जयपुर. राजस्थान सरपंच संघ के बैनर तले लंबे समय से प्रदेश के सरपंच आंदोलन कर रहे हैं. गांव में विकास कार्य करवाने के लिए बजट के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है. पंचायतों का खजाना पूरी तरह से खाली है.
राजस्थान सरपंच संघ के जयपुर जिला अध्यक्ष मेहर सिंह ने बताया, हम अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. उपखंड अधिकारी से लेकर राज्यपाल तक ज्ञापन भी दे चुके हैं. लेकिन अभी तक हमारी मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. मेहर सिंह ने कहा कि 24 फरवरी को जब प्रदेश का बजट विधानसभा में पारित किया गया, उस बजट में ग्राम पंचायत का नाम तक नहीं लिया गया. इसके कारण सरपंचों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.
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राज्य वित्त आयोग का ग्राम पंचायतों का पैसा भी दो साल से नहीं मिला है. ग्राम पंचायतों का 2,964 करोड़ रुपए बकाया चल रहा है. उन्होंने कहा कि छठा वित्त आयोग का गठन भी अब तक नहीं किया गया है. छठे वित्त आयोग का गठन मार्च 2020 में करना था, लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं किया गया है. इसके कारण पंचायतों को पैसा नहीं मिला है और गांव में विकास कार्य भी नहीं हो पा रहा. विकास कार्य नहीं होने के कारण जनता में भी आक्रोश है.
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ग्राम पंचायतों के विकास के लिए महीने में 5 और 20 तारीख को मीटिंग होती है. राजस्थान सरपंच संघ के आह्वान पर 5 मार्च को होने वाली मीटिंग का सभी सरपंचों ने बहिष्कार किया है. इस मीटिंग में प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होते हैं और ग्राम पंचायतों के विकास को लेकर चर्चा की जाती है. मेहर सिंह ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो 8 मार्च को विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा. सरपंच नीतू कुमारी मीणा ने बताया कई लंबे समय से हम लोग बिना बजट के परेशान हो रहे हैं. गांव में विकास कार्य नहीं होने के कारण जनता भी नाराज है. जनता ने हमें चुनकर भेजा है, लेकिन हम गांव में विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं.