जयपुर. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में बाल श्रम को रोकने के लिए आयोग की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. प्राइवेट और सरकारी बसों के जरिए अन्य राज्यों से बच्चों को राजस्थान में नहीं लाया जाए, इसको लेकर परिवहन विभाग को साथ लेकर कार्रवाई की जा रही है. लेकिन गंभीर बात यह है कि बाल श्रम कराने वाले ठेकेदार बच्चों को निजी वाहनों के जरिए अन्य राज्यों से लेकर आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह गंभीर और चैलेंजिंग है कि किस तरीके से इन लोगों को बाल श्रम के लिए रोका जाए. आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के सभी टोल नाकों पर चेक पोस्ट शुरू की जाए. जिसके जरिए बाहरी राज्यों से आने वाले बच्चों की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा सके.
उन्होंने कहा कि सभी टोल नाकों पर गुजरने वाले वाहनों में यह देखा जाएगा कि उन गाड़ियों में बिना पेरेंट्स के अगर कोई भी बच्चा ट्रेवल कर रहा है तो उसकी पूरी जानकारी जुटाई जाए. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव से वो मुलाकात करेंगी और आग्रह करेंगी कि सभी टोल नाकों पर इस तरह की चेकपोस्ट शुरू की जाए.
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संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल श्रमिकों के तस्करी का मामला सामने आने के साथ ही परिवहन विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई की गई. उसका यह नतीजा था कि पिछले दिनों में करीब 100 से अधिक बच्चों को छुड़ाया गया है. उन्होंने कहा कि बाल तस्करी के मामलों में गिरावट आई और किसी भी बच्चे को बाल मजदूरी के लिए मजबूर नहीं किया जाए, इसको लेकर अन्य राज्यों के बाल आयोग से भी लगातार समन्वय स्थापित किए हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि गुजरात, बिहार और मध्य प्रदेश से ज्यादातर बाल श्रमिकों के रूप में बच्चों को लाया जा रहा है. पिछले दिनों 3 बच्चों की दर्दनाक मौत हुई थी. उसपर भी आयोग की तरफ से परिवार वालों को आर्थिक मदद दी गई है. भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर भी निर्देश जारी किए गए.
संगीता बेनीवाल ने कहा कि जिन 3 बच्चों की पिछले दिनों दर्दनाक मौत हुई थी. उनमें से एक बच्चे के पेरेंट्स की तो आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि वह अपने मृत बेटे का चेहरा भी नहीं देखने आ सके. ऐसे में आयोग की तरफ से उनके आने जाने का खर्चा उठाया गया और उन्हें अपने बेटे की आकर अंतिम बार शक्ल दिखाई गई.