक्ष और फिर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष उन्होंने अपनी बात रखी.
करीब 2 घंटे तक भाजपा मुख्यालय में सतीश पूनिया ने चारों विधायकों से अलग-अलग बात की और उनका पक्ष भी जाना. बैठक के बाद मीडिया में इन विधायकों ने अपने गैरहाजिर रहने के कई कारण भी गिनाए. विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि उन्हें दस्त लग गए थे तो गौतम मीणा ने कहा कि सचिन पायलट और गहलोत एकजुट हो गए थे और बीजेपी भी विश्वास मत नहीं ला रही थी, इसलिए मैं सदन से किसी काम के कारण चला गया.
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इन विधायकों से उनका पक्ष जानने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में लापरवाही साफ तौर पर दिख रही है. उन्होंने बताया कि इन विधायकों से उनका पक्ष भी जाना गया है. अब पार्टी के प्रमुख नेता आपस में चर्चा कर इनके बारे में जल्द ही कोई फैसला लेंगे.
बहरहाल, चारों विधायकों के सदन से बिना नेता प्रतिपक्ष या प्रदेशाध्यक्ष को बताए गायब होना इस बात का संकेत है कि प्रदेश भाजपा में भी फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं है. यदि यह पूरा घटनाक्रम एक सोची समझी साजिश थी तो यह भी तय है कि अब भाजपा में भी गुटबाजी हावी होने लगी है.
ये चार विधायक हुए थे सदन से गायब
14 अगस्त को विधानसभा सत्र के पहले दिन बीजेपी के 4 विधायक सदन की कार्यवाही के बीच ही गायब हो गए. इसमें आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और धरियावाद विधायक गौतम मीणा का नाम शामिल हैं.
हालांकि, इस दिन सुबह विधानसभा में हुई बीजेपी विधायकों की बैठक में चारों ही विधायक शामिल हुए थे और सुबह सत्र के दौरान भी सदन में नजर आए, लेकिन दोपहर बाद यह विधायक सदन से गायब हो गए. एक विधायक की तबीयत खराब होना बताई जा रही थी, जबकि दूसरे के पारिवारिक मित्र की मौत होने का हवाला दिया जा रहा था.